उत्तरकाशी: देहरादून नगर निगम के कांजी हाउस की वजह से त्रिवेंद्र सरकार की जो किरकिरी हुई, उस पर नगर पालिका बाड़ाहाट के कांजी हाउस ने मरहम लगाने की काम किया है. यहां कांजी हाउस की एक सुखद तस्वीर देखने को मिली. नगर पालिका बाड़ाहाट के कांजी हाउस में आवारा गोवंश को नया जीवन मिल रहा है. जिन गायों को दूध नहीं देने की वजह से छोड़ दिया जाता था आज वही गाय कांजी हाउस में दूध देने लगी हैं.
गुफ़ियारा स्थित कांजी हाउस में सड़कों पर छोड़ दी गए गोवंश को एक महिला समेत तीन कर्मचारी नया जीवन दे रहे हैं. यही कारण है कि कांजी हाउस में मौजूद 28 गायों में से दो गाय दुधारू हैं, जो वर्तमान में दूध दे रही हैं, वहीं अन्य चार गाय बच्चा देने वाली हैं.
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कांजी हाउस कर्मचारियों का कहना है कि गायों की सही तरीके से देखरेख होने के बाद ही कांजी हाउस में गाय दूध देने लायक हुई हैं. प्रयास है कि अधिक से अधिक गायों को एक नया जीवन दिया जाए.
पहाड़ हो या मैदानी क्षेत्र जब गाय दूध देना छोड़ देती है तो लोग मां का दर्जा पाने वाली गौ माता को सड़कों पर पॉलीथिन खाने के लिए छोड़ देते हैं. ऐसे अवारा जानवरों को नगर निगम प्रशासन कांजी हाउस में छोड़ देता है. कांजी हाउस में मवेशियों की कितनी देखभाल होती है इसकी एक तस्वीर ईटीवी भारत देहरादून के कांजी हाउस की दिखा चुका है, लेकिन नगर पालिका बाड़ाहाट के कांजी हाउस तस्वीर ऐसी नहीं है.
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उत्तरकाशी के कांजी हाउस में इस समय 28 गाय हैं. जिनकी देख रेख का जिम्मा एक महिला समेत तीन कर्मचारियों पर है. यहां के कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा है कि इसमें 28 में दो गाय आज दूध दे रही हैं.