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पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मोर्चा खोल दिया. प्रोफेसरों ने राज्य सरकार को ये भी चेतावनी दी कि हुए अगर उत्तराखंड सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की, तो 16 अगस्त से उग्र आंदोलन किया जाएगा.

कृषि विश्वविधालय के प्रोफेसरों ने किया प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2019, 3:41 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 4:28 PM IST

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने विश्वविधालय परिसर में राज्य सरकार के तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं करती है तो वो 16 अगस्त से कार्यबहिष्कार कर हड़ताल पर चले जायेंगे.

कृषि विश्वविधालय के प्रोफेसरों ने किया प्रदर्शन.
बता दें कि पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने उत्पीड़न के मामले में प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान प्रोफेसरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नही की जाती हैं तो वो 16 अगस्त से जिले सभी प्रोफेसर कार्यबहिस्कार कर हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार प्रोफेसरों के साथ भेदभाव कर रही है. वहीं, कृषि विश्वविद्यालय के टेक्निकल और कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात प्रोफेसरों को 7 वें वेतन मान का लाभ भी नहीं मिल रहा है,जिससे उनमें राज्य सरकार के प्रति काफी रोष है.

वहीं, प्रोफेसरों की माने तो सरकार के इस तुगलकी फरमान का वो सभी विरोध करते हैं. प्रदर्शनकारी प्रोफेसरों ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक रिसर्च और कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है.

इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि राज्य सरकार प्रोफेसरों के साथ भेदभाव भरा रवैया अख्तियार किये हुए हैं. अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की जाती हैं, तो सभी प्रोफेसर 16 अगस्त से शिक्षण कार्य बंद कर बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे.

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने विश्वविधालय परिसर में राज्य सरकार के तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं करती है तो वो 16 अगस्त से कार्यबहिष्कार कर हड़ताल पर चले जायेंगे.

कृषि विश्वविधालय के प्रोफेसरों ने किया प्रदर्शन.
बता दें कि पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने उत्पीड़न के मामले में प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान प्रोफेसरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नही की जाती हैं तो वो 16 अगस्त से जिले सभी प्रोफेसर कार्यबहिस्कार कर हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार प्रोफेसरों के साथ भेदभाव कर रही है. वहीं, कृषि विश्वविद्यालय के टेक्निकल और कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात प्रोफेसरों को 7 वें वेतन मान का लाभ भी नहीं मिल रहा है,जिससे उनमें राज्य सरकार के प्रति काफी रोष है.

वहीं, प्रोफेसरों की माने तो सरकार के इस तुगलकी फरमान का वो सभी विरोध करते हैं. प्रदर्शनकारी प्रोफेसरों ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक रिसर्च और कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है.

इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि राज्य सरकार प्रोफेसरों के साथ भेदभाव भरा रवैया अख्तियार किये हुए हैं. अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की जाती हैं, तो सभी प्रोफेसर 16 अगस्त से शिक्षण कार्य बंद कर बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे.

Intro:summry - पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा आज प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है प्रोफ़ेसरो ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे पूरी नही करता है तो 16 अगस्त से उग्र आंदोलन किया जाएगा।

एंकर - कृषि विश्वविद्यालय पन्तनगर के प्रोफेसरों ने आज विश्वविद्यालय परिषर में सरकार के तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नही की जाती तो 16 अगस्त से सभी कार्य बंद करते हुए हड़ताल में चले जायेंगे।


Body:वीओ - पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा उत्पीड़न के मामले में आज प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय परिषर में रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाज़ी की। इस दौरान प्रोफेसरों ने कहा कि उनकी मांगे पूरी नही की जाती तो 16 अगस्त से सभी 600 प्रोफेसर कार्य बन्द कर हड़ताल में चले जायेंगे। उन्होंने बताया कि सूबे की सरकार प्रोफेसरों के साथ भेद भाव कर रही है। पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के टेक्निकल ओर कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात प्रोफेसरों को 7वा वेतन मान नही दिया जा रहा है। यही नही सरकार द्वारा रिशर्च ओर शिक्षण को अलग अलग कर दिया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा 2017 में एक शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रोफेसरों की माने तो सरकार के इस तुगलकी फरमान का वो सभी विरोध करते है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार रिशर्च और कृषि विज्ञान केंद्रों में तैनात कर्मचारियो को सरकार राज्य कर्मचारी नही मान रही है। इन तमाम मुद्दों को लेकर आज उनके द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है।
यूनियन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार प्रोफेसरों के साथ भेद भाव कर रही है। अगर उनकी मांगों को दर किनार किया जाता है तो वह 16 अगस्त से सभी रिशर्च, शिक्षण कार्य पूरी तरह से ठप कर देंगे।

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Last Updated : Aug 9, 2019, 4:28 PM IST

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