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उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में होंगे भोग मूर्ति के दर्शन - गंगोत्री धाम में भोग मूर्ति के दर्शन

गंगा सप्तमी को इस वर्ष गंगोत्री धाम और उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा में सादगी से मनाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगा जन्मोत्सव में हवन और विशेष पूजा-अर्चना कर गंगा का श्रृंगार किया.

gangotri dham
गंगोत्री धाम
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Published : Apr 30, 2020, 8:07 PM IST

Updated : May 25, 2020, 7:29 PM IST

उत्तरकाशी: गंगा सप्तमी को इस वर्ष गंगोत्री धाम और उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा में सादगी से मनाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगा जन्मोत्सव में हवन और विशेष पूजा-अर्चना कर गंगा का श्रृंगार किया. साथ ही गंगा सप्तमी से ही गंगोत्री धाम में गंगा की भोगमूर्ति के दर्शन होते हैं. साथ ही आज के दिन ही गंगा धरती पर अवतरित हुई थी.

भोग मूर्ति के दर्शन.

कोरोना लॉकडाउन के चलते इस वर्ष गंगा का जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगोत्री और मुखबा में गगा की विशेष पूजा-अर्चना कर गंगा की स्तुति की. साथ ही गंगोत्री धाम प्रांगण में विश्व कल्याण के लिए हवन किया गया. जिसके बाद गंगा घाट पर गंगा को पुरोहितों ने पूजा अर्चना के बाद भोग लगाया और देश और विश्व को कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रार्थना की गई.

पढ़ें: ईरान से निकला नेवी अफसर फंसा कोरोना के 'जाल' में, चार बार होना पड़ा क्वारंटाइन

गंगोत्री धाम के पुरोहित सुधांशू सेमवाल ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट उद्धघाटन से लेकर गंगा सप्तमी तक गंगा मां की मूर्ति के दर्शन होते हैं. गंगा सप्तमी के दिन गंगा को भोगमूर्ति और उनका श्रृंगार किया जाता है. इसके बाद गंगोत्री धाम में गंगा की भोगमूर्ति के दर्शन होते हैं.

उत्तरकाशी: गंगा सप्तमी को इस वर्ष गंगोत्री धाम और उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा में सादगी से मनाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगा जन्मोत्सव में हवन और विशेष पूजा-अर्चना कर गंगा का श्रृंगार किया. साथ ही गंगा सप्तमी से ही गंगोत्री धाम में गंगा की भोगमूर्ति के दर्शन होते हैं. साथ ही आज के दिन ही गंगा धरती पर अवतरित हुई थी.

भोग मूर्ति के दर्शन.

कोरोना लॉकडाउन के चलते इस वर्ष गंगा का जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गंगोत्री और मुखबा में गगा की विशेष पूजा-अर्चना कर गंगा की स्तुति की. साथ ही गंगोत्री धाम प्रांगण में विश्व कल्याण के लिए हवन किया गया. जिसके बाद गंगा घाट पर गंगा को पुरोहितों ने पूजा अर्चना के बाद भोग लगाया और देश और विश्व को कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रार्थना की गई.

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गंगोत्री धाम के पुरोहित सुधांशू सेमवाल ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट उद्धघाटन से लेकर गंगा सप्तमी तक गंगा मां की मूर्ति के दर्शन होते हैं. गंगा सप्तमी के दिन गंगा को भोगमूर्ति और उनका श्रृंगार किया जाता है. इसके बाद गंगोत्री धाम में गंगा की भोगमूर्ति के दर्शन होते हैं.

Last Updated : May 25, 2020, 7:29 PM IST
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