उत्तरकाशी: भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित हर्षिल-मुखबा मोटर मार्ग पर भागीरथी नदी के ऊपर स्थित हर्षिल वैली ब्रिज के एबटमेंट पर दरारें आ गई है. जिसके बाद देर शाम जिला प्रशासन ने पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी. साथ ही लोक निर्माण विभाग को पुल की मरम्मतीकरण के निर्देश दिए गए हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि हर्षिल में निर्माणाधीन मोटर पुल का निर्माण कर रही वर्ड बैंक विभाग की लापरवाही से करीब 20 मीटर लंबे हर्षिल वैली ब्रिज को खतरा हुआ है.
बता दें कि, यह ब्रिज मुखबा और जाड़ समुदाय के बगोरी गांव और हर्षिल में सेना के छावनी क्षेत्र की लाइफलाइन है. हर्षिल घाटी के अन्य 5 गांव के लोग अपने बैंक सहित विभागीय काम के लिए इसी पुल से हर्षिल आते हैं.
ग्राम प्रधान हर्षिल दिनेश रावत सहित पूर्व कनिष्ठ प्रमुख संजय पंवार, माधवेन्द्र रावत और गंगोत्री धाम के पुरोहित प्रेमकांत सेमवाल ने बताया कि कुछ माह पूर्व वर्ल्ड बैंक की ओर से नए मोटर पुल के निर्माण के लिए हर्षिल वैली ब्रिज के एबडमेन्ट के नजदीक नीव के लिए गड्डा खोदा गया. जहां पर बरसात में भागीरथी नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ गड्ढे में पानी भरने के कारण पुराने हर्षिल वैली ब्रिज के एबडमेन्ट के नीचे कटाव होने के कारण दरारें आ गई हैं. जोकि बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में वर्ड बैंक विभाग के अधिकारियों को 15 दिन पूर्व ही सूचित किया गया था कि निर्माण कार्य से हर्षिल वैली ब्रिज को भी खतरा हो सकता है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाए. लेकिन विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों की नहीं सुनी और अब पुल के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है.
अगर, इस पुल को नुकसान होता है, तो हर्षिल सहित मुखबा और बगोरी गांव सहित हर्षिल छावनी क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाएगा. साथ ही घाटी के 5 गांव को बैंक और विभागीय कामों के लिए पुल से आवाजाही नहीं हो पाएगी.
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एसडीएम भटवाड़ी देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि हर्षिल वैली ब्रिज की मरम्मतीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है. साथ ही नए पुल का काम रुकवा दिया गया है. हर्षिल पुलिस को निर्देशित किया गया है कि हर्षिल वैली ब्रिज पर भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया जाए.