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सरकार के दावों की पोल खोल रहा काशीपुर का ये चिकित्सालय, मरीजों को हो रही परेशानी

काशीपुर के एलडी भट्ट हॉस्पिटल की स्थिति काफी खस्ताहाल है. एक तरफ जहां सरकार सरकारी अस्पतालों को सारी सुविधाएं देने के दावे करती है तो वहीं, काशीपुर का सरकारी अस्पताल सरकार के दावों की पोल खोल रहा है.

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Published : Jul 12, 2019, 10:17 AM IST

बिजली गुल होने से मरीज परेशान.

काशीपुर: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रशासन और विभाग द्वारा लाख दावे किए जा रहें हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसे मामले सामने आ रहें हैं जो इन दावों की पोल खोल रहें हैं. काशीपुर सरकारी अस्पताल में समस्या के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां बिजली चले जाने पर डॉक्टर और मरीजों के लिए जनरेटर तो है, लेकिन तेल न होने की वजह से मरीजों को गर्मी से दो-चार होना पड़ रहा है. वहीं, इस मामले में अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी सफाई देते नजर आ रहे हैं.

सरकार के दावों की पोल खोल रहा काशीपुर का ये चिकित्सालय.

गौर हो कि काशीपुर के एलडी भट्ट हॉस्पिटल की स्थिति काफी खस्ताहाल है. एक तरफ जहां सरकार सरकारी अस्पतालों को सारी सुविधाएं देने के दावे करती है तो वहीं, काशीपुर का सरकारी अस्पताल सरकार के दावों की पोल खोल रहा है.

हॉस्पिटल में वार्डों का आलम यह है कि अगर दिन हो या रात बिजली गुल हो जाए तो मरीजों को हाथ से पंखा चलाते दिखाई देते हैं. वहीं, जब इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी वीके टम्टा से बात की गई तो वह एक से अधिक बार लाइट जाने का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आए.

उन्होंने कहा कि जिस दिन आपने यह वीडियो बनाई है उस दिन इनवर्टर में खराबी आ गई थी. जिसकी वजह से पंखे बंद कर दिए गए थे. लेकिन मरीजों ने मुख्य चिकित्साधिकारी के इस तथ्यों की हवा निकाल दी. मरीजों का कहना है कि जब बिजली गुल हो जाती है तो जनरेटर नहीं चलाया जाता है.

जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि अगर इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं मरीजों के तीमारदार गर्मी से यहां-वहां भटकते दिखाई दिए.

काशीपुर: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रशासन और विभाग द्वारा लाख दावे किए जा रहें हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसे मामले सामने आ रहें हैं जो इन दावों की पोल खोल रहें हैं. काशीपुर सरकारी अस्पताल में समस्या के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां बिजली चले जाने पर डॉक्टर और मरीजों के लिए जनरेटर तो है, लेकिन तेल न होने की वजह से मरीजों को गर्मी से दो-चार होना पड़ रहा है. वहीं, इस मामले में अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी सफाई देते नजर आ रहे हैं.

सरकार के दावों की पोल खोल रहा काशीपुर का ये चिकित्सालय.

गौर हो कि काशीपुर के एलडी भट्ट हॉस्पिटल की स्थिति काफी खस्ताहाल है. एक तरफ जहां सरकार सरकारी अस्पतालों को सारी सुविधाएं देने के दावे करती है तो वहीं, काशीपुर का सरकारी अस्पताल सरकार के दावों की पोल खोल रहा है.

हॉस्पिटल में वार्डों का आलम यह है कि अगर दिन हो या रात बिजली गुल हो जाए तो मरीजों को हाथ से पंखा चलाते दिखाई देते हैं. वहीं, जब इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी वीके टम्टा से बात की गई तो वह एक से अधिक बार लाइट जाने का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आए.

उन्होंने कहा कि जिस दिन आपने यह वीडियो बनाई है उस दिन इनवर्टर में खराबी आ गई थी. जिसकी वजह से पंखे बंद कर दिए गए थे. लेकिन मरीजों ने मुख्य चिकित्साधिकारी के इस तथ्यों की हवा निकाल दी. मरीजों का कहना है कि जब बिजली गुल हो जाती है तो जनरेटर नहीं चलाया जाता है.

जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि अगर इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं मरीजों के तीमारदार गर्मी से यहां-वहां भटकते दिखाई दिए.

Intro:Summary- अगर आपको स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलती देखनी है तो आप काशीपुर के सरकारी अस्पताल चले आइए जहां बिजली जाने के बाद डॉक्टर और मरीजों के लिए जनरेटर तो है लेकिन उसमें तेल ना होने की वजह से बिजली जाने की सूरत में मरीजों को हाथ का पंखा चला कर ही गुजारा करना पड़ता है यहां रखा बढ़ा जनरेटर सफेद हाथी बन कर ही रह गया है तो वही अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से जब इस बारे में बातचीत की गई तो वह सफाई देते नजर आए।

एंकर- एक तरफ जहां सरकार सरकारी अस्पतालों को सारी सुविधाएं देने के दावे करती है तो वही काशीपुर का सरकारी अस्पताल सरकार के उन दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। हॉस्पिटल में वाडो का आलम यह है कि अगर दिन हो या रात बिजली गुल हो जाए तो मरीजों को हाथ से पंखा झलना पड़ता है और तो और अगर किसी मरीज के हाथ में फ्रैक्चर हो तो उसके तीमारदार को उसकी सेवा में पंखे से हवा करनी पड़ती है।
Body:वीओ- आपको बताते चलें काशीपुर का राजकीय चिकित्सालय एलडी भट्ट दयनीय हालत में है। सुविधाओं के नाम पर अस्पताल बदहाली के आंसू रोता नजर आ रहा है। आलम यह है कि लाइट जाने पर मरीजों को चिलचिलाती गर्मी से जूझना पड़ता है और गर्मी से निजात पाने के लिए हाथ का पंखा चलाने को मजबूर हैं और अस्पताल में रखा जनरेटर शो पीस का काम करता नजर आ रहा है। जिसके चलते हैं मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जब इस विषय पर चिकित्सा अधीक्षक वीके टम्टा से बात की गई तो वह एक से अधिक बार लाइट जाने का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आए। आलम यह है कि अगर रात में बिजली गुल हो जाये तो मरीज़ों की हालत बद से बदतर हो जाती है। और तो और अगर रात में इमरजेंसी में इलाज करते समय बिजली गुल जाए तो इलाज कैसा होता होगा यह इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जब इस बारे में अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके टम्टा से मालूमात किया गया तो जनाब इस पूरे मामले पर सफाई देते नजर आए और मीडिया कुछ उल्टा पाठ पढ़ाने लगे और कहा कि जिस दिन आपने यह वीडियो बनाई है उस दिन इनवर्टर में खराबी आ गई थी जिसकी वजह से पंखे बंद कर दिया गए थे लेकिन मरीजों का कहना इसके उलट ही है मरीजों का साफ कहना है कि जब बिजली गुल हो जाती है तो जनरेटर नहीं चलता है और उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बाइट- आकांक्षा ठाकुर,स्थानीय निवासी
बाइट- डॉ. वीके टम्टा, मुख्य चिकित्साधीक्षक, राजकीय चिकित्सालय काशीपुर
बाइट- त्रिलोक सिंह, मरीज
बाइट- अतर सिंह, मरीजConclusion:
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