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वित्तीय स्वीकृति न मिलने से लटका हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण, अधिकारी कर रहे शासन से स्वीकृति का इंतजार

Uttarkashi Snow Leopard Conservation Center उत्तरकाशी में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र को वित्तीय स्वीकृति ना मिलने से लटक गया है.उत्तरकाशी डीएफओ डीपी बलूनी का कहना है कि हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के लिए बजट उपलब्ध है, लेकिन शासन की ओर से वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि बजट मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 9, 2023, 12:48 PM IST

उत्तरकाशी: देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण वित्तीय स्वीकृति न मिलने से लटक गया है. गंगोत्री के निकट लंका में प्रस्तावित इस केंद्र निर्माण की घोषणा वर्ष 2020 में हुई थी. लेकिन केंद्र निर्माण के लिए पहली किश्त सहित डीपीआर, डिजाइन व ड्राॅइंग तैयार होने के बाद भी इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है. जैसे ही शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलेगी तो इसका निर्माण शुरू करवाया जाएगा.

निर्माण को नहीं मिली वित्तीय स्वीकृति: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सिक्योर हिमालय परियोजना में प्रस्तावित देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण उत्तरकाशी के लंका में होना है. जिसमें हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के साथ पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया पर 4.87 करोड़ और वन विभाग सुविधा भवन पर 1.23 करोड़ रुपए खर्च होने हैं. जिसकी पहली किश्त के रूप में 1.94 करोड़ रुपए भी जारी हुए हैं. लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जबकि इसके लिए वन विभाग और कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग के बीच एमओयू भी साइन हो चुके हैं. वहीं ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से केंद्र निर्माण के लिए विस्तृत कार्ययोजना सहित डिजाइन व ड्रॉइंग तैयार की गई है.
पढ़ें-उत्तराखंड के नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में दिखा स्नो लेपर्ड, पार्क प्रशासन गदगद

जिस परियोजना में प्रस्तावित वह पूरी होने वाली: यूएनडीपी की जिस परियोजना सिक्योर हिमालय में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र प्रस्तावित है. इस परियोजना की अवधि भी मार्च 2024 में खत्म होने जा रही है. यह परियोजना हिमालयी राज्यों में जैव विविधता के संरक्षण व संवर्धन के लिए तैयार की गई थी, जो कि वर्ष 2017-18 में शुरू हुई थी.
पढ़ें-उत्तराखंड: गंगोत्री नेशनल पार्क में बढ़ रहा हिम तेंदुओं का कुनबा, वन्यजीव प्रेमियों के खिले चेहरे

जानिए मामले में क्या कह रहे जिम्मेदार

हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के लिए बजट उपलब्ध है. लेकिन शासन की ओर से वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से बजट ग्रामीण निर्माण विभाग को ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है. जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो निर्माण शुरू करवाया जाएगा. डीपी बलूनी, डीएफओ उत्तरकाशी वन प्रभाग.

उत्तरकाशी: देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण वित्तीय स्वीकृति न मिलने से लटक गया है. गंगोत्री के निकट लंका में प्रस्तावित इस केंद्र निर्माण की घोषणा वर्ष 2020 में हुई थी. लेकिन केंद्र निर्माण के लिए पहली किश्त सहित डीपीआर, डिजाइन व ड्राॅइंग तैयार होने के बाद भी इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है. जैसे ही शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलेगी तो इसका निर्माण शुरू करवाया जाएगा.

निर्माण को नहीं मिली वित्तीय स्वीकृति: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की सिक्योर हिमालय परियोजना में प्रस्तावित देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण उत्तरकाशी के लंका में होना है. जिसमें हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के साथ पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया पर 4.87 करोड़ और वन विभाग सुविधा भवन पर 1.23 करोड़ रुपए खर्च होने हैं. जिसकी पहली किश्त के रूप में 1.94 करोड़ रुपए भी जारी हुए हैं. लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जबकि इसके लिए वन विभाग और कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग के बीच एमओयू भी साइन हो चुके हैं. वहीं ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से केंद्र निर्माण के लिए विस्तृत कार्ययोजना सहित डिजाइन व ड्रॉइंग तैयार की गई है.
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जिस परियोजना में प्रस्तावित वह पूरी होने वाली: यूएनडीपी की जिस परियोजना सिक्योर हिमालय में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र प्रस्तावित है. इस परियोजना की अवधि भी मार्च 2024 में खत्म होने जा रही है. यह परियोजना हिमालयी राज्यों में जैव विविधता के संरक्षण व संवर्धन के लिए तैयार की गई थी, जो कि वर्ष 2017-18 में शुरू हुई थी.
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जानिए मामले में क्या कह रहे जिम्मेदार

हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के लिए बजट उपलब्ध है. लेकिन शासन की ओर से वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से बजट ग्रामीण निर्माण विभाग को ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है. जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो निर्माण शुरू करवाया जाएगा. डीपी बलूनी, डीएफओ उत्तरकाशी वन प्रभाग.

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