उत्तरकाशीः सीमांत जनपद उत्तरकाशी में कूड़ा निस्तारण की समस्या विकट होती जा रही है. यहां तांबाखाणी सुरंग के पास करीब 6 हजार टन कूड़ा जमा है. जो अब गंगोत्री हाईवे तक फैलने लगा है. जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम में आने वाले यात्रियों को नाक और मुंह ढक कर आवाजाही करनी पड़ रही है. कूड़े की बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
उत्तरकाशी में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्याः दरअसल, उत्तरकाशी नगर पालिका प्रशासन करीब 7 सालों से कूड़े के निस्तारण के लिए अभी तक भूमि का चयन नहीं कर पाया है. तिलोथ वार्ड में पालिका की ओर से मैदान का निर्माण कर कूड़ा निस्तारण के लिए सेग्रीगेशन मशीन कूड़ा छंटाई के लिए लगाई थी, लेकिन उसका भी स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं. इससे पहले तेखला में कूड़ा डंप किया जा रहा था. जहां से कूड़ा भागीरथी में गिर रहा था. यह मामला एनजीटी के अलावा हाईकोर्ट तक पहुंचा था.
गंगोत्री हाईवे पर भी फैल रहा कूड़ाः पालिका की ओर से मामले में जिला प्रशासन से भी मदद मांगी गई, लेकिन अब तक जिला प्रशासन की ओर से भी पालिका को कोई मदद नहीं मिल पाई है. अब स्थिति इतनी खराब हो गई है कि तांबाखाणी में कूड़े का निस्तारण नहीं होने से कूड़ा अब गंगोत्री हाईवे पर करीब 100 मीटर तक फैल गया है. हाईवे पर कूड़ा फैलने के कारण वो वाहनों के टायरों पर चिपक कर सड़कों पर फैल रहा है.
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कूड़ा और गंदगी से महामारी फैलने का खतराः वहीं, पैदल आवाजाही कर रहे लोगों को नाक-मुंह बंद करके आवाजाही करनी पड़ रही है. कूड़े की बदबू से अब तो महामारी फैलने का खतरा बन गया है. स्थानीय लोगों को दुर्गंध में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कई बार इस कूड़े के लिए आंदोलन भी किया गया, लेकिन न तो पालिका प्रशासन न ही जिला प्रशासन इस संबंध में कोई ठोस कदम उठा रहे हैं.
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क्या बोले अधिकारी? उत्तरकाशी नगर पालिका के ईओ शिव सिंह चौहान का कहना है कि तिलोथ में सेग्रीगेशन मशीन लगाने की अनुमति देने के लिए स्थानीय लोगों से वार्ता चल रही है. एक दो दिन के भीतर समस्या का समाधान निकाल दिया जाएगा. इसके अलावा कूड़े को बाहर भेजने की योजना भी चल रही है.