उत्तरकाशी: प्रदेश सरकार ने बुधवार से चारधाम यात्रा प्रदेशवासियों के लिए शुरू कर दी है. लेकिन अनलॉक 2 में भी कोरोना सक्रमण के भय के चलते गंगोत्री यमुनोत्री धाम में सन्नाटा पसरा रहा. गंगोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की इस प्रकार के निर्णयों से छवि धूमिल हो रही है. साथ ही कहा कि अगर यात्रा के खुलने से चारों धामों में पुरोहित कोरोना संक्रमित हो गया तो धामों के कपाट बंद होने जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी.
अनलॉक-2 में प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से प्रदेशवासियों के लिए चारधाम यात्रा शुरू कर दी है, लेकिन इस अनलॉक में प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के मामलों का असर चारधाम यात्रा पर खुलने के पहले दिन ही देखने को मिला. गंगोत्री यमुनोत्री धामों में सन्नाटा पसरा रहा. साथ ही दोनों धामों का बाजार भी ऑफ सीजन की तरह लॉक ही दिखा. जहां पर अभी तक दुकानों पर लगाई गई सील पर भी छेड़छाड़ नहीं हुई है. साथ ही सरकारी गेस्ट हाउस भी वीरान नजर आए.
पढ़ें- व्यापारी सुधीर कुमार कक्कड़ कैसे बने गोल्डन बाबा, जानिए
गंगोत्री मंदिर धाम समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार बिना सोचे समझे निर्णय पर निर्णय लिए जा रही है. जबकि, अभी सितंबर तक यात्रा पर किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. सेमवाल ने कहा कि यात्रा तो खोल दी, लेकिन अगर धामों में यात्री आते हैं तो उसके लिए किसी प्रकार की व्यवस्था ही नहीं है. साथ ही कहा कि जब तीर्थ विधान ही पूरे नहीं होने हैं तो ऐसी यात्रा का क्या फायदा. इसलिए धामों में जो व्यवस्था कोरोना काल में चल रही है, उसे कोरोना खत्म होने तक यथावत रखा जाए.