खटीमा: देवभूमि के पहाड़ी इलाकों में ठंड का चरम पर है. इसका असर सिर्फ इंसानों में ही नहीं भगवान पर भी पड़ने लगा है. पीलीभीत रोड स्थित हनुमान मंदिर में साईं बाबा, भगवान रामचंद्र, सीता माता को भी ठंड लगने लगी है. इसलिए भगवान को ठंड से बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने मूर्तियों को गर्म ऊनी कपड़े पहनाए हैं.
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां भारी बर्फबारी हो रही है. वहीं तराई के क्षेत्रों में ठंड और कोहरे का कहर छाया हुआ है. ठंड के इस कहर से जहां आम-जनजीवन और पशु-पक्षियों का दिनचर्या पर असर होने लगा है. वहीं भगवान भी ठंड के प्रकोप से नहीं बच पा रहे हैं. दिसंबर माह में जैसे ही ठंड का प्रकोप शुरू हुआ, मंदिर में पुजारियों ने भी भगवान की मूर्तियों को ऊनी वस्त्र पहनाने शुरू कर दिए हैं. कहीं-कहीं मंदिरों में भगवान की मूर्तियों के आगे हीटर भी जला कर रख दिए गए हैं. ताकि मंदिरों में जहां भगवान की मूर्तियां रखी है उस स्थान पर गर्माहट बनी रहे.
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हनुमान मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी मंदिरों और घरों में भगवान की मूर्तियों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान की मूर्ति को जब मंदिर में स्थापित किया जाता है तो मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता है कि जिस दिन मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.तभी से मूर्ति को भी आम इंसान की तरह भूख, प्यास और सर्दी-गर्मी का अहसास होने लगते है. इसलिए भगवान की मूर्ति को भोग लगाया जाता है. साथ ही सर्दी शुरू होते ही सर्दियों के कपड़े भी पहनाये जाते हैं.