उत्तरकाशी: दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण करने वाली उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की 24 वर्षीय सविता कंसवाल का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. माउंट ल्होत्से का सफल आरोहण करने वाली सविता कंसवाल भारत की दूसरी, जबकि उत्तराखंड राज्य की पहली महिला पर्वतारोही हैं. माउंट ल्होत्से का आरोहण करने वाली पहली भारतीय महिला होने का खिताब साल 2019 में पुणे की प्रियंका महातो ने अपने नाम किया था.
बुधवार को उत्तरकाशी लौटी पर्वतारोही सविता कंसवाल का लोनिवि अतिथि गृह में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. इससे पहले रविवार को देहरादून में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी सविता कंसवाल को पर्वतारोहण के क्षेत्र में प्रदेश और देश का नाम रोशन करने पर बधाई दी थी. सविता कंसवाल ने बताया कि माउंट ल्होत्से काफी टेक्निकल और पथरीली चोटी है, जिसका आरोहण बहुत ही मुश्किल है. इसके अलावा नेपाल में उन्होंने माउंट लबूचे पर भी तिरंगा लहाराया है.
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भारत सरकार युवा एवं खेल मंत्रालय के सहयोग से इंडियन माउंटेनियरिग फाउंडेशन (आइएमएफ) का एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन बीते एक अप्रैल से शुरू हुआ. अभियान की पहली चोटी नेपाल स्थित पुमोरी (7161 मीटर) का आरोहण चार पर्वतारोहियों ने 12 मई को किया. इसके बाद 24 मई की सुबह 5.50 बजे दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से पर उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की सविता कंसवाल और लद्दाख के पर्वतारोही स्टैफिन डेसल ने तिरंगा लहराया.
![Savita kanswal welcome in uttarkashi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12160802_uk.jpg)
मैसिफ अभियान की तीसरी चोटी नेपाल स्थित न्युप्से (7861) का आरोहण नहीं हो पाया. जबकि, एक जून को मैसिफ अभियान के तहत दो पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट का सफल आरोहण किया था.