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गंगोत्री यमुनोत्री के मायके में डोली विदाई की तैयारियां तेज, 22 अप्रैल को खुलेंगे कपाट

22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. उससे पहले गंगा-यमुना के मायके में डोली विदाई की तैयारियां तेज हो गई हैं. मां गंगा की डोली मुखबा गांव से शुक्रवार को रवाना होगी, जबकि मां यमुना की डोली शनिवार को खरसाली से रवाना होगी. जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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गंगोत्री यमुनोत्री के मायके में डोली विदाई की तैयारियां तेज
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Published : Apr 20, 2023, 7:57 PM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाटोद्घाटन के लिए मां यमुना और गंगा की डोली विदाई की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. गंगा के मुखबा एवं यमुना के खरसाली मायकेवासी डोली विदाई की तैयारी लगे हुए हैं. ग्रामीण बेटी की तरह डोली को मायके से विदा करेंगे. अब छह माह बाद फिर से गंगा-यमुना की डोली अपने मायके आएगी.

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल जाएंगे. कपाट खुलने के लिए एक दिन का समय शेष रह गया है, इसलिए तीर्थ पुरोहितों ने कपाटोद्घाटन की तैयारियां तेज कर दी हैं. मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से शुक्रवार को रवाना होगी. गंगोत्री मंदिर के तीर्थ पुरोहित सुधांशु सेमवाल ने बताया गांव में डोली विदाई की तैयारी चल रही है. मुखबा में गंगा मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है. शुक्रवार को 12.15 के गंगा की डोली को चिणा, फाफरा, आलू, राजमा का भोग लगाया जाएगा. इसके बाद आर्मी पाइप बैंड की धुन के साथ डोली गंगोत्री के लिए रवाना होगी.

पढ़ें- उत्तराखंड चारधाम यात्रा से पहले बड़ी तैयारी, आपदा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियां कर रही मॉक अभ्यास

पहले दिन रात्री विश्राम के लिए डोली भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर पहुंचेगी. दूसरे दिन सुबह यहां से डोली गंगोत्री के लिए रवाना होगी. दस बजे गंगोत्री धाम पहुंचेगी. साढ़े बारह बजे मां गंगा की डोली की माजदूगी में गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. उधर, मां यमुना के मायकेवासी खरसाली के ग्रामीण भी डोली विदाई की तैयारी में जुटे हैं. यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि यमुना की डोली कपाटोद्घाट के दिन सुबह खरसाली से रवाना होगी. डोली को विदा करने लिए यमुना के चचेरे भाई सोमेश्वर की डोली भी ढोल-दमाऊ के साथ यमुनोत्री तक जाएगी.

उत्तरकाशी: गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाटोद्घाटन के लिए मां यमुना और गंगा की डोली विदाई की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. गंगा के मुखबा एवं यमुना के खरसाली मायकेवासी डोली विदाई की तैयारी लगे हुए हैं. ग्रामीण बेटी की तरह डोली को मायके से विदा करेंगे. अब छह माह बाद फिर से गंगा-यमुना की डोली अपने मायके आएगी.

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल जाएंगे. कपाट खुलने के लिए एक दिन का समय शेष रह गया है, इसलिए तीर्थ पुरोहितों ने कपाटोद्घाटन की तैयारियां तेज कर दी हैं. मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से शुक्रवार को रवाना होगी. गंगोत्री मंदिर के तीर्थ पुरोहित सुधांशु सेमवाल ने बताया गांव में डोली विदाई की तैयारी चल रही है. मुखबा में गंगा मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है. शुक्रवार को 12.15 के गंगा की डोली को चिणा, फाफरा, आलू, राजमा का भोग लगाया जाएगा. इसके बाद आर्मी पाइप बैंड की धुन के साथ डोली गंगोत्री के लिए रवाना होगी.

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पहले दिन रात्री विश्राम के लिए डोली भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर पहुंचेगी. दूसरे दिन सुबह यहां से डोली गंगोत्री के लिए रवाना होगी. दस बजे गंगोत्री धाम पहुंचेगी. साढ़े बारह बजे मां गंगा की डोली की माजदूगी में गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. उधर, मां यमुना के मायकेवासी खरसाली के ग्रामीण भी डोली विदाई की तैयारी में जुटे हैं. यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि यमुना की डोली कपाटोद्घाट के दिन सुबह खरसाली से रवाना होगी. डोली को विदा करने लिए यमुना के चचेरे भाई सोमेश्वर की डोली भी ढोल-दमाऊ के साथ यमुनोत्री तक जाएगी.

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