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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने काशीपुर में किया पथ संचालन, गैरसैंण में निकाली कलश यात्रा

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Published : Mar 27, 2023, 7:48 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने काशीपुर में पथ संचालन किया. शहर में दो भागों में हुए पथ संचालन में बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया. उधर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी संघ ने कलश यात्रा निकाली.

Rashtriya Swayamsevak Sangh
काशीपुर समाचार

काशीपुर: हिन्दू नव संवत्सर के मौके पर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जन्म दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचालन किया गया. आरएसएस द्वारा किए गए पथ संचालन की इस बार खास बात यह रही कि इसे पूरे शहर में दो भागों में निकाला गया. पथ संचालन में स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया.

आरएसएस ने किया पथ संचालन: काशीपुर में रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान के प्रांगण से रविवार देर शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचालन का आयोजन किया गया. पथ संचालन में सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचालन रामनगर रोड स्थित रामलीला मैदान से शुरू हुआ. पथ संचालन का एक भाग चीमा चौराहा, माता मंदिर रोड, रतन सिनेमा रोड, मुंशीराम का चौराहा, किला मोहल्ला, मेन बाजार, नगर निगम रोड, महाराणा प्रताप चौक से होता हुआ वापस रामलीला मैदान में आकर समाप्त हुआ.

पथ संचालन का दूसरा भाग श्री रामलीला मैदान से शुरू होकर महाराणा प्रताप चौक, टांडा तिराहा, महेशपुरा, नई सब्जी मंडी, राधेश्याम बिल्डिंग से महाराणा प्रताप चौक होते हुए वापस रामलीला मैदान पर आकर समाप्त हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला प्रचार प्रमुख प्रेम सिंह चौहान ने बताया कि पथ संचालन के माध्यम से यह संदेश देना चाहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार चैत्र मास के प्रथम नवरात्र से नववर्ष का आगाज होता है. इसी के साथ प्रकृति में भी प्रबल परिवर्तन और प्राकृतिक नवीनता भी दिखाई देती है.
ये भी पढ़ें: Chaitra Navratri: जानें अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त, रामनवमी पर बन रहा है शुभ संयोग

सांस्कृतिक उत्थान के उद्देश्य से किया पथ संचालन: प्रेम सिंह ने कहा कि अंग्रेजी नव वर्ष के समय में आपको कहीं भी कोई प्राकृतिक नवीनता नहीं दिखाई देती है. आरएसएस के वर्षभर के दौरान मनाए जाने वाले 6 पर्वों में यह पहला पर्व होता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशीपुर के खंड संचालक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि सांस्कृतिक उत्थान के मकसद से यह पथ संचालन किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष सभी लोग अंग्रेजी नववर्ष को मनाते हैं, लेकिन हिंदू नव वर्ष को लोग भूलते जा रहे हैं. सांस्कृतिक उत्थान, धार्मिक जागरण के निमित्त, सामाजिक समरसता सद्भावना को लेकर इस पथ संचालन का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि युवा आगे रहेगा तो सामाजिक समरसता आएगी.

गैरसैंण में निकली कलश यात्रा: उधर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी आरएसएस ने कलश यात्रा का आयोजन किया. कई किलोमीटर लंबी कलश यात्रा की छटा देखते ही बन रही थी. महिलाएं उत्तराखंड के रंगीले पिछौड़ में सजी थीं. सर पर कलश लेकर जब गैरसैंण में कलश यात्रा निकली तो लोग देखते रह गए. इस कलश यात्रा का उद्देश सामाजिक समरसता लाना और सनातन धर्म की संस्कृतिक से नई पीढ़ी को परिचित कराना था.

काशीपुर: हिन्दू नव संवत्सर के मौके पर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जन्म दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचालन किया गया. आरएसएस द्वारा किए गए पथ संचालन की इस बार खास बात यह रही कि इसे पूरे शहर में दो भागों में निकाला गया. पथ संचालन में स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया.

आरएसएस ने किया पथ संचालन: काशीपुर में रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान के प्रांगण से रविवार देर शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचालन का आयोजन किया गया. पथ संचालन में सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचालन रामनगर रोड स्थित रामलीला मैदान से शुरू हुआ. पथ संचालन का एक भाग चीमा चौराहा, माता मंदिर रोड, रतन सिनेमा रोड, मुंशीराम का चौराहा, किला मोहल्ला, मेन बाजार, नगर निगम रोड, महाराणा प्रताप चौक से होता हुआ वापस रामलीला मैदान में आकर समाप्त हुआ.

पथ संचालन का दूसरा भाग श्री रामलीला मैदान से शुरू होकर महाराणा प्रताप चौक, टांडा तिराहा, महेशपुरा, नई सब्जी मंडी, राधेश्याम बिल्डिंग से महाराणा प्रताप चौक होते हुए वापस रामलीला मैदान पर आकर समाप्त हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला प्रचार प्रमुख प्रेम सिंह चौहान ने बताया कि पथ संचालन के माध्यम से यह संदेश देना चाहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार चैत्र मास के प्रथम नवरात्र से नववर्ष का आगाज होता है. इसी के साथ प्रकृति में भी प्रबल परिवर्तन और प्राकृतिक नवीनता भी दिखाई देती है.
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सांस्कृतिक उत्थान के उद्देश्य से किया पथ संचालन: प्रेम सिंह ने कहा कि अंग्रेजी नव वर्ष के समय में आपको कहीं भी कोई प्राकृतिक नवीनता नहीं दिखाई देती है. आरएसएस के वर्षभर के दौरान मनाए जाने वाले 6 पर्वों में यह पहला पर्व होता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशीपुर के खंड संचालक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि सांस्कृतिक उत्थान के मकसद से यह पथ संचालन किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष सभी लोग अंग्रेजी नववर्ष को मनाते हैं, लेकिन हिंदू नव वर्ष को लोग भूलते जा रहे हैं. सांस्कृतिक उत्थान, धार्मिक जागरण के निमित्त, सामाजिक समरसता सद्भावना को लेकर इस पथ संचालन का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि युवा आगे रहेगा तो सामाजिक समरसता आएगी.

गैरसैंण में निकली कलश यात्रा: उधर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी आरएसएस ने कलश यात्रा का आयोजन किया. कई किलोमीटर लंबी कलश यात्रा की छटा देखते ही बन रही थी. महिलाएं उत्तराखंड के रंगीले पिछौड़ में सजी थीं. सर पर कलश लेकर जब गैरसैंण में कलश यात्रा निकली तो लोग देखते रह गए. इस कलश यात्रा का उद्देश सामाजिक समरसता लाना और सनातन धर्म की संस्कृतिक से नई पीढ़ी को परिचित कराना था.

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