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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर चंपावत में कार्यक्रम, ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में गोलमेज सम्मेलन - अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर चंपावत में कार्यक्रम

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर चंपावत में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास और ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान चंपावत बाल विकास विभाग ने छात्राओं को सैनिटरी पैड और फल वितरण किया. वहीं, ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में लैंगिक असमानता, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह जैसी कुरीति को लेकर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया.

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Published : Oct 11, 2022, 8:19 PM IST

खटीमा/ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (international girl child day) पर प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित किया गया. चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र में भी बाल विकास विभाग (child development department) की ओर से कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में अध्यापिका और छात्राओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, ऋषिकेश परमार्थ निकेतन (Rishikesh Parmarth Niketan) में लैंगिक असमानता, महिला हिंसा और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को लेकर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया.

चंपावत बाल विकास विभाग (Champawat Child Development Department) की सुपरवाइजर मीरा जोशी ने बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन और फलों का वितरण किया. इस दौरान मीरा जोशी ने कहा हर साल की तरह विभाग इस बार भी अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सभी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. हमारा प्रयास है कि अपने अधिकारों के लिए बालिकाओं में जागरूकता लाई जाए.

वहीं, ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में लैंगिक असमानता, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह जैसी कुरीति के लिए धार्मिक परिपेक्ष पर आधारित टूलकिट के समीक्षा और विमोचन को लेकर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस और यूएनएफपीए इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में किया गया.
ये भी पढ़ें: एम्स ऋषिकेश से रवाना हुआ 'ट्रॉमा रथ', सड़क हादसे में मृत्यु दर कम करना उद्देश्य

सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं ने सकारात्मक समाज के निर्माण के लिए लैंगिक समानता स्थापित करने को लेकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण, सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने और विभिन्न धर्मों के साथ कार्य करना जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की. यह टूलकिट लैंगिक समानता, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह आदि समाज को प्रभावित करने वाली सभी सामाजिक समस्याओं से संबंधित हैं. यह प्रथाएं मानव अधिकारों के मूल मूल्यों को कमजोर करती हैं. इसलिये इन प्रथाओं से समाज को मुक्त करने की जरूरत है.

यह टूलकिट धर्मगुरुओं, धार्मिक विद्वानों, धर्मग्रंथों के ज्ञाता एवं धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर रहे स्कॉलर्स के द्वारा निर्मित किया गया है. जो सभी के लिए अत्यंत उपयोगी है. इस टूलकिट में बाल विवाह, लैंगिक असमानता और लिंग आधारित हिंसा के विषयों को धर्म ग्रंथों में उल्लेखित मंत्रों, संदर्भों, कहानियों और उदाहरणों के आधार पर सरल और सहज भाषा में समझाया गया है.

खटीमा/ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (international girl child day) पर प्रदेशभर में कार्यक्रम आयोजित किया गया. चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र में भी बाल विकास विभाग (child development department) की ओर से कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में अध्यापिका और छात्राओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, ऋषिकेश परमार्थ निकेतन (Rishikesh Parmarth Niketan) में लैंगिक असमानता, महिला हिंसा और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को लेकर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया.

चंपावत बाल विकास विभाग (Champawat Child Development Department) की सुपरवाइजर मीरा जोशी ने बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन और फलों का वितरण किया. इस दौरान मीरा जोशी ने कहा हर साल की तरह विभाग इस बार भी अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सभी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. हमारा प्रयास है कि अपने अधिकारों के लिए बालिकाओं में जागरूकता लाई जाए.

वहीं, ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में लैंगिक असमानता, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह जैसी कुरीति के लिए धार्मिक परिपेक्ष पर आधारित टूलकिट के समीक्षा और विमोचन को लेकर गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस और यूएनएफपीए इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में किया गया.
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सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं ने सकारात्मक समाज के निर्माण के लिए लैंगिक समानता स्थापित करने को लेकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण, सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने और विभिन्न धर्मों के साथ कार्य करना जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की. यह टूलकिट लैंगिक समानता, लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह आदि समाज को प्रभावित करने वाली सभी सामाजिक समस्याओं से संबंधित हैं. यह प्रथाएं मानव अधिकारों के मूल मूल्यों को कमजोर करती हैं. इसलिये इन प्रथाओं से समाज को मुक्त करने की जरूरत है.

यह टूलकिट धर्मगुरुओं, धार्मिक विद्वानों, धर्मग्रंथों के ज्ञाता एवं धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर रहे स्कॉलर्स के द्वारा निर्मित किया गया है. जो सभी के लिए अत्यंत उपयोगी है. इस टूलकिट में बाल विवाह, लैंगिक असमानता और लिंग आधारित हिंसा के विषयों को धर्म ग्रंथों में उल्लेखित मंत्रों, संदर्भों, कहानियों और उदाहरणों के आधार पर सरल और सहज भाषा में समझाया गया है.

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