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नगरपालिका के लिए कूड़ा निस्तारण बनी समस्या, ग्रामीणों ने चेताया, बोले- लेंगे कोर्ट की शरण

नगरपालिका बाड़ाहाट बोर्ड कूड़े के डंपिंग जोन के मामले में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बोर्ड को कूड़ा निस्तारण के लिए कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है. नगरपालिका, मांडो गांव के लमथेड़ी तोक में कूड़ा निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है

नगरपालिका के लिए कूड़ा निस्तारण बनी समस्या
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Published : Mar 24, 2019, 6:13 PM IST

उत्तरकाशी: नगरपालिका बाड़ाहाट कूड़े की डंपिंग को लेकर उहापोह की स्थिति में है. तेखला और कंसेंण में विरोध झेलने के बाद अब नगरपालिका मांडों गांव के समीप कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही है. जिसका मांडों गांव के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने विरोध की रणनीति को लेकर रविवार को गांव के पंचायती चौक पर बैठक की. जिसमें ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जिला प्रशासन से इस कॉम्पेक्टर मशीन निर्माण को रोकने की मांग की जाए. इसेक बावजूद कोई निस्तारण नहीं होता है तो वे इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में भी जा सकते हैं. विरोध करते ग्रामीणों ने कहा कि शहर का कूड़ा गांव में डाला जाए ये वे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

नगरपालिका के लिए कूड़ा निस्तारण बनी समस्या


नगरपालिका बाड़ाहाट बोर्ड कूड़े के डंपिंग जोन के मामले में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बोर्ड को कूड़ा निस्तारण के लिए कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है. नगरपालिका, मांडो गांव के लमथेड़ी तोक में कूड़ा निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर तो सरकार और प्रशासन गंगा को साफ और स्वच्छ करने की बात करते हैं और दूसरी ओर गंगा से मात्र 20 मीटर की दूरी पर ही नगरपालिका कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगवा रही है.


ग्रामीणों का कहना है कि कॉम्पेक्टर मशीन के लगने से मांडो गांव ही नहीं बल्कि आसपास के लक्षेश्वर, तेखला और कोट बंगला के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नगरपालिका उनकी बातों को मान जाये तो अच्छी बात है नहीं तो उन्हें कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा. इस मामले पर बोलते हुए नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि पहले भी उक्त स्थान पर क्रेशर लगा था जिसका ग्रामीणों ने कभी विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा जबतक राज्य सरकार जमीन नहीं देती तबतक लमथेड़ी-तोक में अस्थाई तौर पर कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगाई जाएगी.

उत्तरकाशी: नगरपालिका बाड़ाहाट कूड़े की डंपिंग को लेकर उहापोह की स्थिति में है. तेखला और कंसेंण में विरोध झेलने के बाद अब नगरपालिका मांडों गांव के समीप कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही है. जिसका मांडों गांव के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने विरोध की रणनीति को लेकर रविवार को गांव के पंचायती चौक पर बैठक की. जिसमें ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जिला प्रशासन से इस कॉम्पेक्टर मशीन निर्माण को रोकने की मांग की जाए. इसेक बावजूद कोई निस्तारण नहीं होता है तो वे इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में भी जा सकते हैं. विरोध करते ग्रामीणों ने कहा कि शहर का कूड़ा गांव में डाला जाए ये वे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

नगरपालिका के लिए कूड़ा निस्तारण बनी समस्या


नगरपालिका बाड़ाहाट बोर्ड कूड़े के डंपिंग जोन के मामले में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बोर्ड को कूड़ा निस्तारण के लिए कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है. नगरपालिका, मांडो गांव के लमथेड़ी तोक में कूड़ा निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन लगा रही थी. जिसका ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर तो सरकार और प्रशासन गंगा को साफ और स्वच्छ करने की बात करते हैं और दूसरी ओर गंगा से मात्र 20 मीटर की दूरी पर ही नगरपालिका कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगवा रही है.


ग्रामीणों का कहना है कि कॉम्पेक्टर मशीन के लगने से मांडो गांव ही नहीं बल्कि आसपास के लक्षेश्वर, तेखला और कोट बंगला के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नगरपालिका उनकी बातों को मान जाये तो अच्छी बात है नहीं तो उन्हें कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा. इस मामले पर बोलते हुए नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि पहले भी उक्त स्थान पर क्रेशर लगा था जिसका ग्रामीणों ने कभी विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा जबतक राज्य सरकार जमीन नहीं देती तबतक लमथेड़ी-तोक में अस्थाई तौर पर कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगाई जाएगी.

Intro:uttarkashi_vipin negi_grabage plant_24 march 2019. उत्तरकाशी। नगरपालिका बाड़ाहाट के नगर का कूड़ा गले की फांस बनकर रह गया है। तेखला और कंसेंण में विरोध झेलने के बाद अब नगरपालिका मांडो गांव के समीप कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगा रहा है। जिसका मांडो के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने विरोध की रणनीति को लेकर रविवार को गांव के पंचायती चौक में बैठक की। जिसमे ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि पहले जिला प्रशासन से इस कॉम्पेक्टर मशीन निर्माण को रोकने की मांग रखी जायेगी। अगर उसके बाद भी कोई निस्तारण नहीं होता है। तो उसके बाद प्रदर्शन से लेकर कोर्ट की शरण मे भी जाना पड़े,तो जाना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि नगर का कूड़ा गांव में डाला जाए। यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


Body:वीओ-1, नगरपालिका बाड़ाहाट का वर्तमान बोर्ड कूड़े के डंपिंग जोन में फ़ंस कर रह गया है। बोर्ड के पास कूड़े के निस्तारण के लिए कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है। नगरपालिका मांडो गांव के लमथेड़ी नामक तोक में कूड़े के निस्तारण के लिए कॉम्पेक्टर मशीन लगा रहा है। जहां पर मांडो गांव के लोग घोर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक और तो गंगा को स्वच्छ रखने की बात कही जा रही है। तो वहीं दूसरी और गंगा से मात्र 20 मीटर की दूरी पर नगरपालिका कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि लमथेड़ी तोक में आय दिन ग्रामीण महिलाएं घास लेने जाती है। साथ ही गांव को भी प्रदूषण का शिकार होना पड़ेगा।


Conclusion:वीओ-2, मांडो गांव के ग्रामीणों का कहना है कि इस कॉम्पेक्टर मशीन के लगने से मांडो गांव ही नहीं बल्कि आसपास के लक्षेश्वर तेखला और कोट बंगला के लोगों को भी कूड़े के धुएं से परेशान होना पड़ेगा। कहा कि अगर नगरपालिका बातचीत से मान जाता है। तो ठीक है। नहीं तो कोर्ट की शरण मे जाना पड़ेगा। नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि पहले भी उक्त स्थान पर क्रेशर लगा था। उस समय विरोध नहीं हुआ। साथ ही जब तक राज्य सरकार जमीन नहीं देती है। तब तक लमथेड़ी तोक में अस्थाई तोर पर यह कूड़े की कॉम्पेक्टर मशीन लगाई जा रही है। बाईट- जयप्रकाश भट्ट,ग्रामीण। बाईट- मोहन चौहान,ग्रामीण। बाईट- कुंती देवी,ग्रामीण।। बाईट- रमेश सेमवाल,अध्यक्ष नगरपालिका बाड़ाहाट।
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