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बत्ती हटी, नेम प्लेट से बन रहे VIP

अपने शहर में कई दोपहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों में रसूखदार नाम लिखवाकर घूम रहे हैं. इस पर पुलिस प्रशासन मौन धारण किए हुए है. प्रतिबंध है फिर भी

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Published : Dec 1, 2019, 10:43 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 11:33 PM IST

kashipur.
खुल्ले में नेम प्लेट लगाकर घूम रहे रसूखदार.

काशीपुर: सरकारी या निजी वाहन पर विभाग या पद का नाम लिखने पर प्रतिबंध के बाद भी लोग नेम प्लेट लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. स्टेटस सिंबल सिर्फ अफसरों में ही नहीं, राजनीतिक दलों के नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट लगाकर रौब गांठते देखे जा सकते हैं. काशीपुर की सड़क पर ऐसी गाड़ियां आसानी से देखी जा सकती हैं. ताज्जुब की बात ये है कि इन गाड़ियों के नेम प्लेट देख पुलिस भी सीधे कार्रवाई करने से कदम पीछे खींच लेती है.

खुल्ले में नेम प्लेट लगाकर घूम रहे रसूखदार.

अक्सर अपने शहर में कई दोपहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों पर विधायक, प्रेस, पुलिस, अध्यक्ष, सरपंच आदि की नेम प्लेट या मोनोग्राम लगा देखा होगा. बड़ी बड़ी नेम प्लेट वाहन मालिक सिर्फ इसलिए अपने वाहन पर लगाते हैं ताकि वे अपने आप को विशिष्ट दर्जा का व्यक्ति बता सकें. काशीपुर की सड़कों पर भी इस तरह के वाहन दौड़ते नजर आ जाएंगे. पुलिस मुख्यालय तक पहुंची ऐसी शिकायतों पर अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने गंभीरता दिखाते हुए गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के डीआइजी को ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था. लेकिन पुलिस ने भी कुछ दिन तक इस मामले में कार्रवाई की फिर शांत हो गई.

ये भी पढ़ें: मानव और वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग की नई पहल, युवाओं को करेगा प्रशिक्षित

अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर ने इस मामले में एमवी एक्ट में कार्रवाई किए जाने की बात कही है. नेम प्लेट लगे वाहनों में सबसे अधिक वाहन जनप्रतिनिधियों और सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों के दिखाई पड़ते हैं. इनके रसूख के चलते परिवहन और पुलिस ऐसे वाहनों को देखकर चेक करना तो दूर की बात रोकने का साहस भी नहीं जुटाती है.

काशीपुर: सरकारी या निजी वाहन पर विभाग या पद का नाम लिखने पर प्रतिबंध के बाद भी लोग नेम प्लेट लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. स्टेटस सिंबल सिर्फ अफसरों में ही नहीं, राजनीतिक दलों के नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट लगाकर रौब गांठते देखे जा सकते हैं. काशीपुर की सड़क पर ऐसी गाड़ियां आसानी से देखी जा सकती हैं. ताज्जुब की बात ये है कि इन गाड़ियों के नेम प्लेट देख पुलिस भी सीधे कार्रवाई करने से कदम पीछे खींच लेती है.

खुल्ले में नेम प्लेट लगाकर घूम रहे रसूखदार.

अक्सर अपने शहर में कई दोपहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों पर विधायक, प्रेस, पुलिस, अध्यक्ष, सरपंच आदि की नेम प्लेट या मोनोग्राम लगा देखा होगा. बड़ी बड़ी नेम प्लेट वाहन मालिक सिर्फ इसलिए अपने वाहन पर लगाते हैं ताकि वे अपने आप को विशिष्ट दर्जा का व्यक्ति बता सकें. काशीपुर की सड़कों पर भी इस तरह के वाहन दौड़ते नजर आ जाएंगे. पुलिस मुख्यालय तक पहुंची ऐसी शिकायतों पर अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने गंभीरता दिखाते हुए गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के डीआइजी को ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था. लेकिन पुलिस ने भी कुछ दिन तक इस मामले में कार्रवाई की फिर शांत हो गई.

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अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर ने इस मामले में एमवी एक्ट में कार्रवाई किए जाने की बात कही है. नेम प्लेट लगे वाहनों में सबसे अधिक वाहन जनप्रतिनिधियों और सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों के दिखाई पड़ते हैं. इनके रसूख के चलते परिवहन और पुलिस ऐसे वाहनों को देखकर चेक करना तो दूर की बात रोकने का साहस भी नहीं जुटाती है.

Intro:


Summary- सरकारी या निजी वाहन पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा नहीं कि स्टेटस सिंबल का यह प्रेम सिर्फ अफसरों में ही है, तमाम राजनीतिक दलों के नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट लगाकर रौब गांठते देखे जा सकते हैं। काशीपुर की किसी भी सड़क पर ऐसी गाड़ियों के दीदार आसानी से किए जा सकते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि इन गाड़ियों के नेम प्लेट देख पुलिस भी सीधे कार्रवाई करने से कदम पीछे खींच लेती है।

एंकर- सरकारी या निजी वाहन पर विभाग या पद नाम लिखवाने को प्रतिबंधित करने के बाद भी लोग अपने स्टेटस को जगजाहिर करने के लिए बड़े-बड़े नेम प्लेट लगवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा नहीं कि स्टेटस सिंबल का यह प्रेम सिर्फ अफसरों में ही है, तमाम राजनीतिक दलों के नेता भी बड़े-बड़े नेम प्लेट लगाकर रौब गांठते देखे जा सकते हैं। काशीपुर की किसी भी सड़क पर ऐसी गाड़ियों के दीदार आसानी से किए जा सकते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि इन गाड़ियों के नेम प्लेट देख पुलिस भी सीधे कार्रवाई करने से कदम पीछे खींच लेती है।

Body:वीओ- आपने अक्सर अपने शहर के कई दुपहिया वाहनो एंव चार पहिया वाहनो मे विधायक, प्रेस , पुलिस , अध्यक्ष , सरपंच आदि की नेम प्लेट या मोनोग्राम लगा देखा होगा । ये सभी शब्दों की बड़ी बड़ी नेम प्लेट वाहन मालिक सिर्फ इसलिए अपने वाहन पर लगाते है ताकि वे अपने आप को विशिष्ट दर्जा का व्यक्ति बता सके । काशीपुर की सड़कों पर भी इस तरह के वाहन दौड़ते नजर आ जाएंगे। पुलिस मुख्यालय तक पहुंची ऐसी शिकायतों को अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के डीआइजी को पत्र लिख कर ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था। पुलिस ने भी कुछ दिन तक इस मामले में कार्यवाही की परन्तु माननीयों की गाडी पर लगी नेम प्लेट उतरवाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। अब अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर द्वारा इस मामले में एम बी एक्ट में कारवाही किये जाने की बात कही गई है।इन नेम प्लेट लगे वाहनों में सबसे अधिक वाहन जनप्रतिनिधियों व सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों के दिखाई पड़ते है। इनके रसूख के चलते परिवहन व पुलिस ऐसे वाहनों को देखकर चैक करना तो दूर की बात रोकने का साहस भी नहीं जुटाती है।

बाईट - डॉ जगदीश चंद्र ( अपर पुलिस अधीक्षक )
Conclusion:
Last Updated : Dec 1, 2019, 11:33 PM IST
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