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एक है टाइगर...खटीमा के गांवों में मचा रहा आतंक, दहशत में ग्रामीण कर रहे पलायन - दहशत में ग्रामीण कर रहे पलायन

खटीमा में 13 मई और 25 मई को बाघ के हमले में हुए दो ग्रामीणों की मौत के बाद से ही इलाके के लोगों में दहशत और भय का माहौल है. कई परिवार अपने घरों में ताला लगाकर घर छोड़कर दूसरे शहरों में पलायन कर चुके हैं.

Tiger terror in the marginal villages of Khatima
खटीमा के सीमांत गांवों में बाघ का आतंक.
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Published : Jun 1, 2022, 3:40 PM IST

खटीमा: यूपी सीमा से लगी सुरई वन रेंज में बाघ का आतंक छाया हुआ है. कुछ गांवों में बाघ का आतंक इस तरह फैल गया है कि ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. दो ग्रामीणों के मारे जाने के बाद से इलाके में भय का माहौल है. आलम ये है कि लोग अपने घरों पर लगाकर गांव छोड़ चुके हैं. वहीं, वन विभाग की कई टीमें लगातार वन क्षेत्र में गश्त कर रही है. साथ ही ड्रोन और कैमरा ट्रैपिंग के जरिए भी बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

सुरई वन क्षेत्र के अंतर्गत (Surai Forest Area khatima) सीमांत गांव झाऊपरसा बगुलिया मे आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर वन विभाग की टीम द्वारा क्षेत्र में लगातार गश्त की जा रही है. वहीं, बाघ को पकड़ने के लिए घटना क्षेत्र में ही पिंजरा लगा दिया गया है. साथ ही ड्रोन तथा कैमरा ट्रैप आदि के माध्यम से लगातार बाघ की लोकेशन खंगाली जा रही है. लेकिन अभी तक बाघ की कोई भी लोकेशन नहीं मिल पाई है.

खटीमा के सीमांत गांवों में बाघ का आतंक.

पढ़ें- उत्तराखंड के ढाई लाख कर्मचारियों-पेंशनर्स को तोहफा, महंगाई भत्ते में 3 फीसदी बढ़ोत्तरी

बता दें कि खटीमा में 13 मई और 25 मई को बाघ के हमले में हुए दो ग्रामीणों की मौत के बाद से ही इलाके के लोगों में दहशत और भय का माहौल है. कई परिवार अपने घरों में ताला लगाकर घर छोड़कर दूसरे शहरों में पलायन कर चुके हैं.

वहीं, घटनास्थल के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी भय के माहौल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. बाघ के दहशत और भय से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है. ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग से आदमखोर हो चुके बाघ को पकड़ने की गुहार लगाई है.

वहीं, इस मामले में सुरई वन रेंज अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि वन कर्मियों की अलग-अलग टीमों दिन-रात क्षेत्र में गश्त कर रही हैं. ग्रामीणों को जंगल और डैम क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी गई है. उन्होंने कहा कि ड्रोन और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.

खटीमा: यूपी सीमा से लगी सुरई वन रेंज में बाघ का आतंक छाया हुआ है. कुछ गांवों में बाघ का आतंक इस तरह फैल गया है कि ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. दो ग्रामीणों के मारे जाने के बाद से इलाके में भय का माहौल है. आलम ये है कि लोग अपने घरों पर लगाकर गांव छोड़ चुके हैं. वहीं, वन विभाग की कई टीमें लगातार वन क्षेत्र में गश्त कर रही है. साथ ही ड्रोन और कैमरा ट्रैपिंग के जरिए भी बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

सुरई वन क्षेत्र के अंतर्गत (Surai Forest Area khatima) सीमांत गांव झाऊपरसा बगुलिया मे आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर वन विभाग की टीम द्वारा क्षेत्र में लगातार गश्त की जा रही है. वहीं, बाघ को पकड़ने के लिए घटना क्षेत्र में ही पिंजरा लगा दिया गया है. साथ ही ड्रोन तथा कैमरा ट्रैप आदि के माध्यम से लगातार बाघ की लोकेशन खंगाली जा रही है. लेकिन अभी तक बाघ की कोई भी लोकेशन नहीं मिल पाई है.

खटीमा के सीमांत गांवों में बाघ का आतंक.

पढ़ें- उत्तराखंड के ढाई लाख कर्मचारियों-पेंशनर्स को तोहफा, महंगाई भत्ते में 3 फीसदी बढ़ोत्तरी

बता दें कि खटीमा में 13 मई और 25 मई को बाघ के हमले में हुए दो ग्रामीणों की मौत के बाद से ही इलाके के लोगों में दहशत और भय का माहौल है. कई परिवार अपने घरों में ताला लगाकर घर छोड़कर दूसरे शहरों में पलायन कर चुके हैं.

वहीं, घटनास्थल के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी भय के माहौल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. बाघ के दहशत और भय से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है. ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग से आदमखोर हो चुके बाघ को पकड़ने की गुहार लगाई है.

वहीं, इस मामले में सुरई वन रेंज अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि वन कर्मियों की अलग-अलग टीमों दिन-रात क्षेत्र में गश्त कर रही हैं. ग्रामीणों को जंगल और डैम क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी गई है. उन्होंने कहा कि ड्रोन और कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.

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