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खटीमा: बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों की लगी भीड़, एसएसबी ने रोका

उत्तराखंड में अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर नेपाल जा रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी ने बॉर्डर पर रोक दिया. वहीं, नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को सीमा में प्रवेश देने से मना कर दिया.

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बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों की लगी भीड़
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Published : May 10, 2020, 4:04 PM IST

खटीमा: लॉकडाउन की वजह से कई लोग देश-विदेश में फंसे हुए हैं. ऐसे में उत्तराखंड में कई नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं. इनमें से कई नेपाली नागरिक ऐसे हैं जिन्होंने उत्तराखंड में अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है. जिसके बाद ये नेपाली नागरिक उधम सिंह नगर जनपद के खटीमा से लगे भारत नेपाल की सीमा के रास्ते नेपाल जा रहे थे. जहां इन लोगों को एसएसबी ने इन्हें रोक लिया. वहीं, नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को देश में प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया है.

प्रदेश में दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में नेपाल जाने के लिये आये नेपाली नागरिकों को उधम सिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा जिले में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया था. कल जिला प्रशासन द्वारा नेपाली नागरिकों के क्वारंटाइन के 14 दिन पूरे होने के बाद, उन्हें नेपाल जाने के लिए रिलीव कर दिया गया था. वहीं, नेपाली नागरिकों ने जब नेपाल जाने के लिए खटीमा से लगी खुली सीमा के रास्ते अपने देश वापस जा रहे थे तभी बॉर्डर पर तैनात एसएसबी ने सभी को बॉर्डर पर ही रोक लिया.

बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों की लगी भीड़

ये भी पढ़े: बांग्लादेश में टिहरी के व्यक्ति की मौत, परिजनों ने शव वापसी के लिए लगाई गुहार

एसएसबी द्वारा नेपाली प्रशासन से अपने नागरिकों को नेपाल में लेने के लिए कहा गया. जिस पर नेपाल प्रशासन ने अपने नागरिकों को लेने से मना कर दिया. जिस कारण कालापुल एसएसबी पुलिस चौकी पर दर्जनों नेपाली नागरिक इकट्ठे हो गए हैं, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. सभी अपने देश नेपाल जाने को लेकर काफी परेशान है.

वहीं, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत-नेपाल की सीमा पूरी तरह से आवागमन के लिए बंद है. ऐसे समय ने नेपाली मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटरों से अपने कंपनी वापस जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन ये मजदूर कंपनियों में ना जाकर भारत नेपाल सीमा पर पहुंच गए. जहां एसएसबी और स्थानीय प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. जहां तक इन मजदूरों की बात है तो बॉर्डर खुलने के बाद ही उन्हें नेपाल भेजा जाएगा. तब तक इन लोगों को जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर या शिविर में जाने को कहा है, अगर वह चाहे तो अपनी कंपनियों में भी जा सकते है. जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तबतक ये नेपाली अपने देश नहीं जा सकते हैं.

खटीमा: लॉकडाउन की वजह से कई लोग देश-विदेश में फंसे हुए हैं. ऐसे में उत्तराखंड में कई नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं. इनमें से कई नेपाली नागरिक ऐसे हैं जिन्होंने उत्तराखंड में अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है. जिसके बाद ये नेपाली नागरिक उधम सिंह नगर जनपद के खटीमा से लगे भारत नेपाल की सीमा के रास्ते नेपाल जा रहे थे. जहां इन लोगों को एसएसबी ने इन्हें रोक लिया. वहीं, नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को देश में प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया है.

प्रदेश में दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में नेपाल जाने के लिये आये नेपाली नागरिकों को उधम सिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा जिले में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया था. कल जिला प्रशासन द्वारा नेपाली नागरिकों के क्वारंटाइन के 14 दिन पूरे होने के बाद, उन्हें नेपाल जाने के लिए रिलीव कर दिया गया था. वहीं, नेपाली नागरिकों ने जब नेपाल जाने के लिए खटीमा से लगी खुली सीमा के रास्ते अपने देश वापस जा रहे थे तभी बॉर्डर पर तैनात एसएसबी ने सभी को बॉर्डर पर ही रोक लिया.

बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों की लगी भीड़

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एसएसबी द्वारा नेपाली प्रशासन से अपने नागरिकों को नेपाल में लेने के लिए कहा गया. जिस पर नेपाल प्रशासन ने अपने नागरिकों को लेने से मना कर दिया. जिस कारण कालापुल एसएसबी पुलिस चौकी पर दर्जनों नेपाली नागरिक इकट्ठे हो गए हैं, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. सभी अपने देश नेपाल जाने को लेकर काफी परेशान है.

वहीं, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत-नेपाल की सीमा पूरी तरह से आवागमन के लिए बंद है. ऐसे समय ने नेपाली मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटरों से अपने कंपनी वापस जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन ये मजदूर कंपनियों में ना जाकर भारत नेपाल सीमा पर पहुंच गए. जहां एसएसबी और स्थानीय प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. जहां तक इन मजदूरों की बात है तो बॉर्डर खुलने के बाद ही उन्हें नेपाल भेजा जाएगा. तब तक इन लोगों को जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर या शिविर में जाने को कहा है, अगर वह चाहे तो अपनी कंपनियों में भी जा सकते है. जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तबतक ये नेपाली अपने देश नहीं जा सकते हैं.

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