उत्तरकाशीः पुलवामा आतंकी हमले में शहीद मोहन लाल रतूड़ी के पैतृक गांव बनकोट में मातम पसरा हुआ है. ग्रामीणों में आंतकियों और पाकिस्तान के इस कायराना हरकत को लेकर भारी आक्रोश है. वहीं, डीएम आशीष चौहान और एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने शहीद के गांव में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से मुहंतोड़ जवाब देने की मांग की.
बता दें कि बीते गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये. कई जवान घायल हो गये थे. उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. इस हमले में उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ क्षेत्र के बनकोट गांव के जांबाज जवान मोहन लाल रतूड़ी भी शहीद हो गये थे.
शहीद के जीजाजी कामेश्वर प्रसाद जगूड़ी ने Etv Bharat के साथ के साथ बात करते हुए उनसे जुड़ी यादों को साझा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोहन लाल रतूड़ी हर क्षेत्र में माहिर थे. गांव में पंडिताई भी करते थे. उन्होंने बताया कि गांव में सबसे अच्छा राम के पात्र का अभिनय करते थे. साथ ही कहा कि गांव में कोई भी काम हो करते थे. वो गांव में आयोजित होने वाले हर कार्यक्रमों से लेकर लोगों के साथ हर सुख दुख में शामिल होते थे. साथ ही बताया कि वो रिटायरमेंट के बाद गांव में एक खुशहाल जीवन जीना चाहते थे.
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शहीद मोहन लाल के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि शहीद मोहन हरफनमौला व्यक्तित्व के इंसान थे. वो गांव में होने वाली हर सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहते थे. उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद देश की जनता में आंतकियों और पाकिस्तान के खिलाफ भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि गांव ने एक वीर सपूत खोया है. जिसकी कमी कभी भी पूरी नहीं हो सकती है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के लिए उसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर कार्रवाई करनी होगी. साथ ही कहा कि पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब देने का समय आ गया है. वहीं, उनका कहना है कि उन्हें गर्व है कि उनका सपूत देश के काम आया है. उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा.