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सिंगतूर घाटी में ओलावृष्टि से सेब की पैदावार बर्बाद, काश्तकार परेशान - uttarkashi weather news

ओलावृष्टि के काश्तकारों को खासा नुकसान पहुंचा है. स्थानीय काश्तकारों ने शासन-प्रशासन से क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है.

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ओलावृष्टि की मार.
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Published : Jun 9, 2021, 11:35 AM IST

Updated : Jun 9, 2021, 2:14 PM IST

उत्तरकाशी: जिले के दूरस्थ मोरी विकासखंड में सेब की पैदावार पर कुदरत की मार पड़ी है. मोरी के सिंगतूर क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि के कारण पेड़ों पर लगे सेबों को काफी नुकसान पहुंचा है. काश्तकारों का कहना है कि जुलाई अंत में वह पेड़ों से फलों को तोड़कर मंडियों तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन इससे पहले कुदरत व लॉकडाउन ने सेब काश्तकारों की आर्थिकी को खराब कर दिया है.

गौर हो कि मोरी विकासखंड के क्षेत्र पंचायत सदस्य गुराड़ी प्रदीप डिमरी का कहना है कि ब्लॉक का सिंगतूर क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है.

सिंगतूर घाटी में ओलावृष्टि से सेब की पैदावार बर्बाद.

पढ़ें-भारत का पहला सौर अंतरिक्ष मिशन, ISRO की मदद करेगा उत्तराखंड का ARIES

इस क्षेत्र के गुराड़ी सहित गनच्वांन गांव, पेंसर, पोखरी,लुद्राला, सेवा, पासा, देवरा आदि गांव के ग्रामीण पूरी तरह सेब उत्पादन पर निर्भर हैं. उन्होंने आगे बताया कि बीती सोमवार देर शाम ओलावृष्टि से सेबों को खासा नुकसान पहुंचा है. साथ ही ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों की पत्तियां तक गिर गई है.

जबकि सेब के फल पकने में अंतिम पड़ाव पर थे और जुलाई अंत में फलों को पेड़ों से तोड़ा जाता. लेकिन उससे पहले ओलावृष्टि ने काश्तकारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिससे काश्तकारों को चिंता सताने लगी है. स्थानीय काश्तकारों ने शासन-प्रशासन से क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है.

उत्तरकाशी: जिले के दूरस्थ मोरी विकासखंड में सेब की पैदावार पर कुदरत की मार पड़ी है. मोरी के सिंगतूर क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि के कारण पेड़ों पर लगे सेबों को काफी नुकसान पहुंचा है. काश्तकारों का कहना है कि जुलाई अंत में वह पेड़ों से फलों को तोड़कर मंडियों तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन इससे पहले कुदरत व लॉकडाउन ने सेब काश्तकारों की आर्थिकी को खराब कर दिया है.

गौर हो कि मोरी विकासखंड के क्षेत्र पंचायत सदस्य गुराड़ी प्रदीप डिमरी का कहना है कि ब्लॉक का सिंगतूर क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है.

सिंगतूर घाटी में ओलावृष्टि से सेब की पैदावार बर्बाद.

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इस क्षेत्र के गुराड़ी सहित गनच्वांन गांव, पेंसर, पोखरी,लुद्राला, सेवा, पासा, देवरा आदि गांव के ग्रामीण पूरी तरह सेब उत्पादन पर निर्भर हैं. उन्होंने आगे बताया कि बीती सोमवार देर शाम ओलावृष्टि से सेबों को खासा नुकसान पहुंचा है. साथ ही ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों की पत्तियां तक गिर गई है.

जबकि सेब के फल पकने में अंतिम पड़ाव पर थे और जुलाई अंत में फलों को पेड़ों से तोड़ा जाता. लेकिन उससे पहले ओलावृष्टि ने काश्तकारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जिससे काश्तकारों को चिंता सताने लगी है. स्थानीय काश्तकारों ने शासन-प्रशासन से क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है.

Last Updated : Jun 9, 2021, 2:14 PM IST
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