खटीमा: कोरोना काल में बंद हुआ नेपाल बॉर्डर (India-Nepal border opened ) 18 महीने बाद वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है. चंपावत जिले के बनबसा व्यापार मंडल काफी समय से नेपाल बॉर्डर को खोलने की मांग कर रहा था. बनबसा व्यापार मंडल (banbasa vyapar mandal) के आग्रह पर नेपाल के महेंद्र नगर व्यापार मंडल ने अपने अधिकारियों से वार्ता की थी, जिसके बाद भारत-नेपाल सीमा को खुलवाया गया. नेपाली प्रशासन द्वारा भारत नेपाल बॉर्डर गड्ढा चौकी पर भंसार (कस्टम) का ऑफिस भी आज से खोल दिया गया है.
भारत के नागरिकों को नेपाल जाने के लिए कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट या फिर कोरोना के दोनों टीके लगे होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा. बता दें कि कोरोना काल में भारत और नेपाल की सीमा को बंद कर दिया गया था. यहां से किसी भी तरह का आवाजाही नहीं हो रही थी. हालांकि, बाद में जब कोरोना के मामले कम हुए तो नेपाल प्रशासन ने पैदल आवाजाही के लिए की अनुमति दे दी थी, लेकिन वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा रखी थी. इसकी वजह से व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
बनबसा व्यापार मंडल लगातार भारत-नेपाल सीमा को आम जनता के लिए खोलने की मांग कर रहा था. बनबसा व्यापार मंडल ने भारतीय प्रशासन के जरिए नेपाली प्रशासन को एक ज्ञापन भी भेजा था. बनबसा व्यापार मंडल की पहल पर नेपाल बस व्यवसाय समिति के अध्यक्ष डंमर पंत, होटल व्यवसाय संघ के महेश बोहरा, परमानंद भंडारी और हेमराज जोशी ने नेपाल प्रशासन से वार्ता कर बनबसा सीमा से भारतीय वाहनों के प्रवेश पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था.
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वहीं, नेपाल ने व्यापारियों की मांग मानी और बुधवार से भारतीय वाहनों के नेपाल में प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया है. अब भारतीय निजी वाहनों से भी नेपाल जा सकेंगे. हालांकि, इस दौरान नेपाल जाने वाले नागरिकों को कोरोना एसओपी का पालन करना होगा. नेपाली प्रशासन द्वारा भारत नेपाल बॉर्डर गड्ढा चौकी पर भंसार (कस्टम) का ऑफिस भी आज से खोल दिया गया है.