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महिला सुरक्षा के दावे हुए फेल, दिनोंदिन बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ - रुद्रपुर में महिला अपराध

जिला मुख्यालय रुद्रपुर में चल रहे सखी वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल माह से 28 जून तक 83 मामले पंजीकृत हुए है. साथ ही सरकार के महिलाओं की सुरक्षा के दावे के पोल खोलने वाले ये आंकड़ें जो विगत वर्षों के अपेक्षा बढ़े हुए हैं.

महिला सुरक्षा के दावे हुए फेल.
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Published : Jun 29, 2019, 1:40 PM IST

रुद्रपुर: महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तमाम दावे करती रहती हैं, लेकिन महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं. भारत सरकार मंत्रालय और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटरों के आंकड़ों से साफ जाहिर है कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं में कमी आने के बजाए बढ़ोतरी हो रही है.

जिला मुख्यालय रुद्रपुर में चल रहे सखी वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल माह से 28 जून तक 83 मामले पंजीकृत हुए है. इनमें सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा हैं. वहीं, सखी वन स्टॉप सेंटर से 54 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है.

महिला सुरक्षा के दावे हुए फेल.

उधम सिंह नगर जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में महिलाओं संग होने वाली घटनाओ में इजाफा हुआ है. भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय ने संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में अब तक पिछले 3 माह में 83 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिसमें से घरेलू हिंसा सबसे अधिक पाए गए हैं. अब तक 51 मामले घरेलू हिंसा के वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 38 मामलों का काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण किया गया है.

ये भी पढ़ें: कायाकल्प योजना से सुधरेगी जिला अस्पतालों की हालत, प्रथम आने पर 50 लाख का मिलेगा इनाम

वहीं, दूसरा मामला बाल यौन उत्पीड़न का है, जिसमें अब तक 7 मामले दर्ज किए गए हैं. यौन उत्पीड़न के भी पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि रेप के दो मामले, गुमशुदा का एक मामला, साइबर क्राइम का एक मामला और अन्य मामले जैसे बाल विवाह, छेड़छाड़, धोखाधड़ी, जमीनी विवाद के 16 मामले दर्ज हुए हैं.

वर्षवार आंकड़े-


प्रस्तावित/ निस्तारित

2017-18

प्रस्तावित/ निस्तारित

2018-19

प्रस्तावित/ निस्तारित

2019-20

घरेलू हिंसा 15/5 131/76 51/38
बलात्कार 0/0 2/0 2/0
बाल यौन उत्पीड़न 0/0 2/0 7/0
यौन उत्पीड़न 4/1 12/2 5/5
गुमशुदा 1/1 2/1 1/1
ट्रैफिकिंग 0/0 3/3 0/0
अन्य 0/0 10/7 16/9

सखी वन स्टॉप सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर कविता बडोला ने बताया कि पिछले दो सालों से महिलाओं संग होने वाले अपराधों में इजाफा हुआ है, जिसमे नशे के कारण घरेलू हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न, यौन अपराध और उत्पीड़न जैसे मामले सामने आए हैं. कई मामलों में सेंटर ने काउंसलिंग के माध्यम से मामलों का निस्तारण कर लिया है. अन्य मामलों को भी जल्द निस्तारित किया जाएगा.

रुद्रपुर: महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तमाम दावे करती रहती हैं, लेकिन महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं. भारत सरकार मंत्रालय और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटरों के आंकड़ों से साफ जाहिर है कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं में कमी आने के बजाए बढ़ोतरी हो रही है.

जिला मुख्यालय रुद्रपुर में चल रहे सखी वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल माह से 28 जून तक 83 मामले पंजीकृत हुए है. इनमें सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा हैं. वहीं, सखी वन स्टॉप सेंटर से 54 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है.

महिला सुरक्षा के दावे हुए फेल.

उधम सिंह नगर जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में महिलाओं संग होने वाली घटनाओ में इजाफा हुआ है. भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय ने संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में अब तक पिछले 3 माह में 83 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिसमें से घरेलू हिंसा सबसे अधिक पाए गए हैं. अब तक 51 मामले घरेलू हिंसा के वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 38 मामलों का काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण किया गया है.

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वहीं, दूसरा मामला बाल यौन उत्पीड़न का है, जिसमें अब तक 7 मामले दर्ज किए गए हैं. यौन उत्पीड़न के भी पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि रेप के दो मामले, गुमशुदा का एक मामला, साइबर क्राइम का एक मामला और अन्य मामले जैसे बाल विवाह, छेड़छाड़, धोखाधड़ी, जमीनी विवाद के 16 मामले दर्ज हुए हैं.

वर्षवार आंकड़े-


प्रस्तावित/ निस्तारित

2017-18

प्रस्तावित/ निस्तारित

2018-19

प्रस्तावित/ निस्तारित

2019-20

घरेलू हिंसा 15/5 131/76 51/38
बलात्कार 0/0 2/0 2/0
बाल यौन उत्पीड़न 0/0 2/0 7/0
यौन उत्पीड़न 4/1 12/2 5/5
गुमशुदा 1/1 2/1 1/1
ट्रैफिकिंग 0/0 3/3 0/0
अन्य 0/0 10/7 16/9

सखी वन स्टॉप सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर कविता बडोला ने बताया कि पिछले दो सालों से महिलाओं संग होने वाले अपराधों में इजाफा हुआ है, जिसमे नशे के कारण घरेलू हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न, यौन अपराध और उत्पीड़न जैसे मामले सामने आए हैं. कई मामलों में सेंटर ने काउंसलिंग के माध्यम से मामलों का निस्तारण कर लिया है. अन्य मामलों को भी जल्द निस्तारित किया जाएगा.

Intro:summry - प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं का लगातार ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। भारत सरकार मंत्रालय महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे वन स्टॉप सेंटरों के आकड़ो से साफ जाहिर होता है कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं में कमी के बजाए बढ़ोतरी हो रही है।

एंकर - देश और प्रदेश में महिलाओं संग अत्याचार के मामले सामने आते ही रहते है। उधम सिंह नगर में भी महिलाओं संग होने वाले अत्याचारों के मामले में बढ़ोतरी हुई है।जिला मुख्यालय रुद्रपुर में चल रहे सखी वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल माह से 28 जून तक 83 मामले पंजीकृत हुए है। जिसमे से सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा के सामने आए है। सखी वन स्टॉप सेंटर से 54 मामलो का निस्तारण किया जा चूका है।


Body:वीओ - महिलाओं संग होने वाले अत्याचार के मामले प्रदेश में थमने का नाम नही ले रहे है। उधम सिंह नगर जिले में पिछले साल की अपेक्षा वित्तीय वर्ष में महिलाओं संग होने वाली घटनाओ में इजाफा हुआ है। भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में अब तक पिछले 3 माह में 83 मामले पंजीकृत हुए हैं जिसमें से घरेलू हिंसा सबसे अधिक पाए गए हैं अब तक 51 मामले घरेलू हिंसा के वन स्टॉप सेंटर में दर्ज किए गए हैं जिसमें से 38 मामलों का काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारण किया गया है वही दूसरा मामला बाल यौन उत्पीड़न का है जिसमें अब तक 7 मामले दर्ज किए गए हैं वही यौन उत्पीड़न के भी पांच मामले दर्ज किए गए हैं जबकि रेप के दो मामले, गुमशुदा का एक मामला, साइबर क्राइम का एक मामला और अन्य मामले जैसे बाल विवाह, छेड़-छाड़, धोखाधड़ी, जमीनी विवाद के 16 मामले दर्ज हुए है।

वर्ष वार आंकड़े -
2017-18 2018-19 2019-20
प. नि. प. नि. प. नि.
घरेलू हिंसा - 15 5 131 76 51 38
रेप - 0 0 2 0 2 0
बाल यौन उत्पीड़न - 0 0 20 0 7 0
यौन उत्पीड़न - 4 1 12 2 5 5
गुमशुदा - 1 1 2 1 1 1
साइबर क्राइम - 0 0 4 2 1 1
ट्रेफिनकिंग - 0 0 3 3 0 0
अन्य - 0 0 10 7 16 9

काउंसलर की माने तो अधिकांस मामले घरेलू हिंसा के है जिन्हें काउंसलिंग कर निस्तारित किया जाता है। जबकि नाबालिकों के यौन उत्पीड़न के मामलो में इजाफा हो रहा है। वही यौन अपराध व यौन उत्पीड़न के मामलों में अधिकांस मामले लिविंग रिलेसनशिप के दर्ज हुए है।
वही सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर कविता बडोला ने बताया कि पिछले दो सालों से महिलाओं संग होने वाले अपराधों में इजाफा हुआ है। जिसमे नशे के कारण घरेलू हिंसा, बाल यौन उत्पीड़न, यौन अपराध/ यौन उत्पीड़न जैसे मामले सामने आए है। हालांकि कई मामलों में सेंटर द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से मामलो का निस्तारण कर लिया गया है। यही नही इस वर्ष तीन मामले पुरुषों से सम्बंधित पंजीकृत हुए थे। जिनकी पत्नी लम्बे समय से मायके में रह रही थी उसमें भी काउंसलिंग करा मामले का निस्तारण कर दिया गया है। अन्य मामलों को भी जल्द निस्तारण किया जाएगा।


बाइट - कविता बडोला, एडमिनिस्ट्रेटर सखी वन स्टॉप सेंटर।



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