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शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्कूल का ये हाल, तो कैसे आगे बढ़ेंगे नौनिहाल ?

बाजपुर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की हादल दयनीय है. स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्कल का बुरा हाल
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Published : Aug 21, 2019, 3:26 PM IST

उधम सिंह नगर: सूबे में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्थित स्कूलों को देखकर लगाया जा सकता है. आलम ये है कि जिले के एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है. स्कूली बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर है. जबकि, उधम सिंह नगर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया हुआ है. ऐसे में पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को भी पलीता लग रहा है. देखिए खास रिपोर्ट...

शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्कल का बुरा हाल

बता दें, उधम सिंह नगर की गदरपुर विधानसभा से ही शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय विधायक चुने गए. जिन्हें राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और वह सूबे के शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे हैं. उनके गृह जनपद क्षेत्र में स्थित स्कूलों में शौचालय व्यवस्था का आलम ये है तो बाकि जनपदों का हाल क्या होगा ? इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की. ऐसे में बच्चों के सड़क पार करके बाहर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

ये तस्वीर बाजपुर विधान सभा के ग्राम रम्पुरा शाकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय की है. यहां शौचालय और पीने के पानी के लिए बच्चों को सड़क पार जाने को विवश होना पड़ रहा है. बताते चले कि जहां केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत विद्यालयों में भी बच्चों को शौचालय, पीने के पानी आदि सुविधा उपलब्ध कराने की बात करती है. वहीं, ग्राम रम्पुरा शाकर में बच्चों के लिए शौचालय के लिए खुले में जाना पड़ता है. विद्यालय में बना शौचालय बिल्कुल जर्जर हालत में है.

पढ़ें- उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर क्रैश: मृतक के परिजनों को 15-15 लाख का मुआवजा, सीएम ने की घोषणा

वहीं, इस विद्यालय परिसर में लगे हैंडपम्प से गंदा पानी आने के चलते बच्चों को सड़क पार पानी पीने के लिए जाना पड़ता है. इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय में करीब 98 बच्चे अध्ययनरत है. जिन्हें कुल 4 अध्यापक पढ़ाते हैं. जिसमे 1 से 3 तक और 2 से 5 की कक्षाओं के बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा रहा है. नव निर्मित पूर्व राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6, 7, 8 को एक साथ प्रधानाचार्य मो. हनीफ अकेले ही शिक्षा दे रहे हैं.

ऐसे में इस विद्यालय में बच्चों को न ही गुणवत्तापरक शिक्षा मिल रही है और न ही विद्यालय प्रांगण में शौचालय ठीक हालत में है. यहां तक की बच्चों के लिए पीने तक का पानी विद्यालय में उपलब्ध नहीं है. शिक्षा मंत्री के जिले का ये हाल है तो बाकी जिले में स्थित सरकारी स्कूलों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

उधम सिंह नगर: सूबे में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्थित स्कूलों को देखकर लगाया जा सकता है. आलम ये है कि जिले के एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है. स्कूली बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर है. जबकि, उधम सिंह नगर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया हुआ है. ऐसे में पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को भी पलीता लग रहा है. देखिए खास रिपोर्ट...

शिक्षा मंत्री के गृह जनपद में स्कल का बुरा हाल

बता दें, उधम सिंह नगर की गदरपुर विधानसभा से ही शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय विधायक चुने गए. जिन्हें राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और वह सूबे के शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे हैं. उनके गृह जनपद क्षेत्र में स्थित स्कूलों में शौचालय व्यवस्था का आलम ये है तो बाकि जनपदों का हाल क्या होगा ? इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. यहां स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की. ऐसे में बच्चों के सड़क पार करके बाहर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

ये तस्वीर बाजपुर विधान सभा के ग्राम रम्पुरा शाकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय की है. यहां शौचालय और पीने के पानी के लिए बच्चों को सड़क पार जाने को विवश होना पड़ रहा है. बताते चले कि जहां केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत विद्यालयों में भी बच्चों को शौचालय, पीने के पानी आदि सुविधा उपलब्ध कराने की बात करती है. वहीं, ग्राम रम्पुरा शाकर में बच्चों के लिए शौचालय के लिए खुले में जाना पड़ता है. विद्यालय में बना शौचालय बिल्कुल जर्जर हालत में है.

पढ़ें- उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर क्रैश: मृतक के परिजनों को 15-15 लाख का मुआवजा, सीएम ने की घोषणा

वहीं, इस विद्यालय परिसर में लगे हैंडपम्प से गंदा पानी आने के चलते बच्चों को सड़क पार पानी पीने के लिए जाना पड़ता है. इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय में करीब 98 बच्चे अध्ययनरत है. जिन्हें कुल 4 अध्यापक पढ़ाते हैं. जिसमे 1 से 3 तक और 2 से 5 की कक्षाओं के बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा रहा है. नव निर्मित पूर्व राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6, 7, 8 को एक साथ प्रधानाचार्य मो. हनीफ अकेले ही शिक्षा दे रहे हैं.

ऐसे में इस विद्यालय में बच्चों को न ही गुणवत्तापरक शिक्षा मिल रही है और न ही विद्यालय प्रांगण में शौचालय ठीक हालत में है. यहां तक की बच्चों के लिए पीने तक का पानी विद्यालय में उपलब्ध नहीं है. शिक्षा मंत्री के जिले का ये हाल है तो बाकी जिले में स्थित सरकारी स्कूलों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Intro:
एंकर - सूबे के शिक्षा मंत्री के होम जनपद में स्कूलों का बुरा हाल है। इतना बुरा हाल है कि मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहें हैं । जनपद भर में एक दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय ही नही है जिसमे देश के भविष्य को खुले में शौच करने पर मजबूर है। जहाँ एक ओर जिले को ओडीएफ घोषित किया हुआ है। जब विद्यालयों में ही शौचालय की हालत खस्ता है तब ये कैसा ओडीएफ जिला ये एक सौचनीय विषय है। आज हम आपको एक सरकारी स्कूल से अवगत करा रहे हैं

Body:वीओ - आपको बताते चले कि उधम सिंह नगर में सूबे के शिक्षा मंत्री गदरपुर विधानसभा से विधयाक चुन राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री बने। केंद्र और राज्य में शौचालय पर गंभीर रूप से चिंतित है लेकिन जब सरकारी स्कूलों के यह हाल है कि स्कूलों में शौचालय व्यवस्था बिल्कुल लचर है तब जनपद के क्या हाल होगा। राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शौचालय, पीने के पानी के लिए बच्चों को सड़क पार जाने को मजबुर होना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री के जिला क्षेत्र में बने विद्यालय का ये हाल है तो बाकी जिलों में बने विद्यालयों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

वीओ - आज हम आपको एक विद्यालय से अवगत करा रहे हैं। जो कि बाजपुर विधान सभा के ग्राम रम्पुरा शाकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शौचालय, पीने के पानी के लिए बच्चों को सड़क पार जाने को विवश होना पड़ रहा है। बताते चले कि जहाँ केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार प्रदेश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत विद्यालयों में भी बच्चो को शौचालय, पीने के पानी आदि उपलब्ध कराने की बात करती है। वहीं ग्राम रम्पुरा शाकर मे बच्चों के लिए शोचालय जाने के लिए लंबी-लंबी झाड़ियों से गुजरना पड़ता है विद्यालय में बना शौचालय जर्जर हालत में है। विद्यालय प्रांगण में लगे हैण्डपम्प में पीने का पानी गंदा आने के कारण बच्चो को सड़क पार पानी पीने के लिए जाना पड़ता है। शिक्षा मंत्री के जिले के स्कूलों का क्या हाल है राजकीय प्राथमिक विद्यालय रम्पुरा शाकर मे देखी जा सकती है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय में करीब 98 बच्चे अध्यनरत्त है, जिनको कुल 4 अध्यापक पढ़ाते है जिसमे 1 से 3 तक की कक्षाये व 2 से 5 के बच्चो को एक साथ पढ़ाया जा रहा है नव निर्मित पूर्व राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6, 7, 8 को एक साथ प्रधानाचार्य मो0 हनीफ अकेले ही शिक्षा दे रहे है, विधालय में बच्चों को न ही गुणवत्ता में शिक्षा मिल रही है ओर न ही विद्यालय प्रांगण में शौचालय ठीक हालत मे है न ही बच्चों को पीने का पानी ही उपलब्ध है जब शिक्षा मंत्री के जिला क्षेत्र में बने विद्यालय का ये हाल है तो बाकी जिलों में बने विद्यालयों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है साथ ही पहाड़ों पर बने विद्यालयों के हालात तो बद से बदत्तर ही होगे।

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