खटीमा: भारत-नेपाल सीमा पर प्रस्तावित आईसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) के लिए जमीन का सर्वे करने गई भारत सरकार की चार सदस्यीय टीम को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. विवाद बढ़ता देख टीम बिना सर्वे करे ही वहां से वापस लौट गई.
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बता दें कि भारत-नेपाल के बीच दो पक्षीय व्यापार प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में नेपाल सीमा से लगे खटीमा बार्डर पर स्थित मेलाघाट में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के लिए वन विभाग की 28 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. बुधवार को जमीन का सर्वे करने आई भारत सरकार की एक टीम मेलाघाट पहुंची, लेकिन टीम को इस जमीन पर सालों अवैध कब्जा जमाए बैठे ग्रामीण के विरोध का सामना करना पड़ा.
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वहीं, विवाद बढ़ता देख टीम सर्वे का काम बीच में ही छोड़कर चली गई. क्योंकि जिस 25 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, उस पर सुंदरनगर गांव के ग्रामीणों का अवैध कब्जा है. ग्रामीणों का कहना है कि वो बीते 60 सालों से यहां रह रहे हैं. अगर ये जमीन उनसे छीन ली गई तो वे बेघर हो जाएंगे. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने टीम से आदर्श आचार संहिता के बाद सर्वे का काम करने के लिए कहा था, लेकिन भारत सरकार की टीम ने उनकी बात नहीं सुनी, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया.