उत्तरकाशी: भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री धाम को जोड़ने वाला गंगोरी वैली ब्रिज चौथी बार टूटने की कगार पर है. पुल के साइड पिलर और एंबेडमेंट वाहनों के भार के कारण टेढ़े हो गए हैं. साथ ही पुल के बीचोंबीच दबाव को महसूस किया जा सकता है. वहीं, पुल पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि बीआरओ के अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई, लेकिन अब तक निरीक्षण नहीं किया गया है.
बता दें कि गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी में बने वैली ब्रिज की भार क्षमता 40 टन है. बावजूद ये ब्रिज चौथी बार टूटने की कगार पर है. इस पुल के साइड पिलर और एबड़मेन्ट टेढ़े हो गए हैं. साथ ही पुल के बीच के हिस्से में दबाव महसूस किया जा रहा है.
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इससे पहले साल 2012 में अस्सी गंगा में आए तेज बहाव की वजह से ये पुल बह गया था. जिसके बाद बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन ने गंगोरी में 190 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया, जोकि दिसम्बर 2017 में वाहनों के दबाव के कारण टूट गया. जिस पर बीआरओ ने वहीं पर वैली पुल का निर्माण किया, लेकिन ये पुल तीन महीने बाद ही 1 अप्रैल 2018 को दोबारा टूट गया. जिसके बाद एक करोड़ रुपये की लागत से दोबारा इस ब्रिज का निर्माण किया गया.
वहीं, पुल पर तैनात जिला प्रशासन के कर्मचारी बीर सिंह ने कहा कि पुल पर लगातार भारी वाहनों के चलने के कारण पुल की स्थिति जर्जर हो गई है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. बीआरओ के अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक पुल का निरीक्षण भी नहीं किया गया है.