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उत्तरकाशी आपदाः 300 जवान और कर्मचारी पहुंचा रहे रसद सामग्री, DM चौहान ने फिर संभाली कमान - स्वास्थ्य विभाग

उत्तरकाशी के आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई जलप्रलय के सातवें दिन 300 जवान और कर्मचारियों को आपदा प्रभावित गांव में रसद सामग्री पहुंचाने के लिए लगाया गया है. वहीं, डीएम डॉ. आशीष चौहान ने देर रात आराकोट पहुंच कर अधिकारियों की बैठक ली.

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Published : Aug 24, 2019, 6:06 PM IST

उत्तरकाशीः जिले के आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई जलप्रलय के बाद अभी भी हालात सामान्य नहीं हो पाया है. बीते रोज एक हेलीकॉप्टर की टिकोची में आपात लैंडिंग हुई थी. इस घटना के बाद आपदा प्रभावित गांवों में रसद सामग्री पहुंचाने के लिए 300 जवान और कर्मचारियों को लगाया गया है.

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आपदा प्रभावित गांव में रसद सामग्री पहुंचाते जवान.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान गुरुवार देर रात ही जिला मुख्यालय लौटे थे, लेकिन टिकोची में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद तत्काल आराकोट के लिए रवाना हुए और देर रात आराकोट बेस कैंप पहुंचे. जहां पर राजकीय इंटर कॉलेज में बनाये गए बेस कैंप में देर रात अधिकारियों की बैठक ली और आपदा कार्यों की समीक्षा की. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रसद सामग्री पहुंचाने के लिए 300 जवान और कर्मचारी रवाना.

ये भी पढ़ेंः काश! सुन लेते त्रिवेंद्र, उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर क्रैश से पहले पायलट जाना ने की थी अपील

इस दौरान डीएम चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण और बीमारियां फैलने का डर रहता है, ऐसे में प्रभावित गांव में बीमारियों के रोकथाम के लिए कोई लापरवाही बक्शी नहीं जाएगी.

साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर गांव में कर्मचारियों को तैनात किया जाए, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी सभी बातों का ध्यान रखा जाए. साथ ही पीडब्ल्यूडी समेत अन्य अधिकारियों को मार्ग खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा.

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वहीं, शनिवार सुबह देर रात को बनाई गई योजना के तहत 300 पुलिसकर्मी, होमगार्ड, वन विभाग और अन्य विभागीय कर्मचारियों की अलग-अलग टीम बनाकर आपदा प्रभावित गांवों के लिए पैदल 10-10 किलो राशन भेजा गया. डीएम ने कहा कि सभी गांव में राशन पैदल ही पहुंचाया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

उत्तरकाशीः जिले के आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई जलप्रलय के बाद अभी भी हालात सामान्य नहीं हो पाया है. बीते रोज एक हेलीकॉप्टर की टिकोची में आपात लैंडिंग हुई थी. इस घटना के बाद आपदा प्रभावित गांवों में रसद सामग्री पहुंचाने के लिए 300 जवान और कर्मचारियों को लगाया गया है.

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आपदा प्रभावित गांव में रसद सामग्री पहुंचाते जवान.

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान गुरुवार देर रात ही जिला मुख्यालय लौटे थे, लेकिन टिकोची में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद तत्काल आराकोट के लिए रवाना हुए और देर रात आराकोट बेस कैंप पहुंचे. जहां पर राजकीय इंटर कॉलेज में बनाये गए बेस कैंप में देर रात अधिकारियों की बैठक ली और आपदा कार्यों की समीक्षा की. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रसद सामग्री पहुंचाने के लिए 300 जवान और कर्मचारी रवाना.

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इस दौरान डीएम चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण और बीमारियां फैलने का डर रहता है, ऐसे में प्रभावित गांव में बीमारियों के रोकथाम के लिए कोई लापरवाही बक्शी नहीं जाएगी.

साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर गांव में कर्मचारियों को तैनात किया जाए, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी सभी बातों का ध्यान रखा जाए. साथ ही पीडब्ल्यूडी समेत अन्य अधिकारियों को मार्ग खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा.

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वहीं, शनिवार सुबह देर रात को बनाई गई योजना के तहत 300 पुलिसकर्मी, होमगार्ड, वन विभाग और अन्य विभागीय कर्मचारियों की अलग-अलग टीम बनाकर आपदा प्रभावित गांवों के लिए पैदल 10-10 किलो राशन भेजा गया. डीएम ने कहा कि सभी गांव में राशन पैदल ही पहुंचाया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

Intro:आराकोट बंगाण में आई जलप्रलय के सातवें दिन 300 जवान और कर्मचारियों को आपदा प्रभावित गांव में रशद सामग्री पहुचाने के लिए लगाया गया है। वहीं डीएम ने देर रात आराकोट पहुंच कर अधिकारियों की बैठक ली। उत्तरकाशी। शुक्रवार को टिकोची में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद डीएम डॉ आशीष चौहान देर रात आराकोट पहुंचे। जहां पर उन्होंने अधिकारियों की आपदा से सम्बंधदित बैठक ली। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि उनके कर्मचारी किसी प्रकार की कोताही न बरतें। क्योंकि आपदा प्रभावित गांव में बीमारियों को रोकने के लिए कोई लापरवाही नहीं सही जाएगी। डीएम गुरुवार देर रात ही जिला मुख्यालय लौटे थे। लेकिन हेली दुर्घटना के बाद डीएम तत्काल आराकोट के लिए रवाना हुए। Body:वीओ-1, डीएम डॉ आशीष चौहान गुरुवार देर रात आराकोट बेस कैम्प पहुंचे। जहां पर राजकीय इंटर कॉलेज में बनाये गए बेस कैम्प में देर रात अधिकारियों की बैठक ली और आपदा कार्यों की समीक्षा की। वहीं शनिवार सुबह देर रात को बनाई गई योजना के तहत 300 पुलिस सहित होमगार्ड,वन विभाग और अन्य विभागीय कर्मचारियों की अलग अलग टीम बनाकर आपदा प्रभावित गांव में पैदल 10-10 किलो राशन भेजा गया। डीएम ने कहा कि सभी गांव में राशन पैदल ही पहुंचाया जा रहा है। जिससे कि ग्रामीणों को परेशानी न हो। Conclusion:वीओ-2, वहीं देर रात डीएम ने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को कहा कि सभी कर्मचारियों को हर गांव में तैनात रखा जाए और जब तक स्थितियां सामान्य नहीं हो जाती। तब तक स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी बातों का ध्यान रखा जाए। साथ ही डीएम ने अधिकारियों से मार्ग खोलने को लेकर कहा कि युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए । बाइट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी।
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