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'पैसों की न हो बंदरबांट, धाम को सीधे मिले योजनाओं का पैसा'

चारधाम सहित देश के अन्य तीर्थ स्थलों को विकास के लिए धनराशि का आवंटित की गई है. वहीं, यमुनोत्री धाम मंदिर समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रसाद योजना का पैसा सीधा धामों को मिले.

Uttarkashi
तीर्थ स्थलों के विकास के लिए केंद्र से जारी हुआ बजट
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Published : Jul 4, 2021, 7:59 PM IST

उत्तरकाशी: केंद्र सरकार की ओर से चारधाम सहित देश के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए धनराशी आवंटित की गई है. यमुनोत्री धाम मंदिर समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रसाद योजना का पैसा सीधा धामों को पहुंचे. इस योजना के पैसे का बंदरबाट ना किया जाए.

जानकारी के मुताबिक यमुनोत्री धाम में सुविधाओं और विकास के लिए 34 करोड़ और गंगोत्री धाम के लिए 17 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं. इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए 35 लाख 60 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है. इसकी जो कार्यदायी संस्था है वो उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद है. वहीं, यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रसाद योजना की बंदरबांट गेल की योजना की तरह न हो.

ये भी पढ़ें: पहाड़ी टोपी, भगवा जैकेट पहन पुष्कर धामी ने ली शपथ, मंत्रिमंडल में नहीं कोई बदलाव

वहीं, यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल का कहना है कि इससे पहले भी धामों के विकास के नाम पर विभागों में पैसों की बंदरबांट होती रही है. इस लिए अगर भारत सरकार की प्रसाद योजना को साकार करना है, तो इस योजना का मद सीधे धाम के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए. उनियाल का कहना है कि प्रसाद योजना के तहत यमुनोत्री धाम और इसके आसपास के विकास की योजना के लिए 3डी प्लान बनाया गया था, वो भी अभीतक धरातल पर नहीं उतर पाया है.

उत्तरकाशी: केंद्र सरकार की ओर से चारधाम सहित देश के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए धनराशी आवंटित की गई है. यमुनोत्री धाम मंदिर समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रसाद योजना का पैसा सीधा धामों को पहुंचे. इस योजना के पैसे का बंदरबाट ना किया जाए.

जानकारी के मुताबिक यमुनोत्री धाम में सुविधाओं और विकास के लिए 34 करोड़ और गंगोत्री धाम के लिए 17 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं. इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए 35 लाख 60 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है. इसकी जो कार्यदायी संस्था है वो उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद है. वहीं, यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रसाद योजना की बंदरबांट गेल की योजना की तरह न हो.

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वहीं, यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल का कहना है कि इससे पहले भी धामों के विकास के नाम पर विभागों में पैसों की बंदरबांट होती रही है. इस लिए अगर भारत सरकार की प्रसाद योजना को साकार करना है, तो इस योजना का मद सीधे धाम के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए. उनियाल का कहना है कि प्रसाद योजना के तहत यमुनोत्री धाम और इसके आसपास के विकास की योजना के लिए 3डी प्लान बनाया गया था, वो भी अभीतक धरातल पर नहीं उतर पाया है.

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