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जर्जर पुलों के सहारे चारधाम यात्रा, सीमा की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़

2013 में आपदा आने के बाद से अभी तक गंगोत्री हाईवे पर टूटे पुलों का निर्माण नहीं हो सका है. विगत 6 वर्षों से वैली पुलों के सहारे चारधाम यात्रा कराई जा रही है.

जर्जर हालत में गंगोत्री हाईवे के पुल.
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Published : May 6, 2019, 7:31 AM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे चारधाम यात्रा के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. लेकिन 2013 में आपदा आने के बाद से अभी तक टूटे पुलों का निर्माण नहीं हो सका है. विगत 6 वर्षों से वैली पुलों के सहारे चारधाम यात्रा कराई जा रही है. साथ ही देश की सुरक्षा के साथ भी यहां खिलवाड़ किया जा रहा है. यह हम नहीं बल्कि विगत दो वर्षों में घटी घटनाओं से साफ बयां होता है.

आपको बता दें कि गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी, स्वरिगाड और चुंगी बड़ेथी तीन अहम पुल हैं. लेकिन इन जर्जर पुलों के चलते वैली पुलों के सहारे ही इस बार भी चारधाम यात्रा का संचालन किया जाएगा. अगर ऐसी स्थिति में कोई वैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होता है, तो पूरी चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा. साथ ही सीमा पर तैनात सैनिकों को भी रशद सामग्री पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा. जिसका उदाहरण साल 2014 और 2017 में भी देखा जा चुका है. जहां गंगोरी पुल टूटने से सैकड़ों गांव और अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था. वहीं स्वरिगाड पुल की जर्जर स्थिति लगातार हादसे को दावत दे रही है. वहीं चुंगी बड़ेथी पुल को ऑल वेदर रोड के तहत तोड़ा गया था. लेकिन इसका निर्माण कब तक पूरा होगा इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है.

जानकारी देते स्थानीय व्यापारी सुनील राणा और जिलाधिकारी आशीष चौहान.

वहीं मामले को लेकर डीएम आशीष चौहान का कहना है कि गंगोरी पुल के स्थायी निर्माण पर अभी तक बीआरओ और एनएचएआईडीसीएल के बीच कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है. जिसके चलते चारधाम यात्रा के लिए गंगोरी में वैली ब्रिज के साथ वैकल्पिक मार्ग खोला गया है. साथ ही बताया कि स्वारीगाड़ के वैली ब्रिज का स्पान 110 मीटर से 80 मीटर कर दिया है ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह का हादसा ना हो. इसके साथ ही चुंगी बड़ेथी का पुल ऑल वेदर रोड के तहत बन रहा है.

गौर हो कि गंगोरी में वैली ब्रिज के साथ खोला गया वैकल्पिक मार्ग बरसात के दौरान अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह जाता है. वहीं ऑल वेदर रोड के तहत बन रहे चुंगी बड़ेथी पुल का निर्माण कार्य कब पूरा होगा. इसको लेकर प्रशासन स्थिति साफ नहीं कर पा रहा है. ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान क्या स्थिति होगी ये एक बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है.


उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे चारधाम यात्रा के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. लेकिन 2013 में आपदा आने के बाद से अभी तक टूटे पुलों का निर्माण नहीं हो सका है. विगत 6 वर्षों से वैली पुलों के सहारे चारधाम यात्रा कराई जा रही है. साथ ही देश की सुरक्षा के साथ भी यहां खिलवाड़ किया जा रहा है. यह हम नहीं बल्कि विगत दो वर्षों में घटी घटनाओं से साफ बयां होता है.

आपको बता दें कि गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी, स्वरिगाड और चुंगी बड़ेथी तीन अहम पुल हैं. लेकिन इन जर्जर पुलों के चलते वैली पुलों के सहारे ही इस बार भी चारधाम यात्रा का संचालन किया जाएगा. अगर ऐसी स्थिति में कोई वैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होता है, तो पूरी चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा. साथ ही सीमा पर तैनात सैनिकों को भी रशद सामग्री पहुंचाना भी मुश्किल हो जाएगा. जिसका उदाहरण साल 2014 और 2017 में भी देखा जा चुका है. जहां गंगोरी पुल टूटने से सैकड़ों गांव और अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था. वहीं स्वरिगाड पुल की जर्जर स्थिति लगातार हादसे को दावत दे रही है. वहीं चुंगी बड़ेथी पुल को ऑल वेदर रोड के तहत तोड़ा गया था. लेकिन इसका निर्माण कब तक पूरा होगा इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है.

जानकारी देते स्थानीय व्यापारी सुनील राणा और जिलाधिकारी आशीष चौहान.

वहीं मामले को लेकर डीएम आशीष चौहान का कहना है कि गंगोरी पुल के स्थायी निर्माण पर अभी तक बीआरओ और एनएचएआईडीसीएल के बीच कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है. जिसके चलते चारधाम यात्रा के लिए गंगोरी में वैली ब्रिज के साथ वैकल्पिक मार्ग खोला गया है. साथ ही बताया कि स्वारीगाड़ के वैली ब्रिज का स्पान 110 मीटर से 80 मीटर कर दिया है ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह का हादसा ना हो. इसके साथ ही चुंगी बड़ेथी का पुल ऑल वेदर रोड के तहत बन रहा है.

गौर हो कि गंगोरी में वैली ब्रिज के साथ खोला गया वैकल्पिक मार्ग बरसात के दौरान अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह जाता है. वहीं ऑल वेदर रोड के तहत बन रहे चुंगी बड़ेथी पुल का निर्माण कार्य कब पूरा होगा. इसको लेकर प्रशासन स्थिति साफ नहीं कर पा रहा है. ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान क्या स्थिति होगी ये एक बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है.


Intro:हेडलाइन- चारधाम यात्रा वैली पुलों के सहारे( स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट)। उत्तरकाशी। गंगोत्री हाईवे चारधाम यात्रा के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। लेकिन स्थिति इतनी दयनीय है कि आपदा के बाद से अभी तक गंगोत्री हाईवे पर आपदा में टूटे पुलों का निर्माण नहीं हो पाया है। शासन प्रशासन और बीआरओ विगत 6 वर्षों से वैली पुलों के सहारे ही चारधाम यात्रा चला रहा है। साथ ही देश की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। यह हम नहीं बल्कि विगत दो वर्षों की घटनाएं बता रही हैं। जिसमें गंगोरी का वैली ब्रिज दो बार एक लोड ट्रक का वजन भी नहीं झेल पाया और दो बार टूट गया है। साथ ही स्वारीगाड़ का पुल भी जर्जर स्थिति में अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री धाम की आवाजाही करवा रहा है। देखिए etv bharat की ग्राउंड रिपोर्ट।


Body:वीओ-1, गंगोत्री हाईवे पर तीन अहम पुल,जिनका कोई विकल्प भी नहीं है। गंगोरी सहित स्वरिगाड और चुंगी बड़ेथी । जहां पर वैली पुलों का सहारे ही इस बार यात्रा का संचालन होगा। ऐसी स्थिति में अगर कोई वैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होता है। तो पूरी चारधाम यात्रा पर विराम लग जाएगा। साथ ही सीमा पर तैनात सेना को रषद समाग्री पहुँचाने में भी परेशानी खड़ी हो जाएगी। 2014 और 2017 में इस समस्या का जीता जागता उदाहरण देख चुके हैं। जब गंगोरी पुल टूटने से सैकड़ों गांव और अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था। तो साथ स्वरिगाड कि जर्जर स्थिति कभी भी किसी भी बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रही है। साथ ही चुंगी बड़ेथी का पुल आल वेदर रोड के तहत तोड़ा गया। जिसका निर्माण कब तक पूर्ण होता है। इस पर स्थिति साफ नहीं है।


Conclusion:वीओ-2, डीएम डॉ आशीष चौहान भी अभी अधूरे विकल्प के तौर पर चारधाम यात्रा को सुचारू करने की बात कह रहे हैं। डीएम का कहना है कि गंगोरी में वैली ब्रिज के साथ वैकल्पिक मार्ग खुला है। जो कि एक बरसात ने अस्सी गंगा के तेज बहाव में बह जाता है। कहा कि गंगोरी पुल के स्थायी निर्माण पर अभी तक बीआरओ और एनएचएआईडीसीएल के बीच कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। तो साथ ही स्वारीगाड़ के वैली ब्रिज का मात्र स्पान 110 मीटर से 80 मीटर कर बीआरओ ने इतिश्री कर दिया है। साथ ही चुंगी बड़ेथी का पुल तो आल वेदर रोड के तहत बन रहा है। यह कब तक पूरा हो पायेगा। इस पर स्थिति साफ कोई नहीं कर रहा है। बाईट- सुनील राणा,स्थानीय व्यापारी,गंगोरी। बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
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