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नहीं रहे दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा, पीएम मोदी समेत बड़े नेताओं ने जताया शोक - RATAN TATA DIES

Ratan Tata no more: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया.

Ratan Tata Health condition critical Admitted in ICU at Mumbai hospital Updates
उद्योगपति रतन टाटा (File Photo - ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2024, 9:17 PM IST

मुंबई: देश के महान उद्योगपति रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का मुंबई के एक निजी अस्पताल में बीती रात निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है.

86 वर्षीय उद्योगपति रतन टाटा इस सप्ताह की शुरुआत में उम्र संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. नियमित चिकित्सा जांच के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था.

टाटा ने बीते सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक बयान पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में अफवाहों को खारिज किया था. उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं. उन्होंने कहा था, "चिंता का कोई कारण नहीं है. मैं अच्छे मूड में हूं." उन्होंने कहा कि उनकी नियमित चिकित्सा जांच चल रही है. उन्होंने लोगों और मीडिया से गलत सूचना फैलाने से बचने की अपील की थी.

1991 में बने थे टाटा संस के चेयरमैन
रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत की बड़ी हस्ती थे. वह 1991 में भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट समूहों में से एक टाटा संस के चेयरमैन बने और 2012 तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया. उनकी लीडरशिप में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया, टेटली, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी प्रमुख कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे टाटा घरेलू कंपनी से वैश्विक कंपनी में बदल गया.

रतन टाटा के नेतृत्व में समूह ने दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो लॉन्च की. उन्होंने ग्रुप की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का विस्तार करके इसे वैश्विक IT लीडर बना दिया.

रतन टाटा ने 2012 में टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन बाद में उन्हें टाटा संस और टाटा मोटर्स और टाटा स्टील सहित अन्य समूह कंपनियों का मानद चेयरमैन नामित किया गया.

यह भी पढ़ें- रतन टाटा के अस्पताल में भर्ती होने की फैली अफवाह...जानें क्या है सच्चाई

मुंबई: देश के महान उद्योगपति रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का मुंबई के एक निजी अस्पताल में बीती रात निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है.

86 वर्षीय उद्योगपति रतन टाटा इस सप्ताह की शुरुआत में उम्र संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. नियमित चिकित्सा जांच के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था.

टाटा ने बीते सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक बयान पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में अफवाहों को खारिज किया था. उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं. उन्होंने कहा था, "चिंता का कोई कारण नहीं है. मैं अच्छे मूड में हूं." उन्होंने कहा कि उनकी नियमित चिकित्सा जांच चल रही है. उन्होंने लोगों और मीडिया से गलत सूचना फैलाने से बचने की अपील की थी.

1991 में बने थे टाटा संस के चेयरमैन
रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत की बड़ी हस्ती थे. वह 1991 में भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट समूहों में से एक टाटा संस के चेयरमैन बने और 2012 तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया. उनकी लीडरशिप में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर विस्तार किया, टेटली, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी प्रमुख कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे टाटा घरेलू कंपनी से वैश्विक कंपनी में बदल गया.

रतन टाटा के नेतृत्व में समूह ने दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो लॉन्च की. उन्होंने ग्रुप की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का विस्तार करके इसे वैश्विक IT लीडर बना दिया.

रतन टाटा ने 2012 में टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन बाद में उन्हें टाटा संस और टाटा मोटर्स और टाटा स्टील सहित अन्य समूह कंपनियों का मानद चेयरमैन नामित किया गया.

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