उत्तरकाशीः गढ़वाल की पौराणिक मंगसीर की बग्वाल की तैयारी पूरी हो चुकी है. इस बार देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रवासी उत्तरकाशी मंगसीर की बग्वाल मनाने पहुंचेंगे. जबकि, बग्वाल में नई थीम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ के साथ आने वाली पीढ़ी को देवभूमि की संस्कृति से भी रूबरू करावाया जाएगा. उत्तरकाशी के विभिन्न गांव में मनाई जाने वाली मंगसीर की बग्वाल देश में मनाई जाने वाली दीपावली के एक महीने बाद मनाई जाती है.
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ये है मान्यता-
श्रीराम जब वनवास काट कर वापस लौटे थे. उसके एक महीने बाद पहाड़ों में श्री राम के अयोध्या लौटने की सूचना मिली थी. इसलिए पहाड़ में एक महीने बाद मंगसीर की बग्वाल मनाई जाती है. दूसरी मान्यता के अनुसार वीर भड़ माधो सिंह भंडारी अपना युद्ध जीतकर घर लौटे थे. जिसके बाद पहाड़ के लोगों ने अपने सेनापति की जीत में यह बग्वाल मनाई थी.
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इस बार 25 और 26 नवंबर को बग्वाल मनाई जाएगी. मंगसीर की बग्वाल के आयोजनकर्ता अनघा माउंटेन एसोसिएशन इस बार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम करेगी. जिसमें बेटियां गढ़ निंबध समेत अन्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करेंगी. जिससे नई पीढ़ी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर अपनी संस्कृति को पहचान सके. वहीं, इस बार गढ़ संग्रहालय को भी वृहद रूप दिया गया है. क्योंकि, इस बार ज्यादा से ज्यादा पौराणिक वस्तुओं का संग्रह किया गया है. साथ ही गढ़ भोज में इस बार स्थानीय पकवानों की औषधीय खूबियों की जानकारी के साथ उसका प्रदर्शन भी किया जाएगा.