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मौसम ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें, वनाग्नि पर काबू पाने में छूट रहे पसीने

आग से निपटने में वन विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. पहाड़ों पर लगी आग गंगोत्री हाईवे के लिए खतरा बनती जा रही है. क्योंकि पहाड़ों पर लगी आग के कारण पत्थर चटक कर हाईवे पर गिर रहे है.

Uttarkashi
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Published : May 31, 2019, 10:45 PM IST

Updated : May 31, 2019, 11:10 PM IST

उत्तरकाशी: जंगलों में लगी आग इन दिनों और भी विकराल होती जा रही है. वनाग्नि से न सिर्फ वनसंपदा को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी संकट गहराने लगा है. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति उत्तरकाशी और यमुना वन प्रभाग की है. यहां के जंगलों में बीते कई दिनों से आग लगी हुई है. वहीं, मौसम विभाग की चेतावनी ने वन विभाग की मुश्किलें और बढ़ा दी है.

मौसम ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें.

पढ़ें- रमजान के पाक महीने में दी जाती है जकात, जानिए क्यों होती है इतनी खास

मौसम विभाग की माने तो आने वाले 10 दिन में भीषण गर्मी पड़ने के आसार है. सूबे में ये दस दिन काफी गर्म रहेंगे. ऐसे में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की संभावना है. उत्तरकाशी जिले की बात करें तो उत्तरकाशी वन प्रभाग में इस साल अभीतक वनाग्नि की 29 घटनाएं समाने आ चुकी है. जिसमें करीब 30 हेक्टयर जंगल जलकर राख हो चुका है. बुधवार को डुंडा रेंज में लगी आग रिहायशी इलाके तक पहुंच गई थी.

वहीं, आग से निपटने में वन विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. पहाड़ों पर लगी आग गंगोत्री हाई-वे के लिए भी खतरा बनती जा रही है. क्योंकि पहाड़ों पर लगी आग के कारण पत्थर चटक कर हाई-वे पर गिर रहे है. जबकि, जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन और दमकल विभाग के कर्मचारी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से है फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, ये है खासियत

इस मामले में उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि अभी तक आग लगने की 29 घटनाएं सामने आ चुकी है. जिसमे 30 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है. हालांकि, अभी तक जनहानि नहीं हुई है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी क्रू स्टेशन में अलर्ट कर दिया गया है.

उत्तरकाशी: जंगलों में लगी आग इन दिनों और भी विकराल होती जा रही है. वनाग्नि से न सिर्फ वनसंपदा को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी संकट गहराने लगा है. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति उत्तरकाशी और यमुना वन प्रभाग की है. यहां के जंगलों में बीते कई दिनों से आग लगी हुई है. वहीं, मौसम विभाग की चेतावनी ने वन विभाग की मुश्किलें और बढ़ा दी है.

मौसम ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें.

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मौसम विभाग की माने तो आने वाले 10 दिन में भीषण गर्मी पड़ने के आसार है. सूबे में ये दस दिन काफी गर्म रहेंगे. ऐसे में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की संभावना है. उत्तरकाशी जिले की बात करें तो उत्तरकाशी वन प्रभाग में इस साल अभीतक वनाग्नि की 29 घटनाएं समाने आ चुकी है. जिसमें करीब 30 हेक्टयर जंगल जलकर राख हो चुका है. बुधवार को डुंडा रेंज में लगी आग रिहायशी इलाके तक पहुंच गई थी.

वहीं, आग से निपटने में वन विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. पहाड़ों पर लगी आग गंगोत्री हाई-वे के लिए भी खतरा बनती जा रही है. क्योंकि पहाड़ों पर लगी आग के कारण पत्थर चटक कर हाई-वे पर गिर रहे है. जबकि, जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन और दमकल विभाग के कर्मचारी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

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इस मामले में उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि अभी तक आग लगने की 29 घटनाएं सामने आ चुकी है. जिसमे 30 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है. हालांकि, अभी तक जनहानि नहीं हुई है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी क्रू स्टेशन में अलर्ट कर दिया गया है.

Intro:हेडलाइन- आने वाले 10 दिन वन विभाग के लिए चुनोती। नोट- इस खबर के विसुअल फ़ोटो मेल से भी भेजे गए हैं। उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद के उत्तरकाशी वन प्रभाग सहित यमुना वन प्रभाग के लिए विगत तीन दिनों से वनों की आग मुसीबत बनी हुई है। स्थिति इतनी सवेंदनशील है कि वन विभाग के अधिकारियों का कहना ही आने वाले 10 दिन बहुत ही चुनोतिपूर्ण होने वाले हैं। क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 10 दी काफी गर्म बताए गए हैं। साथ ही उत्तरकाशी वन प्रभाग में 29 घटनाएं वनाग्नि की हो चुकी हैं। जिसमे करीब 30 हेक्टयर जंगलों को नुकसान हो चुका है। तो साथ ही डुंडा रेंज में बुधवार रात वनाग्नि के कारण बागीचे और उसमें बने घर मे आग लग गई।


Body:वीओ-1 वन विभाग के वनाग्नि हर दिन नई मुसीबत बन रही है। जहाँ बुधवार देर रात धरासू सहित ओरछा बैंड के जंगलों में भीषण आग लगी। तो वहीं डुंडा रेंज में भीषण आग लगने से बव्वा गांव में एक मिश्रित वन बागीचे में आग लगने से नुकसान हुआ था। तो साथ ही बागीचे में बना घर भी जलकर राख हो गया। साथ ही धरासू रेंज के जंगलों में लगी आग से गंगोत्री हाईवे पर भी पत्थर गिरे। बता दें कि डुंडा रेंज की आग एक बार इतनी भीषण हो गई कि वन विभाग के कर्मचारियों और एसडीआरएफ कर्मियों स्वयं मुसीबत में घिर गए थे। साथ ही वन विभाग और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वन विभाग के अधिकारी स्वयं मान रहे हैं कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही,तो वनों को वनाग्नि से बचाना बहुत मुश्किल होगा।


Conclusion:वीओ- 2, उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि अभी तक 29 आग की घटनाएं उनके प्रभाग में हुई है। जिसमे 30 हेक्टेयर जंगल को नुकसान हुआ है। हालांकि अभी तक किसी जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। साथ ही संदीप कुमार का कहना है की आने वाले 10 दिन बहुत ही मुश्किल होने वाले हैं,क्योंकि वेदर रिपोर्ट के अनुसार आने वाले 10 दिनों में तामपान बहुत अधिक रहेगा। जिससे कि उनकी और वन विभाग की मुश्किलें अधिक बढ़ सकती है। साथ ही कहा कि आग को देखते हुए सभी क्रू स्टेशन में अलर्ट जारी किया गया है। बाईट- संदीप कुमार,डीएफओ उत्तरकाशी।
Last Updated : May 31, 2019, 11:10 PM IST
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