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निकाय के चक्रव्यूह को भेदने के लिए बीजेपी ने बनाया खास प्लान, सीटों के साथ समीकरण पर नजर - BJP STRATEGY IN CIVIC ELECTION

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को जवाब देने के लिए बीजेपी ने साख रणनीति तय की है.

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देहरादून में बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 6, 2025, 6:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में अपनी जीत का परचम फहराने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. अपने प्रत्याशियों को जीत के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने खास रणनीति बनाई है. बीजेपी के बड़े नेता और प्रदेश प्रवक्ता सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी केंद्र और राज्य की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेंगे. इसके अलावा कांग्रेस को टारगेंट किया जाएगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत आज 6 जनवरी सोमवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय देहरादून से की गई.

बीजेपी के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन को एकजुट कर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में जनता के बीच जाएगी. इस दौरान बीजेपी केंद्र और राज्य सरकार के कामों और उपलब्धियों को जनता के बीच रखेगी.

वर्तमान काम और भविष्य की योजनाओं पर फोकस: इस चुनाव में बीजेपी का फोकस जनता का ध्यान उन कार्यों पर तरफ आकर्षित करना है, जो उनकी सरकार ने नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में किया. भाजपा प्रवक्ता जोशी ने बताया कि पहले दो मुख्य विषय पर फोकस किया जा रहा हैं. पहले जो काम किए गए हैं, उन्हें हाईलाइट किया जाएगा. इसके अलावा जो काम आगे किए जाने हैं, उसकी भी जानकारी लोगों को दी जाएगी.

कांग्रेस पर साधा निशाना: प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि बीजेपी विकास को लेकर राजनीति कर रही हैं और विकास के कामों को लेकर ही जनता के बीच जा रही हैं. लेकिन कांग्रेस विकास को मुद्दों से भटकाने का काम करती है.

मलिन बस्ती अध्यादेश और युवाओं की नौकरी का मुद्दा: इस चुनाव में बीजेपी मलिन बस्ती अध्यादेश के मुद्द पर भी वोट मांगेगी. बीजेपी का कहना है कि गरीब लोग को बेघर न हो, इसके लिए बीजेपी मलिन बस्तियों को लेकर दो-दो बार अध्यादेश लायी है.

वहीं बेरोजगारी के जिस मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा बीजेपी हमला करती है, उस पर भी बीजेपी ने अपना जवाब तैयार कर रखा है. बीजेपी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अगर प्रदेश में सबसे ज्यादा नौकरी किसी सरकार ने दी है तो वो धामी सरकार ने ही दी है.

बीजेपी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कमान संभालने के बाद रिकॉर्ड 19 हजार नौकरियां दी गई है, वो भी निष्पक्ष तरीके और बिना नकल के. लेकिन कांग्रेस रोजगार के मुद्दे पर भ्रम और झूठ फैलाकर जनता को भड़काने का काम कर रही है.

बीजेपी का आरोप है कि आज जब उनकी सरकार नौकरियों की विज्ञप्ति निकलती है तो कांग्रेस झंडा बैनर लेकर विरोध करना शुरू कर देती है. बीजेपी का कहना है कि जो कांग्रेस अपनी सरकार में युवाओं को रोजगार नहीं दे पाई और वो अब बेरोजगारों को भड़काने और नियुक्ति प्रक्रिया में अड़ंगा डालने का काम कर रही है.

धार्मिक मुद्दों को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा: चुनाव आते ही धर्म से जुड़े मुद्दों को भी हवा मिल जाती है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस को देवभूमि की भी पहचान स्वीकार्य भी नहीं है. कांग्रेस लगातार समाज को जाति, वर्गों और संप्रदायों में बांटने का काम करती है. बीजेपी सरकार एक तरफ जहां उत्तराखंड में संस्कृत और मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाती हैं और शिक्षा क्षेत्र में तमाम संस्थाओं में सुधार लाते हुए सर्व समाज की बेहतरी के लिए काम करती है, लेकिन कांग्रेस मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का वादा करती हैं.

कांग्रेस के छोड़ बीजेपी में आ रहे नेता: चुनाव में कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है. इसको लेकर जब सुरेश जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी नेता बीजेपी की विचारधारा और नेतृत्व से प्रभावित उनकी पार्टी में शामिल हो रहे है. कांग्रेस कुछ लोगों और परिवारों की ही पार्टी बनकर रह गई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेस के नेताओं के कर्मों और कार्यशैली से निराश होकर लोग उनके नेता पार्टी छोड़ रहे है और बीजेपी से जुड़ रहे है.

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देहरादून: उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में अपनी जीत का परचम फहराने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. अपने प्रत्याशियों को जीत के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने खास रणनीति बनाई है. बीजेपी के बड़े नेता और प्रदेश प्रवक्ता सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी केंद्र और राज्य की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेंगे. इसके अलावा कांग्रेस को टारगेंट किया जाएगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत आज 6 जनवरी सोमवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय देहरादून से की गई.

बीजेपी के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन को एकजुट कर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में जनता के बीच जाएगी. इस दौरान बीजेपी केंद्र और राज्य सरकार के कामों और उपलब्धियों को जनता के बीच रखेगी.

वर्तमान काम और भविष्य की योजनाओं पर फोकस: इस चुनाव में बीजेपी का फोकस जनता का ध्यान उन कार्यों पर तरफ आकर्षित करना है, जो उनकी सरकार ने नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में किया. भाजपा प्रवक्ता जोशी ने बताया कि पहले दो मुख्य विषय पर फोकस किया जा रहा हैं. पहले जो काम किए गए हैं, उन्हें हाईलाइट किया जाएगा. इसके अलावा जो काम आगे किए जाने हैं, उसकी भी जानकारी लोगों को दी जाएगी.

कांग्रेस पर साधा निशाना: प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि बीजेपी विकास को लेकर राजनीति कर रही हैं और विकास के कामों को लेकर ही जनता के बीच जा रही हैं. लेकिन कांग्रेस विकास को मुद्दों से भटकाने का काम करती है.

मलिन बस्ती अध्यादेश और युवाओं की नौकरी का मुद्दा: इस चुनाव में बीजेपी मलिन बस्ती अध्यादेश के मुद्द पर भी वोट मांगेगी. बीजेपी का कहना है कि गरीब लोग को बेघर न हो, इसके लिए बीजेपी मलिन बस्तियों को लेकर दो-दो बार अध्यादेश लायी है.

वहीं बेरोजगारी के जिस मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा बीजेपी हमला करती है, उस पर भी बीजेपी ने अपना जवाब तैयार कर रखा है. बीजेपी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अगर प्रदेश में सबसे ज्यादा नौकरी किसी सरकार ने दी है तो वो धामी सरकार ने ही दी है.

बीजेपी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कमान संभालने के बाद रिकॉर्ड 19 हजार नौकरियां दी गई है, वो भी निष्पक्ष तरीके और बिना नकल के. लेकिन कांग्रेस रोजगार के मुद्दे पर भ्रम और झूठ फैलाकर जनता को भड़काने का काम कर रही है.

बीजेपी का आरोप है कि आज जब उनकी सरकार नौकरियों की विज्ञप्ति निकलती है तो कांग्रेस झंडा बैनर लेकर विरोध करना शुरू कर देती है. बीजेपी का कहना है कि जो कांग्रेस अपनी सरकार में युवाओं को रोजगार नहीं दे पाई और वो अब बेरोजगारों को भड़काने और नियुक्ति प्रक्रिया में अड़ंगा डालने का काम कर रही है.

धार्मिक मुद्दों को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा: चुनाव आते ही धर्म से जुड़े मुद्दों को भी हवा मिल जाती है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस को देवभूमि की भी पहचान स्वीकार्य भी नहीं है. कांग्रेस लगातार समाज को जाति, वर्गों और संप्रदायों में बांटने का काम करती है. बीजेपी सरकार एक तरफ जहां उत्तराखंड में संस्कृत और मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाती हैं और शिक्षा क्षेत्र में तमाम संस्थाओं में सुधार लाते हुए सर्व समाज की बेहतरी के लिए काम करती है, लेकिन कांग्रेस मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का वादा करती हैं.

कांग्रेस के छोड़ बीजेपी में आ रहे नेता: चुनाव में कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है. इसको लेकर जब सुरेश जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी नेता बीजेपी की विचारधारा और नेतृत्व से प्रभावित उनकी पार्टी में शामिल हो रहे है. कांग्रेस कुछ लोगों और परिवारों की ही पार्टी बनकर रह गई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेस के नेताओं के कर्मों और कार्यशैली से निराश होकर लोग उनके नेता पार्टी छोड़ रहे है और बीजेपी से जुड़ रहे है.

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