श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि में पढ़ने वाले छात्रों के लिए राहत भरी खबर है. अब केंद्रीय विवि में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस नहीं देना पड़ेगा. विवि अगले सत्र से यूजी में मेरिट के आधार पर छात्रों को विवि में एडमिशन देगा. जबकि, पीजी में एडमिशन लेने वालों छात्रों को विवि की ओर से करवाए जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम से गुजरना होगा. वहीं, अगले सत्र से पीजी में एडमिशन लेने वाले विवि के छात्रों को 5 प्रतिशत कैंपस वेटेज भी दिया जाएगा.
वहीं, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों के बीच जाकर उन्हें आदेश की यह कॉपी दी. जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपना 23 दिनों से चल रहा आंदोलन खत्म कर दिया. जबकि, जय हो छात्र संगठन इस संबंध में स्पष्ट आदेश आने के बाद ही अपने आंदोलन को विराम देगा. उधर, गढ़वाल विवि में सीयूईटी की अनिवार्यता खत्म करने पर एबीवीपी छात्र संगठन से जुड़े छात्रों ने जमकर आतिशबाजी की. साथ ही एक दूसरे को गुलाल लगाया.
ABVP ने मनाया जश्नः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य संदीप राणा ने कहा कि ये छात्रों की जीत है. सीयूईटी समाप्त होने के बाद छात्रों को काफी राहत मिली है. छात्रों को अब टेस्ट देने के लिए बरेली या मुजफ्फरनगर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. विवि में जो सीट खाली रह गई है, वो अब भर जाएंगी. इसके अलावा जो छात्र सीयूईटी की अनिवार्यता के चलते एडमिशन लेने से वंचित रह गए थे, वे भी अब एडमिशन ले सकेंगे.
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कुछ छात्र संगठन अभी आंदोलन में डटेः वहीं, जय हो छात्र संगठन के नेता सुधांशु नौटियाल ने कहा कि अभी उनके संगठन को स्पष्ट आदेश नहीं मिले हैं. स्पष्ट आदेश के बाद ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा. दूसरी तरफ गढ़वाल विवि के छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि वे आज शिक्षा मंत्री से मिलने गए, लेकिन उन्हें अभी कोई आदेश नहीं मिले हैं. इसलिए उनका आंदोलन अभी जारी रहेगा. स्पष्ट आदेश के बाद ही आंदोलन समाप्त करने पर विचार किया जाएगा.
अब पहले की तरह होंगे विवि एंट्रेंस एग्जामः एचएनबी गढ़वाल विवि के डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर एमएस नेगी ने बताया कि विवि में अगले सत्र से सीयूईटी एग्जाम को खत्म किया जा रहा है. इसके बदले विवि पहले की तरह अपना एंट्रेंस एग्जाम करवाएगा. इसके साथ साथ विवि में यूजी के छात्रों को मेरिट के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा. ये मेरिट नेशनल पैरामीटर के साथ होगी.
उन्होंने बताया कि गढ़वाल विवि में पढ़ने वाले छात्रों को पीजी में 5 प्रतिशत का कैंपस वेटेज दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि एंट्रेंस एग्जाम को लेकर देश के तीन-चार विवि एक साथ मिलकर भी एक एंट्रेंस एग्जाम करवा सकते हैं. इस पर भी विचार किया जा सकता है. इसे लेकर अन्य विश्वविद्यालयों से वार्ता की जाएगी.
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इस बार मेरिट से एडमिशनः वहीं, इस बार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि और संबद्ध कॉलेजों में बिना सीयूईटी के मेरिट के आधार पर प्रवेश दी जा रही है. इसे लेकर विवि की एसी (एकेडमिक काउंसिल) के बाद एसी (एग्जीक्यूटिव काउंसिल) मुहर लगा दी है. ऐसे में छात्रों का एडमिशन मेरिट के आधार होगी. हालांकि, डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर एमएस नेगी का कहना है कि इस बार प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन अगले सत्र से गढ़वाल विवि का एंट्रेंस देना होगा.
नैनीताल हाईकोर्ट ने दिए थे ये आदेशः गौर हो कि गढ़वाल विवि में सीयूईटी की अनिवार्यता के चलते हजारों छात्रों के एडमिशन लेने से वंचित रहने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा था. मामले में हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में गढ़वाल विवि को एक हफ्ते के भीतर स्थिति सुधारने को कहा था. ताकि, उच्च शिक्षा लेने से छात्र वंचित न रह सकें.
वहीं, कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि एचएनबी गढ़वाल विवि में 20 हजार सीटें हैं, जिनमें से केवल 1625 बच्चों को ही प्रवेश मिल पाया है. जिस पर कोर्ट ने विवि प्रशासन को एक हफ्ते के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को पूरी जानकारी देने को कहा था. इसके अलावा कोर्ट ने यूजीसी, केंद्र सरकार और उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
CUET बना विवाद की जड़ः बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) अनिवार्य कर दिया गया था. लिहाजा, उत्तराखंड के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय एचएनबी गढ़वाल विवि में यूजी और पीजी में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित सीयूईटी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन सीयूईटी की वजह से प्रदेश के ज्यादातर छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाया. जिसको लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. छात्र गढ़वाल विवि में प्रवेश में 50 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे थे.