रुद्रपुर: इंटेलिजेंस कॉन्सेप्ट्स एंड एप्लीकेशन को कृषि में प्रयोग करने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. आईसीएआर और वर्ल्ड बैंक से वित्त पोषित इस परियोजना का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कृषि के साथ जोड़ना है. यह आयोजन कृषि विश्विद्यालय पन्त नगर में किया गया.
विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए आईडीपी परियोजना के तहत इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था . इस दौरान कृषि महाविद्यालय के 65 छात्रों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. प्रशिक्षण इंटेलिजेंस के विशेषज्ञ अभिषेक शेखर द्वारा दिया गया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कॉन्सेप्ट्स का प्रयोग कृषि के क्षेत्र में कैसे किया जा सकता है, इसके लिए छात्रों को प्रोग्राम बनाने और उस प्रोग्राम को कैसे संचालित किया जा सकता है इसके बारे में प्रशिक्षित किया गया.
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यह प्रशिक्षण कृषि एवं अन्य सम्बंधित स्नातकों के कौशल में नए आयाम स्थापित करेगा. जिससे छात्र कृषि में व्याप्त विभिन्न समस्याओं का सही एवं सटीक समाधान एवं निराकरण सुझा सकेंगे. प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अवधारणाओं, उसमें प्रयोग होने वाले टूल्स एंड सॉफ्टवेर एवं कृषि में प्रयोग करने के तरीकों पर प्रशिक्षित किया गया. वहीं, अबतक इस टेक्नलॉजी का प्रयोग मेडिकल साइंस में अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने में किया जाता है.
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ऐसे में अब विश्वविद्यालय के छात्र इस प्रशिक्षण का इस्तेमाल कृषि से सम्बंधित जटिल समस्याओं को सुलझाने में करेंगे. कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजित नैन का कहना है कि यह ट्रेनिंग भविष्य में कृषि के क्षेत्र में रामबाण साबित होगी. उन्होंने कहा कि जो काम अब तक मानव करते आए हैं, वह मशीन कैसे करें. साथ ही इसको लेकर प्रोग्रामिंग कैसे तैयार की जाए और खेतों में वह मशीन कैसे कार्य करें, इसके बारे में बारीकी से छात्रों को बताया गया है.