उत्तरकाशी: सूबे में सरकारी स्कूलों के हाल बेहद खस्ता हैं. यही वजह है कि अभिभावक अपने नौनिहालों को इन स्कूलों में पढ़ाने से मुंह मोड़ रहे हैं. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय थली का हाल भी कुछ ऐसा है. जहां विद्यालय का भवन मरम्मत के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है. जहां कभी भी हादसा हो सकता है. आलम ये है कि हल्की बारिश में छत टपकता है तो चटक धूम में छत से प्लास्टर के टुकड़े गिरते हैं. ऐसे में छात्रों के सिर पर हमेशा खतरा मंडरा रहा है.
खोखली नींव पर टिका स्कूल का भवन, छत से गिरता है प्लास्टर: ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को संसाधन मुहैया कराने का सरकार डंका पीट रही है. सरकार के इन दावाें की पोल उच्च प्राथमिक विद्यालय थली का भवन खोल रहा है. खोखली नींव पर स्कूल का भविष्य टिका हुआ है. साल 2009 में थली में स्कूल भवन बनकर तैयार हुआ था. जो मरम्मत के अभाव में जर्जर बना हुआ है. वर्तमान शिक्षा सत्र में जर्जर स्कूल भवन के नीचे 22 छात्र-छात्राएं खौफ के माहौल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. हाल ये हैं कि बारिश के दिनों मे विद्यालय की छत से पानी टपकने पर छात्रों को गांव के पंचायत भवन में बैठा कर पढ़ाया जाता है.
ग्राम प्रधान ने बताई हकीकत: थली के ग्राम प्रधान अमीन सिंह राणा ने बताया कि स्कूल बरामदे के लिंटर के पिल्लर अपनी जगह छोड़ कर आड़े तिरछे हो गए हैं. लिंटर के लिए बंधा सरिया का जाल साफ दिखाई दे रहा है. स्कूल भवन की मरम्मत की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अधिकारी हर बार बजट का रोना रोकर प्रस्ताव बनाने का आश्वासन ही देते हैं. जिससे अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर हमेशा चिंता सताती रहती है.
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय थली के भवन मरम्मत के लिए जिला योजना से तीन लाख की धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्द ही स्कूल भवन का मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा. नए भवन का प्रस्ताव भी तैयार कराया जा रहा है. - अजीत सिंह भंडारी, खंड शिक्षाधिकारी, नौगांव