रुद्रपुर/खटीमा/नैनीताल: यूक्रेन से लगातार भारतीयों की वापसी का सिलसिला जारी है. विदेश मंत्रालय की ओर से हर रोज यूक्रेन में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. यूक्रेन से घर वापसी करने वालों में उत्तराखंड के छात्र भी शामिल हैं. रुद्रपुर आवास विकास के रहने वाले आशुतोष और खटीमा के चकरपुर निवासी तुषार भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं, जो सकुशल स्वदेश लौट आये हैं. यूक्रेन से वापस लौटकर इन दोनों छात्रों ने अपनी आपबीती बताई.
रुद्रपुर आवास विकास निवासी आशुतोष आज ही रुद्रपर पहुंचे. आशुतोष यूक्रेन के अजरोद नेशनल मेडिकल विश्विद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. यूक्रेन से घर लौटे मेडिकल के छात्र आशुतोष ने बताया कि वहां हालात खराब होते जा रहे हैं. वहां हर बीतते दिन के साथ खाने-पीने और पैसों की समस्या हो रही है. रोजाना उनके कैंपस के ऊपर से लड़ाकू विमान गुजर रहे थे, जिससे वे घबरा गये थे. उन्होंने बताया की उनके शहर अजरोद में फिलहाल किसी भी तरह की बमबारी नहीं हो रही थी, लेकिन वहां भी भय का माहौल था.
उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता चला कि पहली फ्लाइट में स्वदेश लौट रहे है तो उन्हें काफी खुशी हुई. जिसके बाद वह अजरोद शहर से हंगरी बॉर्डर पहुंचे. जहां पासपोर्ट चेकिंग के बाद बूढ़ापेस्ट एयरपोर्ट से सभी 240 भारतीय दिल्ली के लिए रवाना हुए. उन्होंने कहा यूक्रेन में इंडियन एंबेसी से उन्हें काफी सहयोग मिला.
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वहीं, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे खटीमा चकरपुर निवासी तुषार भी आज आखिरकार सकुशल वापस लौट आये. उन्हें बीती शाम को एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली लाया गया. जहां से वे आज सुबह खटीमा पहुंचे. घर पहुंचने पर उनके परिजनों और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया. तुषार घर पहुंचने पर उनके पिता भगवान सिंह रुमाल बेहद खुश नजर आए. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद अदा किया.
लौट आई नैनीताल की बेटी: नैनीताल की बेटी प्रेरणा बिष्ट भी सोमवार देर रात सकुशल अपने घर पहुंच गई हैं. प्रेरणा को लेने उनके माता-पिता रविवार शाम दिल्ली रवाना हुए थे. ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत के दौरान प्रेरणा ने बताया कि यूक्रेन की स्थितियां दिन प्रतिदिन बेहद खतरनाक होती जा रही हैं. वहां खाने पीने की चीजें खत्म होने लगी हैं. बाजार पूरी तरह बंद हो गए. जिस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रेरणा ने बताया कि थोड़ी थोड़ी देर में उनके घर के ऊपर से जेट विमान गुजरते थे. यूक्रेन सरकार के द्वारा छात्रों समेत स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए लगातार सायरन बजाए जाते थे.सायरन बजते ही सभी लोग अपने घरों से निकलकर बंकरों की तरफ भाग कर अपनी जान बचाते थे.
प्रेरणा ने बताया वह यूक्रेन के इवानो फ़्रैंकविस्क शहर में रहती थी. भारत सरकार समेत यूक्रेन सरकार के द्वारा इवानो फ़्रैंकविस्क में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया. भारतीय छात्रों की लिस्ट बनाई गई. जिसके बाद वे वापस लौटी. प्रेरणा के साथ-साथ नैनीताल निवासी उर्वशी जनतवाल भी सोमवार को यूक्रेन से दिल्ली पहुंची हैं.