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कोरोना संकट: महामारी के बीच अपने गांव लौट रहे हैं उत्तराखंडी, पहाड़ हुआ गुलजार

कोरोना वायरस महामारी के बीच उत्तराखंड से रोजगार के लिए पलायन करने वाले आज अपने गांव लौट रहे हैं. दूसरे राज्यों से मजदूर अपना काम छोड़ गांव लौट रहे हैं तो वहीं इन दिनों पहाड़ इन लोगों के आने से फिर से गुलजार हो गया है. वहीं हर मां-बाप के चेहरे पर इन दिनों मुस्कान नजर आ रही है.

chamoli
पहाड़ हुआ गुलजार
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Published : Apr 1, 2020, 10:13 AM IST

Updated : Apr 1, 2020, 10:44 AM IST

चमोली: विश्वभर में फैली महामारी की वजहों से पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसकी वजह से कल-कारखाने, शॉपिंग मॉल, पर्यटन स्थल, होटल समेत कई संस्थानों पर ताले लटके हुए हैं. वहीं इस महामारी की सबसे बड़ी कीमत गरीब मजदूरों को चुकानी पड़ रही है. कुछ ऐसा ही हाल उत्तराखंड के उन मजदूरों का है. जो दो जून की रोटी के लिए अपना घर छोड़ शहरों में पलायन कर गए थे. वहीं इन दिनों पहाड़ों के गांवों में एक चहल पहल देखने को मिल रही है. जिससे हर मां-बाप के चेहरे पर इन दिनों मुस्कान नजर आ रही है.

वैश्विक महामारी के चलते पूर्ण रूप से पलायन कर चुके लोगों को भी इन दिनों अपने गांवों की ओर लौट कर आना पड़ा है. वहीं गांवों में भी लोग सामाजिक दूरी बनाने की अपील एक दूसरे से कर रहे हैं. वहीं मजबूरीवश ही लोग गांव में पलायन कर रहे हों, लेकिन इन दिनों पहाड़ के गांवों में फिर से रौनक लौट आई है.

पहाड़ हुआ गुलजार

उत्तराखंड का चमोली जिला प्रशासन बाहर से गांवों को लौटे हर व्यक्ति पर नजर बनाए हुए है. उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी द्वारा भी गांवों में लौटे हर व्यक्ति की सूचना राजस्व उपनिरीक्षकों द्वारा तलब कर रोजाना जिलाधिकारी चमोली को भेजी जा रही है.

दैनिक मजदूरों को खाद्यान्न संकट से जूझना नहीं पड़े, इसके लिए थराली तहसील में कुल 150 फ़ूड पैकेट जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों ने भी प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस वैश्विक आपदा में कोई भी जरूरतमंद न छूटे, कोई भूखा न रहे इसके पुख्ता इंतेजाम कर सभी दैनिक मजदूरों तक फूड पैकेट पहुंचाए जाएं.

नारायणबगड़ विकासखण्ड में 30 मार्च तक कुल 518 लोग विकासखंड में पहुंचे हैं, जिनमें 7 लोग विदेशों से लौटे हैं, वहीं 4 मजदूर नेपाल से मजदूरी के लिए नारायणबगड़ पहुंचे हैं. अपने मूल गांवों को लौटे लोगों में चार दुबई से, एक ओमान से, एक मालदीव से और एक चीन से नारायणबगड़ विकासखंड में अपने गांवों तक पहुंचे हैं.

ये भी पढ़े: कोरोना से जंगः रसोई गैस के सिलेंडरों को किया जा रहा सैनिटाइज

वहीं थराली और देवाल में 29 मार्च तक कुल मिलाकर 536 लोग अपने गांवों में पहुंचे हैं. जिनमें से थराली विकासखंड में चीन से चौदह, दुबई से दो, कुवैत से दो और नेपाल से एक व्यक्ति पहुंचा है. वहीं देवाल विकासखंड में चीन से एक और दुबई से दो व्यक्ति अपने गांव को लौटे हैं .

इस तरह तीनों तहसीलों में कुल 33 लोग विदेशों से अपने गांवों में लौटे हैं. स्थानीय प्रशासन की मानें तो सभी अपने घर पर होम क्वॉरंटाइन का पालन कर रहे हैं और सभी स्वस्थ हैं. वहीं नारायणबगड़ के कौब गांव में पहुंचे चार नेपाली मजदूरों द्वारा होम क्वॉरंटाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. जिसकी जानकारी तहसीलदार द्वारा जिला प्रशासन को भी भेजी जा चुकी है.

थराली उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी ने कहा बाहर से आये लोगों से होम क्वॉरंटाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. यदि कोई इसका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

चमोली: विश्वभर में फैली महामारी की वजहों से पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसकी वजह से कल-कारखाने, शॉपिंग मॉल, पर्यटन स्थल, होटल समेत कई संस्थानों पर ताले लटके हुए हैं. वहीं इस महामारी की सबसे बड़ी कीमत गरीब मजदूरों को चुकानी पड़ रही है. कुछ ऐसा ही हाल उत्तराखंड के उन मजदूरों का है. जो दो जून की रोटी के लिए अपना घर छोड़ शहरों में पलायन कर गए थे. वहीं इन दिनों पहाड़ों के गांवों में एक चहल पहल देखने को मिल रही है. जिससे हर मां-बाप के चेहरे पर इन दिनों मुस्कान नजर आ रही है.

वैश्विक महामारी के चलते पूर्ण रूप से पलायन कर चुके लोगों को भी इन दिनों अपने गांवों की ओर लौट कर आना पड़ा है. वहीं गांवों में भी लोग सामाजिक दूरी बनाने की अपील एक दूसरे से कर रहे हैं. वहीं मजबूरीवश ही लोग गांव में पलायन कर रहे हों, लेकिन इन दिनों पहाड़ के गांवों में फिर से रौनक लौट आई है.

पहाड़ हुआ गुलजार

उत्तराखंड का चमोली जिला प्रशासन बाहर से गांवों को लौटे हर व्यक्ति पर नजर बनाए हुए है. उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी द्वारा भी गांवों में लौटे हर व्यक्ति की सूचना राजस्व उपनिरीक्षकों द्वारा तलब कर रोजाना जिलाधिकारी चमोली को भेजी जा रही है.

दैनिक मजदूरों को खाद्यान्न संकट से जूझना नहीं पड़े, इसके लिए थराली तहसील में कुल 150 फ़ूड पैकेट जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों ने भी प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस वैश्विक आपदा में कोई भी जरूरतमंद न छूटे, कोई भूखा न रहे इसके पुख्ता इंतेजाम कर सभी दैनिक मजदूरों तक फूड पैकेट पहुंचाए जाएं.

नारायणबगड़ विकासखण्ड में 30 मार्च तक कुल 518 लोग विकासखंड में पहुंचे हैं, जिनमें 7 लोग विदेशों से लौटे हैं, वहीं 4 मजदूर नेपाल से मजदूरी के लिए नारायणबगड़ पहुंचे हैं. अपने मूल गांवों को लौटे लोगों में चार दुबई से, एक ओमान से, एक मालदीव से और एक चीन से नारायणबगड़ विकासखंड में अपने गांवों तक पहुंचे हैं.

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वहीं थराली और देवाल में 29 मार्च तक कुल मिलाकर 536 लोग अपने गांवों में पहुंचे हैं. जिनमें से थराली विकासखंड में चीन से चौदह, दुबई से दो, कुवैत से दो और नेपाल से एक व्यक्ति पहुंचा है. वहीं देवाल विकासखंड में चीन से एक और दुबई से दो व्यक्ति अपने गांव को लौटे हैं .

इस तरह तीनों तहसीलों में कुल 33 लोग विदेशों से अपने गांवों में लौटे हैं. स्थानीय प्रशासन की मानें तो सभी अपने घर पर होम क्वॉरंटाइन का पालन कर रहे हैं और सभी स्वस्थ हैं. वहीं नारायणबगड़ के कौब गांव में पहुंचे चार नेपाली मजदूरों द्वारा होम क्वॉरंटाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. जिसकी जानकारी तहसीलदार द्वारा जिला प्रशासन को भी भेजी जा चुकी है.

थराली उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी ने कहा बाहर से आये लोगों से होम क्वॉरंटाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. यदि कोई इसका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 1, 2020, 10:44 AM IST
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