खटीमा: उत्तराखंड वन विभाग वन्य जीवों के लिए जंगल में भोजन की उपलब्धता को लेकर अब सागौन और यूकेलिप्टिस की जगह फलदार और मिश्रित पौधे लगा रहा है. ऐसे में इन पौधों को लगाने के लिए भारी संख्या में सागौन और यूकेलिप्टिस के पेड़ काटे जा रहे हैं. जिसके तहत सीमांत क्षेत्र खटीमा के वनों में भी भारी संख्या में सागौन और यूकेलिप्टिस के पेड़ काटे जाने हैं. कटे हुए पेड़ों की लकड़ी को रखने के लिए वन निगम ने वन विभाग से एक अस्थाई वन डिपो खोलने के लिए जमीन की मांग की थी. जिस पर आज खटीमा में कुमाऊं वन संरक्षक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम ने चयनित जमीन का निरीक्षण किया गया है.
उत्तराखंड वन विभाग द्वारा वनों से सागौन और यूके लिप्टिस पेड़ को जंगलों से खत्म किया जा रहा है. इनकी जगह मिश्रित वनों को लगाने की वन विभाग की योजना है. जिसके चलते उधम सिंह नगर जनपद के सीमांत क्षेत्र खटीमा के वनों में सागौन और यूकेलिप्टिस के पेड़ों का कटान होना है. सागौन और यूके लिप्टिस के पेड़ों को भारी संख्या में कटान होने की वजह से वन निगम को वन डिपो में लकड़ियों के लिए कम जगह पड़ने से नए अस्थाई वन डिपो खोलने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए खटीमा के लोहियाहेड में पुलिस चौकी के पीछे चिन्हित वन भूमि का निरीक्षण करने आज वन अधिकारी पहुंचे.
पढ़ें: कोरोना : झारखंड की यह बेटी भारत के हर कोने में पहुंचा रही मेडिकल उपकरण
भूमि निरीक्षण के दौरान कुमाऊं वन संरक्षक डॉ. विवेक पांडे ने कहा कि वन निगम द्वारा खटीमा क्षेत्र में लगातार वन रेंजों में किए जा रहे लकड़ियों के कटान के बाद उनको रखने के लिए खटीमा वन डिपो में स्थान कम पड़ रहा है. इसको लेकर निगम ने वन विभाग से लोहियाहेड क्षेत्र में अस्थाई वन डिपो खोलने की मांग की थी. इसके चलते आज अस्थाई रूप से खोले जाने वाले वन डिपो के लिए चिन्हित वन भूमि का निरीक्षण किया. वहीं वन निगम के अस्थाई वन डिपो खोलने के लिए मांगी गई 20 हेक्टेयर भूमि की जगह फिलहाल 10 हेक्टेयर वन भूमि देने पर सहमति बनी है.