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2020 के मुकाबले BJP-कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा, AAP को 10 प्रतिशत का नुकसान, मुस्लिम वोट बंटा - DELHI ELECTION RESULTS 2025

2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 45.76 प्रतिशत रहा, जबकि आम आदमी पार्टी को 43.55 फीसदी वोट मिले.

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BJP- कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 8, 2025, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया है और 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने के लिए तैयार है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) का लगभग 10 प्रतिशत वोट शेयर कम हो गया है.

बता दें कि 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 45.76 प्रतिशत रहा, जबकि आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत 43.55 रहा. वहीं, कांग्रेस के महज 6.36 प्रतिशत ही वोट मिल सके.वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 53.57 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 62 सीटें जीती थीं. इसका मतलब है कि पार्टी ने इस बार 10 प्रतिशत वोट शेयर के साथ करीब 40 सीटें खो दीं.

कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा
2020 में भाजपा का वोट शेयर 38.51 प्रतिशत था, जो इस बार 7 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया और पार्टी ने 40 ज्यादा सीटें हासिल कीं. कई सीटों पर आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस की भी अहम भूमिका रही. इस बार देश की सबसे पुरानी पार्टी का वोट शेयर 4.26 से बढ़कर 6.36 हो गया, जिससे AAP के वोट बेस में गिरावट आई.

मुस्लिम वोट का बंटवारा
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुस्लिम वोटों का बंटवारा भी हुआ, लेकिन इसके बावजूद AAP उन सात सीटों में से छह पर जीत हासिल करने में सफल रही, जहां मुस्लिम समुदाय की अच्छी खासी आबादी है.

इस बार दिल्ली विधानसभा में कुल चार मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि पिछली बार यह संख्या पांच थी. इस बार जिन मुस्लिम कैंडिडेट्स ने जीत दर्ज की है, उनमें बल्लीमारान से इमरान हुसैन, मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल, ओखला से अमानतुल्लाह खान और सीलमपुर से चौधरी जुबैर अहमद शामिल हैं.

मुस्लिम बाहुल्य सीट पर खिला कमल
2020 में AAP ने मुस्लिम आबादी वाली सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें ओखला, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, मटिया महल, बल्लीमारान और चांदनी चौक शामिल हैं. इस बार इसने मुस्तफाबाद को छोड़कर छह सीटें जीतीं, जहां AAP, AIMIM और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोटों का तीन-तरफा बंटवारा हुआ.

वहीं, 2020 में मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर AAP को वोट दिया था. इस बार समुदाय के वोटों में विभाजन हुआ, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पार्टी की संभावनाओं को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं था.

मुस्तफाबाद एकमात्र अपवाद था जहां AAP, AIMIM और कांग्रेस के तीन मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच वोटों में विभाजन ने मुस्तफाबाद से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट के लिए 17,578 वोटों से बड़ी जीत का रास्ता साफ किया.

यह भी पढ़ें- 'आप डांस भी करते हैं?', पिता परवेश सिंह के साथ दिखी सनिधि सिंह की बॉन्डिंग, इंस्टाग्राम पर सामने आया वीडियो

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया है और 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बनाने के लिए तैयार है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) का लगभग 10 प्रतिशत वोट शेयर कम हो गया है.

बता दें कि 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 45.76 प्रतिशत रहा, जबकि आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत 43.55 रहा. वहीं, कांग्रेस के महज 6.36 प्रतिशत ही वोट मिल सके.वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 53.57 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 62 सीटें जीती थीं. इसका मतलब है कि पार्टी ने इस बार 10 प्रतिशत वोट शेयर के साथ करीब 40 सीटें खो दीं.

कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा
2020 में भाजपा का वोट शेयर 38.51 प्रतिशत था, जो इस बार 7 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया और पार्टी ने 40 ज्यादा सीटें हासिल कीं. कई सीटों पर आम आदमी पार्टी की हार में कांग्रेस की भी अहम भूमिका रही. इस बार देश की सबसे पुरानी पार्टी का वोट शेयर 4.26 से बढ़कर 6.36 हो गया, जिससे AAP के वोट बेस में गिरावट आई.

मुस्लिम वोट का बंटवारा
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुस्लिम वोटों का बंटवारा भी हुआ, लेकिन इसके बावजूद AAP उन सात सीटों में से छह पर जीत हासिल करने में सफल रही, जहां मुस्लिम समुदाय की अच्छी खासी आबादी है.

इस बार दिल्ली विधानसभा में कुल चार मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि पिछली बार यह संख्या पांच थी. इस बार जिन मुस्लिम कैंडिडेट्स ने जीत दर्ज की है, उनमें बल्लीमारान से इमरान हुसैन, मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल, ओखला से अमानतुल्लाह खान और सीलमपुर से चौधरी जुबैर अहमद शामिल हैं.

मुस्लिम बाहुल्य सीट पर खिला कमल
2020 में AAP ने मुस्लिम आबादी वाली सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें ओखला, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, मटिया महल, बल्लीमारान और चांदनी चौक शामिल हैं. इस बार इसने मुस्तफाबाद को छोड़कर छह सीटें जीतीं, जहां AAP, AIMIM और कांग्रेस के बीच मुस्लिम वोटों का तीन-तरफा बंटवारा हुआ.

वहीं, 2020 में मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर AAP को वोट दिया था. इस बार समुदाय के वोटों में विभाजन हुआ, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पार्टी की संभावनाओं को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं था.

मुस्तफाबाद एकमात्र अपवाद था जहां AAP, AIMIM और कांग्रेस के तीन मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच वोटों में विभाजन ने मुस्तफाबाद से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट के लिए 17,578 वोटों से बड़ी जीत का रास्ता साफ किया.

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