ETV Bharat / state

नागराजा और हुण देवता ने खेली दूध-दही की होली, अवतरित होकर श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद - Uttarkashi Nag Devta Temple

Uttarkashi Hun Devta Temple उत्तरकाशी में हुण देवता मंदिर में श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ा. इस दौरान श्रद्धालुओं ने हुण देवता (Nagaraja Hun Devta) को दूध-दही मक्खन भेंट किया. साथ ही श्रद्धालुओं ने देवता से सुख-समृद्धि की कामना की.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 19, 2023, 1:06 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 1:51 PM IST

नागराजा और हुण देवता ने खेली दूध-दही की होली

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी का पौराणिक नाम सौम्यकाशी भी है. जहां पौराणिक मंदिर की अपनी महत्ता है, जो अक्सर यहां पर्वों में देखने को मिलती है. वहीं उत्तरकाशी में करीब 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेडथात नामे तोक में धनारी और गमरी क्षेत्र के लोगों ने हुण देवता के दूधगाडू मेले का पारंपरिक विधि-विधान के साथ आयोजन किया. धनारी और गमरी क्षेत्र के लोगों ने अपने आराध्य नागराजा और हुण देवता को दूध-दही मक्खन भेंट किया. उसके बाद हुण देवता देवपश्वा पर अवतरित हुए. जिन्होंने दूध-दही-मक्खन से स्नान किया. उसके बाद वहां पर दूध-दही की होली खेली गई.

Uttarkashi
नागराजा और हुण देवता ने श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद

डुंडा विकासखंड के धनारी क्षेत्र सहित चिन्यालीसौड़ के गमरी पट्टी के सैकड़ों ग्रामीण बेडथात नामे तोक में पहुंचे. इस दूधगाडू मेले के लिए दोनों पट्टियों के लोग एक माह पूर्व से घर में दूध और दही रखते हैं. जिसका दूधगाडू मेले तक प्रयोग नहीं किया जाता है. मेले के दिन ग्रामीण अपने घरों में देवता के लिए रखे दूध और दही सहित मक्खन को लेकर बेडथात नामे तोक में पहुंचे. जहां पर ढोल-दमाऊ की थाप पर हुण देवता अपने पश्वा पर अवतरित हुए और देवपश्वा ने दूध दही मक्खन से किया.
पढ़ें-भगवान शिव के साथ यहां होती है शनि देव की पूजा, उत्तराखंड के इस जिले में है ये अद्भुत मंदिर

वहीं ग्रामीणों देवपश्वा से अपनी खेती सहित मवेशियों की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा. उसके बाद देवता को चढ़ाए गए दूध-दही और मक्खन से पकवान तैयार किए गए. जिसे प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया. श्रद्धालु यहां पर चार किमी चढ़ाई पैदल चलकर पहुंचे. देवता ने अंत में खेती और क्षेत्र की खुशहाली के लिए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. उसके बाद वहां पर रासौ तांदी नृत्य का आयोजन किया गया.

नागराजा और हुण देवता ने खेली दूध-दही की होली

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी का पौराणिक नाम सौम्यकाशी भी है. जहां पौराणिक मंदिर की अपनी महत्ता है, जो अक्सर यहां पर्वों में देखने को मिलती है. वहीं उत्तरकाशी में करीब 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेडथात नामे तोक में धनारी और गमरी क्षेत्र के लोगों ने हुण देवता के दूधगाडू मेले का पारंपरिक विधि-विधान के साथ आयोजन किया. धनारी और गमरी क्षेत्र के लोगों ने अपने आराध्य नागराजा और हुण देवता को दूध-दही मक्खन भेंट किया. उसके बाद हुण देवता देवपश्वा पर अवतरित हुए. जिन्होंने दूध-दही-मक्खन से स्नान किया. उसके बाद वहां पर दूध-दही की होली खेली गई.

Uttarkashi
नागराजा और हुण देवता ने श्रद्धालुओं को दिया आशीर्वाद

डुंडा विकासखंड के धनारी क्षेत्र सहित चिन्यालीसौड़ के गमरी पट्टी के सैकड़ों ग्रामीण बेडथात नामे तोक में पहुंचे. इस दूधगाडू मेले के लिए दोनों पट्टियों के लोग एक माह पूर्व से घर में दूध और दही रखते हैं. जिसका दूधगाडू मेले तक प्रयोग नहीं किया जाता है. मेले के दिन ग्रामीण अपने घरों में देवता के लिए रखे दूध और दही सहित मक्खन को लेकर बेडथात नामे तोक में पहुंचे. जहां पर ढोल-दमाऊ की थाप पर हुण देवता अपने पश्वा पर अवतरित हुए और देवपश्वा ने दूध दही मक्खन से किया.
पढ़ें-भगवान शिव के साथ यहां होती है शनि देव की पूजा, उत्तराखंड के इस जिले में है ये अद्भुत मंदिर

वहीं ग्रामीणों देवपश्वा से अपनी खेती सहित मवेशियों की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा. उसके बाद देवता को चढ़ाए गए दूध-दही और मक्खन से पकवान तैयार किए गए. जिसे प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया. श्रद्धालु यहां पर चार किमी चढ़ाई पैदल चलकर पहुंचे. देवता ने अंत में खेती और क्षेत्र की खुशहाली के लिए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. उसके बाद वहां पर रासौ तांदी नृत्य का आयोजन किया गया.

Last Updated : Aug 19, 2023, 1:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.