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पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खुला गंगोत्री नेशनल पार्क

गंगोत्री नेशनल पार्क को पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया है. पार्क के उपनिदेशक का कहना है कि पार्क खुलने के बाद पर्यटन और ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों को कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई करने में काफी मदद मिलेगी.

Uttarkashi
गंगोत्री नेशनल पार्क
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Published : Jun 30, 2021, 10:04 PM IST

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क को बुधवार से पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया है. गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर पार्क को सैलानियों और साहसिक गतिविधियों के लिए खोल दिया गया है. कोरोनाकाल में जो पार्क प्रशासन को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की उम्मीद अब पार्क के खुलने के बाद से जगी है.

कोरोना की वजह से पिछले साल भी गंगोत्री नेशनल पार्क में सभी तरह की गतिविधियां बंद कर दी गई थीं. इस साल भी जब 1 अप्रैल को पार्क के गेट खुले तो कोरोना ने वापस से अपने पैर पसारे. जिसके बाद पार्क को फिर से बंद करने का निर्णय लिया गया. वहीं, पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को गंगोत्री नेशनल पार्क को सैलानियों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है, जिससे पर्यटन और ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इसका स्वागत किया है. ऐसे में अब उन्हें कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई करने में काफी मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ SC पहुंची उत्तराखंड सरकार

दरअसल, गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी नेलांग-जाडुंग घाटी, गौमुख और देश की 7 हजार मीटर ऊंची कई चोटियां हैं, जिन पर हर साल हजारों पर्वतारोही, पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं. पार्क करीब 2,390 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क में गंगोत्री ग्लेशियर सहित दुर्लभ वन्य जीव स्नो लैपर्ड, भरल और भूरा हाथी के अलावा अन्य कई जानवरों के घर के रूप में भी जाना जाता है.

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क को बुधवार से पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया है. गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर पार्क को सैलानियों और साहसिक गतिविधियों के लिए खोल दिया गया है. कोरोनाकाल में जो पार्क प्रशासन को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की उम्मीद अब पार्क के खुलने के बाद से जगी है.

कोरोना की वजह से पिछले साल भी गंगोत्री नेशनल पार्क में सभी तरह की गतिविधियां बंद कर दी गई थीं. इस साल भी जब 1 अप्रैल को पार्क के गेट खुले तो कोरोना ने वापस से अपने पैर पसारे. जिसके बाद पार्क को फिर से बंद करने का निर्णय लिया गया. वहीं, पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को गंगोत्री नेशनल पार्क को सैलानियों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है, जिससे पर्यटन और ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इसका स्वागत किया है. ऐसे में अब उन्हें कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई करने में काफी मदद मिलेगी.

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दरअसल, गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी नेलांग-जाडुंग घाटी, गौमुख और देश की 7 हजार मीटर ऊंची कई चोटियां हैं, जिन पर हर साल हजारों पर्वतारोही, पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं. पार्क करीब 2,390 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क में गंगोत्री ग्लेशियर सहित दुर्लभ वन्य जीव स्नो लैपर्ड, भरल और भूरा हाथी के अलावा अन्य कई जानवरों के घर के रूप में भी जाना जाता है.

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