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उत्तरकाशी: खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर देश का भविष्य, जिम्मेदार बेपरवाह

राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड जनपद मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित है. अभिभवाक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि 13 वर्ष पूर्व स्कूल के नए भवन का निर्माण शुरू हुआ था. वह तीन वर्ष चलकर विगत 10 वर्षों से बंद पड़ा हुआ था.

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उत्तरकाशी
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Published : Feb 11, 2021, 1:19 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 3:04 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड सरकार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रत्येक ब्लॉकों में मॉडल स्कूल खोलने जा रही है. सरकारी विद्यालयों में सभी सुविधाओं से लैस करने के दावे किए जा रहे हैं. वहीं, जनपद का राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में विगत 10 वर्षों से छात्र-छात्राएं खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं. करीब 40 से 50 वर्ष पूर्व बने भवन अब हादसों को न्योता दे रहा हैं. साथ ही पुराने भवनों की छतों पर घास उगने लगी है.

खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर देश का भविष्य.

छात्र-छात्राओं का कहना है कि बर्फबारी और बरसात के दौरान वह स्कूल आने से डरते हैं. साथ ही विद्यालय भवन में कभी भी घटना हो सकती है. बता दें कि, राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड जनपद मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित है. अभिभवाक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि 13 वर्ष पूर्व स्कूल के नए भवन का निर्माण शुरू हुआ था. वह तीन वर्ष चलकर विगत 10 वर्षों से बंद पड़ा हुआ था. जहां एक तरह जीर्ण-शीर्ण पुराने भवनों के चलते बच्चे खुले मैदान में पढ़ने पर मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर नया निर्माणाधीन भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है. स्थिति इतनी दयनीय है कि नए और पुराने भवनों के कमरों और छतों पर घास उग आई है.

पढ़ें: राज्यपाल का चमोली दौरा आज, आपदा प्रभावित इलाकों का करेंगी निरीक्षण

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नए स्कूल भवन निर्माण और जीर्ण-शीर्ण भवनों को ठीक करने के लिए शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. अभिभवाक बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. उन्होंने कहा अगर अब शासन-प्रशासन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करता तो उन्हें मजबूरन उग्र आंदोलन करना पड़ेगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी. साथ ही इस संबंध में आगामी सोमवार को जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया जाएगा.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड सरकार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रत्येक ब्लॉकों में मॉडल स्कूल खोलने जा रही है. सरकारी विद्यालयों में सभी सुविधाओं से लैस करने के दावे किए जा रहे हैं. वहीं, जनपद का राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड में विगत 10 वर्षों से छात्र-छात्राएं खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर हैं. करीब 40 से 50 वर्ष पूर्व बने भवन अब हादसों को न्योता दे रहा हैं. साथ ही पुराने भवनों की छतों पर घास उगने लगी है.

खुले मैदान में पढ़ने को मजबूर देश का भविष्य.

छात्र-छात्राओं का कहना है कि बर्फबारी और बरसात के दौरान वह स्कूल आने से डरते हैं. साथ ही विद्यालय भवन में कभी भी घटना हो सकती है. बता दें कि, राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड जनपद मुख्यालय से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित है. अभिभवाक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि 13 वर्ष पूर्व स्कूल के नए भवन का निर्माण शुरू हुआ था. वह तीन वर्ष चलकर विगत 10 वर्षों से बंद पड़ा हुआ था. जहां एक तरह जीर्ण-शीर्ण पुराने भवनों के चलते बच्चे खुले मैदान में पढ़ने पर मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर नया निर्माणाधीन भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है. स्थिति इतनी दयनीय है कि नए और पुराने भवनों के कमरों और छतों पर घास उग आई है.

पढ़ें: राज्यपाल का चमोली दौरा आज, आपदा प्रभावित इलाकों का करेंगी निरीक्षण

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नए स्कूल भवन निर्माण और जीर्ण-शीर्ण भवनों को ठीक करने के लिए शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. अभिभवाक बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. उन्होंने कहा अगर अब शासन-प्रशासन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करता तो उन्हें मजबूरन उग्र आंदोलन करना पड़ेगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी. साथ ही इस संबंध में आगामी सोमवार को जिलाधिकारी को भी ज्ञापन दिया जाएगा.

Last Updated : Feb 11, 2021, 3:04 PM IST
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