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दुनिया के नंबर वन बॉलर बुमराह के परिवार की आर्थिक स्थिति थी बेहद खराब, ऑटो चलाते थे दादा

इस वर्ल्ड कप में अबतक भारतीय टीम की ओर से जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा मेडन ओवर किए हैं. वह वर्ल्ड कप में 9 मेडन ओवरों के साथ टॉप पर हैं. उनके अलावा भारत की तरफ से कुलदीप यादव और मोहम्मद शमी ने 2-2 और भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने 1-1 ओवर मेडन ओवर डाले हैं. इस तरह पूरी भारतीय टीम मिलकर 6 मेडन ओवर फेंक पाई है.

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Published : Jul 9, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 7:25 PM IST

फाइल फोटो

रुद्रपुर: अपनी धारदार बॉलिंग के बलबूते क्रिकेट में शोहरत कमा चुके भारतीय टीम के सदस्य जसप्रीत बुमराह इनदिनों इंग्लैंड में चल रहे वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी शानदार बॉलिंग की बदौलत भारत को फाइनल जीतने की राह में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. बुमराह के प्रदर्शन के कारण देश-विदेश में उनके लाखों फैन्स हैं लेकिन उत्तराखंड से उनका कनेक्शन कुछ अलग ही है.

दरअसल, जसप्रीत बुमराह के दादा और चाचा उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में रहते थे. अब सेमीफाइनल मैच को लेकर किच्छा के लोगों को बुमराह से काफी उम्मीदें हैं.

पढ़ें- त्तराखंडः भारी बारिश से दरकने लगे पहाड़, 6 घंटे बंद रहा टनकपुर-तवाघाट हाई-वे

गौर हो कि मंगलवार को इंग्लैंड के मैनचेस्टर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला जा रहा है. भारत पहले गेंदबाजी कर रहा है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की जोड़ी ने न्यूजीलैंड को शुरुआत में ही परेशान कर दिया. जसप्रीत बुमराह के शुरुआती आंकड़े तो ऐसे थे कि जिन्हें देखकर हॉलीवुड फिल्मों के कैरेक्टर जेम्स बॉन्ड को भी शर्म आ जाए. बुमराह ने अपने शुरुआती दो ओवर में सिर्फ एक ही रन दिया और एक विकेट भी झटक लिया.

किच्छा के लोगों को बुमराह से काफी उम्मीदें हैं.

इस मुकाबले में टीम इंडिया के स्पीड स्टार इंडिया जसप्रीत बुमराह ने कमाल कर दिखाया. वह इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मेडन ओवर फेंकने वाले गेंदबाज बन गए हैं. उन्होंने जितने मेडन ओवर किए हैं उतना टीम इंडिया के 5 गेंदबाज मिलकर नहीं कर पाए हैं.

इस वर्ल्ड कप में अबतक भारतीय टीम की ओर से जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा मेडन ओवर किए हैं. वह वर्ल्ड कप में 9 मेडन ओवरों के साथ टॉप पर हैं. उनके अलावा भारत की तरफ से कुलदीप यादव और मोहम्मद शमी ने 2-2 और भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने 1-1 ओवर मेडन ओवर डाले हैं. इस तरह पूरी भारतीय टीम मिलकर 6 मेडन ओवर फेंक पाई है.

वहीं, आईसीसी द्वारा जारी वनडे रैंकिंग में टॉप-10 गेंदबाजों की सूची में एक बार फिर से भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने बाजी मारी है. बुमराह 814 अंकों के साथ पहले स्थान पर बरकरार हैं. वर्ल्ड कप में बुमराह का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है और उन्होंने 8 पारियों में 19.52 की औसत और 4.48 की इकॉनमी के साथ 17 विकेट लिए हैं.

पढ़ें- Video: रोहित के कोच ने कहा-हिटमैन अभी एक खास मिशन पर है

ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि जसप्रीत बुमराह ने जिस तरह अबतक वर्ल्ड कप में गेंदबाजी की है, उससे उनकी उम्मीद हो बढ़ गई है. एक बार फिर भारत विश्वकप की ट्रॉफी में जरूर कब्जा करेगा और बेहतर प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड ओर क्षेत्र का नाम रोशन करेगा.

दादा के अंतिम दर्शन के लिये नहीं पहुंचे थे बुमराह
उधम सिंह नगर जिले की किच्छा तहसील क्षेत्र में जसप्रीत बुमराह के दादा व चाचा रहा करते थे. दादा संतोख सिंह रिक्शा चलाकर अपने व दिव्यांग बेटे का भरण पोषण करते थे. 5 दिसम्बर 2017 को संतोख सिंह अपने पोते के जन्म दिन के मौके पर उससे मिलने अहमदाबाद गये हुए थे लेकिन किन्ही कारणों से पोते से मुलाकात न कर सके. कुछ दिनों बाद 84 वर्षीय संतोख सिंह का शव साबरमती नदी में मिला था. उस वक्त भी जसप्रीत बुमराह अपने दादा के अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंचे थे.

कुछ समय बाद किच्छा में उनके चाचा की तबीयत खराब रहने लगी. लगभग 6-7 माह बाद जसप्रीत के चाचा की भी मौत हो गयी. इस घटना को भी जसप्रीत बुमराह ने दरकिनार कर दिया. बताया जाता है कि एक समय था जब जसप्रीत बुमराह के दादा अहमदाबाद में बड़े व्यवसायी थे लेकिन धीरे-धीरे व्यवसाय कम हुआ और धंधा चौपट हो गया.

पढ़ें- 15 जुलाई को कांग्रेस का प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर होगा सरकार का घेराव

इसके बाद बुमराह के दादा अपने दिव्यांग बेटे को लेकर उत्तराखंड चले गये और उधम सिंह नगर में रहने लगे थे. पारिवारिक कारणों के चलते वो अपनी बहू और पोते से अलग हो गए. कई सालों तक उधम सिंह नगर में उनके दादा टेंम्पो चलाया करते थे. वो अकसर कहा करते थे कि वह मरने से पहले अपने पोते से मिलना चाहते हैं, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा उनका पोता पूरा न कर सका. दादा की मौत के कुछ माह बाद उनके चाचा की भी बीमारी के चलते मौत हो गयी.

हालांकि, किच्छा से ताल्लुख रखने वाले बुमराह की पारिवारिक स्थिति कुछ भी रही हो लेकिन आज किच्छा के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सेमीफाइनल में जसप्रीत बेहतर प्रदर्शन कर टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाएंगे

रुद्रपुर: अपनी धारदार बॉलिंग के बलबूते क्रिकेट में शोहरत कमा चुके भारतीय टीम के सदस्य जसप्रीत बुमराह इनदिनों इंग्लैंड में चल रहे वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी शानदार बॉलिंग की बदौलत भारत को फाइनल जीतने की राह में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. बुमराह के प्रदर्शन के कारण देश-विदेश में उनके लाखों फैन्स हैं लेकिन उत्तराखंड से उनका कनेक्शन कुछ अलग ही है.

दरअसल, जसप्रीत बुमराह के दादा और चाचा उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में रहते थे. अब सेमीफाइनल मैच को लेकर किच्छा के लोगों को बुमराह से काफी उम्मीदें हैं.

पढ़ें- त्तराखंडः भारी बारिश से दरकने लगे पहाड़, 6 घंटे बंद रहा टनकपुर-तवाघाट हाई-वे

गौर हो कि मंगलवार को इंग्लैंड के मैनचेस्टर में भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला जा रहा है. भारत पहले गेंदबाजी कर रहा है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की जोड़ी ने न्यूजीलैंड को शुरुआत में ही परेशान कर दिया. जसप्रीत बुमराह के शुरुआती आंकड़े तो ऐसे थे कि जिन्हें देखकर हॉलीवुड फिल्मों के कैरेक्टर जेम्स बॉन्ड को भी शर्म आ जाए. बुमराह ने अपने शुरुआती दो ओवर में सिर्फ एक ही रन दिया और एक विकेट भी झटक लिया.

किच्छा के लोगों को बुमराह से काफी उम्मीदें हैं.

इस मुकाबले में टीम इंडिया के स्पीड स्टार इंडिया जसप्रीत बुमराह ने कमाल कर दिखाया. वह इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मेडन ओवर फेंकने वाले गेंदबाज बन गए हैं. उन्होंने जितने मेडन ओवर किए हैं उतना टीम इंडिया के 5 गेंदबाज मिलकर नहीं कर पाए हैं.

इस वर्ल्ड कप में अबतक भारतीय टीम की ओर से जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा मेडन ओवर किए हैं. वह वर्ल्ड कप में 9 मेडन ओवरों के साथ टॉप पर हैं. उनके अलावा भारत की तरफ से कुलदीप यादव और मोहम्मद शमी ने 2-2 और भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने 1-1 ओवर मेडन ओवर डाले हैं. इस तरह पूरी भारतीय टीम मिलकर 6 मेडन ओवर फेंक पाई है.

वहीं, आईसीसी द्वारा जारी वनडे रैंकिंग में टॉप-10 गेंदबाजों की सूची में एक बार फिर से भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने बाजी मारी है. बुमराह 814 अंकों के साथ पहले स्थान पर बरकरार हैं. वर्ल्ड कप में बुमराह का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है और उन्होंने 8 पारियों में 19.52 की औसत और 4.48 की इकॉनमी के साथ 17 विकेट लिए हैं.

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ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि जसप्रीत बुमराह ने जिस तरह अबतक वर्ल्ड कप में गेंदबाजी की है, उससे उनकी उम्मीद हो बढ़ गई है. एक बार फिर भारत विश्वकप की ट्रॉफी में जरूर कब्जा करेगा और बेहतर प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड ओर क्षेत्र का नाम रोशन करेगा.

दादा के अंतिम दर्शन के लिये नहीं पहुंचे थे बुमराह
उधम सिंह नगर जिले की किच्छा तहसील क्षेत्र में जसप्रीत बुमराह के दादा व चाचा रहा करते थे. दादा संतोख सिंह रिक्शा चलाकर अपने व दिव्यांग बेटे का भरण पोषण करते थे. 5 दिसम्बर 2017 को संतोख सिंह अपने पोते के जन्म दिन के मौके पर उससे मिलने अहमदाबाद गये हुए थे लेकिन किन्ही कारणों से पोते से मुलाकात न कर सके. कुछ दिनों बाद 84 वर्षीय संतोख सिंह का शव साबरमती नदी में मिला था. उस वक्त भी जसप्रीत बुमराह अपने दादा के अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंचे थे.

कुछ समय बाद किच्छा में उनके चाचा की तबीयत खराब रहने लगी. लगभग 6-7 माह बाद जसप्रीत के चाचा की भी मौत हो गयी. इस घटना को भी जसप्रीत बुमराह ने दरकिनार कर दिया. बताया जाता है कि एक समय था जब जसप्रीत बुमराह के दादा अहमदाबाद में बड़े व्यवसायी थे लेकिन धीरे-धीरे व्यवसाय कम हुआ और धंधा चौपट हो गया.

पढ़ें- 15 जुलाई को कांग्रेस का प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर होगा सरकार का घेराव

इसके बाद बुमराह के दादा अपने दिव्यांग बेटे को लेकर उत्तराखंड चले गये और उधम सिंह नगर में रहने लगे थे. पारिवारिक कारणों के चलते वो अपनी बहू और पोते से अलग हो गए. कई सालों तक उधम सिंह नगर में उनके दादा टेंम्पो चलाया करते थे. वो अकसर कहा करते थे कि वह मरने से पहले अपने पोते से मिलना चाहते हैं, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा उनका पोता पूरा न कर सका. दादा की मौत के कुछ माह बाद उनके चाचा की भी बीमारी के चलते मौत हो गयी.

हालांकि, किच्छा से ताल्लुख रखने वाले बुमराह की पारिवारिक स्थिति कुछ भी रही हो लेकिन आज किच्छा के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सेमीफाइनल में जसप्रीत बेहतर प्रदर्शन कर टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाएंगे

Intro:एंकर - अपनी बोलिंग के बलबूते क्रिकेट में शोहरत कमा चुके जसप्रीत बुमराह का उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से भी नाता रहा है। जसप्रीत बुमराह की दादा और चाचा उधम सिंह नगर के किच्छा विधानसभा में रहते थे अब सेमीफाइनल मैच को लेकर किच्छा के लोगों को बुमराह से काफी उम्मीद है।

Body:वीओ - देश आज जसप्रीत बुमराह की धार धार बॉलिंग का दीवाना हुआ है एक ओर जहां जसप्रीत बुमराह ने अपने प्रतिद्वंदी टीम को अपने सामने टिकने ना दिया। वही जसप्रीत बुमराह का उत्तराखंड से भी ताल्लुक है। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर किच्छा तहसील क्षेत्र में उनके दादा व चाचा रहा करते थे। दादा संतोख सिंह रिक्शा चला कर अपने व दिव्यांग बेटे का भरण पोषण करते थे। 5 दिसम्बर 17 को जसप्रीत बुमराह के दादा अपने पोते के जन्म दिन में मिलने के लिए अहमदाबाद के लिए गए हुए थे। लेकिन किन्ही कारणों से पोते से मुलाकात ना कर सके कुछ दिन बाद संतोख सिंह का शव साबरमती नदी में मिला था। उसवक्त भी जसप्रीत बुमराह अपने दादा के अंतिम दर्शन के लिए नही पहुचे थे। कुछ समय बाद किच्छा में उनके चाचा की तबियत खराब रहने लगी थी लगभग 6-7 माह बाद जसप्रीत बुमराह के चाचा की भी मौत हो गयी लेकिन इस घटना को भी जसप्रीत बुमराह द्वारा दरकिनार कर दिया बताया जाता है कि एक समय था जब जसप्रीत बुमराह के दादा अहमदाबाद में बड़े व्यवसायिक थे लेकिन धीरे धीरे व्यवसाय कम हुआ और धंधा चौपट हो गया। जिसके बाद बुमराह के दादा अपने दिव्यांग बेटे को लेकर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में रहने लगे थे। लेकिन पारिवारिक कारणों के चलते वह अपनी बहू ओर पोते से अलग हो गए। कई सालों तक उधम सिंह नगर में उनके दादा टेंम्पो चलाया करते थे। वो अक्सर कहा करते थे कि वह मरने से पहले अपने पोते से मिलना चाहते है लेकिन उनकी अंतिम इच्छा उनका पोता पूरा ना कर सका उनके दादा की मौत के कुछ माह बाद उनके चाचा की भी बीमारी के चलते मौत हो गयी थी। हालांकि किच्छा से तालुख रखने वाले बुमराह के पारिवारिक वजह कुछ भी रही हो लेकिन आज किच्छा के लोग उमीद लगाए बैठे है कि आज के सेमीफाइनल में जसप्रीत बेहतर प्रदर्शन कर टीम इंडिया को फाइनल तक पहुचायेंगे स्थानीय लोगो का कहना है की जिस तरह से जसप्रीत बुमराह अपनी गेंद बाज़ी से विपक्षीय खिलाड़ियों के विकेट गिरा रहे है उससे तो लगता है एक बार फिर भारत विश्वकप की ट्रॉफी में जरूर कब्जा करेगा और बेहतर प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड ओर क्षेत्र का नाम रोशन करेगा।

बाइट - मनोज यादव ,स्थानीय निवासी।

बाइट - शिवकुमार मित्तल, स्थानीय निवासी किच्छा।Conclusion:
Last Updated : Jul 9, 2019, 7:25 PM IST
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