उत्तरकाशी: नगरपालिका बाड़ाहाट कूड़े की डंपिंग को लेकर उहापोह की स्थिति में है. तेखला और कंसेंण में विरोध झेलने के बाद अब नगरपालिका मांडों गांव के समीप कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही है. जिसका मांडों गांव के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने विरोध की रणनीति को लेकर रविवार को गांव के पंचायती चौक पर बैठक की. जिसमें ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जिला प्रशासन से इस कॉम्पेक्टर मशीन निर्माण को रोकने की मांग की जाए. इसेक बावजूद कोई निस्तारण नहीं होता है तो वे इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में भी जा सकते हैं. विरोध करते ग्रामीणों ने कहा कि शहर का कूड़ा गांव में डाला जाए ये वे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
नगरपालिका बाड़ाहाट बोर्ड कूड़े के डंपिंग जोन के मामले में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बोर्ड को कूड़ा निस्तारण के लिए कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है. नगरपालिका, मांडो गांव के लमथेड़ी तोक में कूड़ा निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर तो सरकार और प्रशासन गंगा को साफ और स्वच्छ करने की बात करते हैं और दूसरी ओर गंगा से मात्र 20 मीटर की दूरी पर ही नगरपालिका कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगवा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि कॉम्पेक्टर मशीन के लगने से मांडो गांव ही नहीं बल्कि आसपास के लक्षेश्वर, तेखला और कोट बंगला के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नगरपालिका उनकी बातों को मान जाये तो अच्छी बात है नहीं तो उन्हें कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा. इस मामले पर बोलते हुए नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि पहले भी उक्त स्थान पर क्रेशर लगा था जिसका ग्रामीणों ने कभी विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा जबतक राज्य सरकार जमीन नहीं देती तबतक लमथेड़ी-तोक में अस्थाई तौर पर कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगाई जाएगी.