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गंगोत्री हाई-वे के लिए 'भागीरथी' का तेज बहाव बना मुसीबत, खतरे की जद में बाल कंडार मंदिर

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Published : Aug 3, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 7:32 PM IST

गंगोत्री हाईवे के लिए 'भागीरथी' की तेज बहाव मुसीबत बना हुआ है. जिसके कारण पैराणिक कंडार मंदिर भी खतरे की जद में आ गया है.

गंगोत्री हाई-वे के लिए 'भागीरथी' का तेज बहाव बना मुसीबत.

उत्तरकाशी: डबरानी-सोनगाड़ के पास भागीरथी नदी के तेज बहाव से लगातार गंगोत्री हाई-वे का कटान हो रहा है. जिसके कारण हाई-वे के साथ ही चारधाम यात्रा के पौराणिक बाल कंडार मंदिर पर भी खतरा मंडरा रहा है. नदी के तेज बहाव के कारण गंगोत्री हाई-वे के निचले हिस्सों में दरारें साफ देखी जा सकती हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर हाई-वे को नुकसान होता है तो यह चारधाम यात्रा सहित सामरिक दृष्टिकोण से भी यह एक बड़ी मुसीबत बन सकता है.


बता दें कि डबरानी-सोनगाड़ के पास बन्द पड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट के तहत भागीरथी नदी को दो भागों में चैनेलाइज किया गया था. जिसका एक हिस्सा अब गंगोत्री हाई-वे के लिए हर दिन खतरा बन रहा है. नदी के तेज बहाव के कारण हाई-वे पर कटाव की स्थिति बनी हुई है. जिसके कारण स्थानीय लोगों के साथ ही यहां आने जाने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गंगोत्री हाई-वे के लिए 'भागीरथी' का तेज बहाव बना मुसीबत.

पढ़ें-चैंपियन पर बीजेपी का एक्शन, अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड

स्थानीय निवासी माधवेन्द्र रावत का कहना है कि पहले बारिश कम होने के कारण कटाव कम होता था, लेकिन इस बार ये स्थिति ज्यादा खराब हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए बीआरओ और प्रशासन को जल्द ही कदम उठाने होंगे. जिससे गंगोत्री हाई-वे और बाल कंडार मन्दिर की सुरक्षा की जा सके. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस स्पॉट पर हाई-वे नदी के तेज बहाव में बहता है तो सामरिक दृष्टि से बहुत ही नुकसानदेह है.

पढ़ें-उत्तराखंड: उच्च शिक्षा में गरीब सवर्ण छात्रों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगोत्री हाई-वे भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री धाम तक पहुंचने का एक मात्र जरिया है. इसके अलावा यहां के बाल कण्डार मंदिर की पुराणों में अपनी ही अलग मान्यता है. जिसे बचाने के लिए शासन-प्रशासन को समय रहते कदम उठाने होंगे.

उत्तरकाशी: डबरानी-सोनगाड़ के पास भागीरथी नदी के तेज बहाव से लगातार गंगोत्री हाई-वे का कटान हो रहा है. जिसके कारण हाई-वे के साथ ही चारधाम यात्रा के पौराणिक बाल कंडार मंदिर पर भी खतरा मंडरा रहा है. नदी के तेज बहाव के कारण गंगोत्री हाई-वे के निचले हिस्सों में दरारें साफ देखी जा सकती हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर हाई-वे को नुकसान होता है तो यह चारधाम यात्रा सहित सामरिक दृष्टिकोण से भी यह एक बड़ी मुसीबत बन सकता है.


बता दें कि डबरानी-सोनगाड़ के पास बन्द पड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट के तहत भागीरथी नदी को दो भागों में चैनेलाइज किया गया था. जिसका एक हिस्सा अब गंगोत्री हाई-वे के लिए हर दिन खतरा बन रहा है. नदी के तेज बहाव के कारण हाई-वे पर कटाव की स्थिति बनी हुई है. जिसके कारण स्थानीय लोगों के साथ ही यहां आने जाने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गंगोत्री हाई-वे के लिए 'भागीरथी' का तेज बहाव बना मुसीबत.

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स्थानीय निवासी माधवेन्द्र रावत का कहना है कि पहले बारिश कम होने के कारण कटाव कम होता था, लेकिन इस बार ये स्थिति ज्यादा खराब हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए बीआरओ और प्रशासन को जल्द ही कदम उठाने होंगे. जिससे गंगोत्री हाई-वे और बाल कंडार मन्दिर की सुरक्षा की जा सके. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस स्पॉट पर हाई-वे नदी के तेज बहाव में बहता है तो सामरिक दृष्टि से बहुत ही नुकसानदेह है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगोत्री हाई-वे भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री धाम तक पहुंचने का एक मात्र जरिया है. इसके अलावा यहां के बाल कण्डार मंदिर की पुराणों में अपनी ही अलग मान्यता है. जिसे बचाने के लिए शासन-प्रशासन को समय रहते कदम उठाने होंगे.

Intro:डबरानी के सोनगाड़ के समीप भागीरथी नदी के तेज बहाव लगातार गंगोत्री हाइवे को काट रहा है। वहीं अगर स्थिति ऐसी बनी रहती है। तो गंगोत्री हाइवे के साथ ही चारधाम यात्रा के पौराणिक बाल कण्डार मन्दिर पर भी खतरा मंडरा रहा है। नोट- इस खबर के विसुअल मेल से भी भेजे हैं। उत्तरकाशी। डबरानी के सोनगाड़ के समीप बन्द पड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट के तहत भागीरथी नदी को दो भागों में चेनालाइज किया गया था। जिसका तहत नदी का एक हिस्सा अब गंगोत्री हाइवे के लिए दिन प्रतिदिन खतरा बन रहा है। नदी के तेज बहाव के कारण हाइवे पर कटाव की स्थिति बनी हुई है। साथ ही अगर यह कटाव इसी प्रकार होता रहा,तो आगे आने वाले समय मे गंगोत्री धाम यात्रा के मुख्य पड़ाव बाल कण्डार मन्दिर के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। नदी के तेज बहाव के कारण होने वाले कटाव के कारण गंगोत्री हाइवे के निचले हिस्सों में दरारें साफ देखी जा सकती है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर हाइवे को नुकसान होता है। तो यह चारधाम यात्रा सहित सामरिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ी मुसीबत बन सकता है।


Body:वीओ-1, डबरानी के सोनगाड़ के समीप हाइड्रो प्रोजेक्ट के तहत भागीरथी नदी को दो भागों में चेनालाइज किया गया था। नदी का एक भाग गंगोत्री हाइवे की और से मोड़ा गया था। हाइड्रो प्रोजेक्ट बन्द होने के बाद नदी को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। वहीं अब नदी का तेज बहाव चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण से बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। नदी के तेज वेग के कारण गंगोत्री हाइवे पर कटाव शुरू हो गया है। वहीं कटाव के कारण हाइवे के निचले हिस्सों पर भी दरारें साफ देखने को मिल रही है। ऐसी स्थिति में अगर हाइवे को नुकसान होता है। तो उससे आगे पौराणिक बाल कण्डार मन्दिर के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।


Conclusion:वीओ-2, स्थानीय निवासी माधवेन्द्र रावत का कहना है कि पहले कटाव कम ही था। लेकिन इस वर्ष नदी का बहाव तेज होने के कारण गंगोत्री हाइवे पर कटाव तेज हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बीआरओ और प्रशासन को जल्द ही गंगोत्री हाइवे और बाल कण्डार मन्दिर की सुरक्षा के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए। अगर इस स्पॉट पर हाइवे नदी के तेज बहाव में बहता है।तो भारत तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा और गंगोत्री धाम तक पहुचने के लिए कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है। वहीं बाल कण्डार पुराणों के अनुसार बहुत ही पौराणिक मन्दिर है। कहा जाता है कि गंगोत्री धाम और बाल कण्डार के दर्शन का पुण्य एक समान है। बाईट- माधवेन्द्र रावत,स्थानीय निवासी हर्षिल।
Last Updated : Aug 3, 2019, 7:32 PM IST
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