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देवभूमि में बर्फबारी से भगवान को भी लगी ठंड, पहनाये गए ऊनी कपड़े - Uttarakhand snowfall news

देवभूमि में बर्फबारी के चलते ठंड से सिर्फ इंसान ही नहीं भगवान भी अछूते नहीं है. खटीमा में पीलीभीत रोड पर स्थित हनुमान मंदिर में भगवान की मूर्तियों को ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं.

उत्तराखंड में ठंड न्यूज Hanuman Mandir news
हनुमान मंदिर
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Published : Dec 13, 2019, 8:45 PM IST

खटीमा: देवभूमि के पहाड़ी इलाकों में ठंड का चरम पर है. इसका असर सिर्फ इंसानों में ही नहीं भगवान पर भी पड़ने लगा है. पीलीभीत रोड स्थित हनुमान मंदिर में साईं बाबा, भगवान रामचंद्र, सीता माता को भी ठंड लगने लगी है. इसलिए भगवान को ठंड से बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने मूर्तियों को गर्म ऊनी कपड़े पहनाए हैं.

भगवान की मूर्तियों को ठंड से बचाने के लिए पहनाये गए ऊनी कपड़े.

सर्दियों का मौसम शुरू होते ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां भारी बर्फबारी हो रही है. वहीं तराई के क्षेत्रों में ठंड और कोहरे का कहर छाया हुआ है. ठंड के इस कहर से जहां आम-जनजीवन और पशु-पक्षियों का दिनचर्या पर असर होने लगा है. वहीं भगवान भी ठंड के प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं. दिसंबर माह में जैसे ही ठंड का प्रकोप शुरू हुआ, मंदिर में पुजारियों ने भी भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाने शुरू कर दिए हैं. कहीं-कहीं मंदिरों में भगवान की मूर्तियों के आगे हीटर भी जला कर रख दिए गए हैं. ताकि मंदिरों में जहां भगवान की मूर्तियां रखी है उस स्थान पर गर्माहट बनी रहे.

ये भी पढ़े: ऋषिकेश: योग विधा की जानी बारीकियां, 65 चीनी साधकों ने भी लिया भाग

हनुमान मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी मंदिरों और घरों में भगवान की मूर्तियों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान की मूर्ति को जब मंदिर में स्थापित किया जाता है तो मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता है कि जिस दिन मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.तभी से मूर्ति को भी आम इंसान की तरह भूख, प्यास और सर्दी-गर्मी का अहसास होने लगते है. इसलिए भगवान की मूर्ति को भोग लगाया जाता है. साथ ही सर्दी शुरू होते ही सर्दियों के कपड़े भी पहनाये जाते हैं.

खटीमा: देवभूमि के पहाड़ी इलाकों में ठंड का चरम पर है. इसका असर सिर्फ इंसानों में ही नहीं भगवान पर भी पड़ने लगा है. पीलीभीत रोड स्थित हनुमान मंदिर में साईं बाबा, भगवान रामचंद्र, सीता माता को भी ठंड लगने लगी है. इसलिए भगवान को ठंड से बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने मूर्तियों को गर्म ऊनी कपड़े पहनाए हैं.

भगवान की मूर्तियों को ठंड से बचाने के लिए पहनाये गए ऊनी कपड़े.

सर्दियों का मौसम शुरू होते ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां भारी बर्फबारी हो रही है. वहीं तराई के क्षेत्रों में ठंड और कोहरे का कहर छाया हुआ है. ठंड के इस कहर से जहां आम-जनजीवन और पशु-पक्षियों का दिनचर्या पर असर होने लगा है. वहीं भगवान भी ठंड के प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं. दिसंबर माह में जैसे ही ठंड का प्रकोप शुरू हुआ, मंदिर में पुजारियों ने भी भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाने शुरू कर दिए हैं. कहीं-कहीं मंदिरों में भगवान की मूर्तियों के आगे हीटर भी जला कर रख दिए गए हैं. ताकि मंदिरों में जहां भगवान की मूर्तियां रखी है उस स्थान पर गर्माहट बनी रहे.

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हनुमान मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी मंदिरों और घरों में भगवान की मूर्तियों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान की मूर्ति को जब मंदिर में स्थापित किया जाता है तो मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता है कि जिस दिन मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.तभी से मूर्ति को भी आम इंसान की तरह भूख, प्यास और सर्दी-गर्मी का अहसास होने लगते है. इसलिए भगवान की मूर्ति को भोग लगाया जाता है. साथ ही सर्दी शुरू होते ही सर्दियों के कपड़े भी पहनाये जाते हैं.

Intro:summary-उत्तराखंड प्रदेश में इस समय ठंड का प्रकोप छाया हुआ है। ठंड के प्रकोप से आम आदमी - पशु व पक्षी ही नहीं भगवान भी अछूते नहीं हैं। दिसंबर माह शुरू होते ही पड़ रही कड़ाके की ठंड के चलते मंदिरों में भगवान की मूर्तियों को पुजारी द्वारा बनाए जा रहे हैं उनी कपड़े।

नोट- खबर एफटीपी पर- bhagwan ko lagi thand- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- कड़ाके की पड़ रही ठंड का असर जहां आमजन के साथ जीव-जंतुओं पर भी पड़ रहा है। वही भगवान भी ठंड के इस प्रकोप से बच नहीं पा पाये हैं। खटीमा स्थित हनुमान मंदिर में भगवान को ठंड से बचाने के लिए मंदिर में भगवान की मूर्तियों को गर्म ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं।


Body:वीओ- उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में इन दिनों जाड़े का मौसम शुरू होते ही ठंड और कोहरे का कहर छाया हुआ है। ठंड के इस कहर से आम आदमी - पशु - पक्षी परेशान है वही भगवान भी ठंड के प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं। दिसंबर में जैसे ही ठंड का प्रकोप शुरू हुआ मंदिर में पुजारियों ने भी भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाने शुरू कर दिए हैं। तो कहीं-कहीं मंदिरों में भगवान की मूर्तियों के आगे हीटर भी जला कर रख दिए गए हैं ताकि मंदिरों में जहां भगवान की मूर्तियां रखी है वह मौसम में गर्माहट बनी रहे।
वही खटीमा के पीलीभीत रोड स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि हर मंदिर और घरों में भगवान की मूर्तियों को ठंड की शुरुआत होते ही भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं। ताकि भगवान भी ठंड से बच सकें। क्योंकि भगवान की मूर्ति को जब मंदिर में स्थापित किया जाता है तो मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मान्यता है जिस दिन मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है उस दिन से मूर्ति में प्राण आ गए माना जाता है। और प्राण प्रतिष्ठा होते ही मूर्ति को भी आम इंसान की तरह भूख प्यास और सर्दी गर्मी लगेगी है। इसलिए भगवान की मूर्ति को भोग लगाया जाता है। और सर्दी शुरू होते ही सर्दी के कपड़े भी पहनाये जाते हैं।

बाइट- पंडित अखिलेश मिश्रा पुजारी हनुमान मंदिर

बाइट- सुभद्रा भक्त


Conclusion:
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