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मालिकाना हक न मिलने खफा ग्रामीण, विस चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी - मालिकाना हक न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने निकाला जुलूस

मानपुर फिरोजपुर के नई बस्ती के ग्रामीणों ने मालिकाना हक न मिलने से खफा हैं. गुस्साए ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

Villagers took out procession
ग्रामीणों ने निकाला जुलूस
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Published : Jan 1, 2022, 9:25 AM IST

Updated : Jan 1, 2022, 9:49 AM IST

काशीपुर: मानपुर फिरोजपुर के नई बस्ती के ग्रामीणों ने मालिकाना हक न मिलने से आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने तंग आकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. गुस्साए ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर रोष जताया. साथ ही ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी आकांक्षा वर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी भेजा.

बता दें कि, वर्ष 1994 में पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो के कई परिवारों को कॉर्बेट रिजर्व की ओर से वन बंदोबस्त के तहत विस्थापित कर काशीपुर के मानपुर, प्रतापपुर और रामनगर के आमपोखरा में बसाया गया था. तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पैमाइश कर भूमि भी आवंटित कर दी गई थी. लेकिन 27 साल गुजरने के बाद भी उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल पाया है.

मालिकाना हक न मिलने खफा ग्रामीण.

जिसके चलते वह सभी अपने भू-स्वामित्व संबंधित अभिलेखों को काशीपुर तहसील में ऑनलाइन दर्ज करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके चलते विस्थापित परिवारों को सरकारी योजनाओं और यहां तक कि किसान सम्मान निधि और लोन आदि सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. लोगों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बाद भी सरकार उनकी जायज मांगों पर गौर नहीं कर रही है.

पढ़ें: कांग्रेस ने 45 प्रत्याशियों के नाम किए फाइनल, हरीश रावत बोले- मेरा नाम सूची में नहीं

आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि जमीन हमारी होने के बाद भी उनकी नहीं है. वहीं उपजिलाधिकारी आकांक्षा वर्मा ने कहा कि पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है. इस मामले में उच्चधिकारियों को संज्ञान लेना है.

काशीपुर: मानपुर फिरोजपुर के नई बस्ती के ग्रामीणों ने मालिकाना हक न मिलने से आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने तंग आकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. गुस्साए ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर रोष जताया. साथ ही ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी आकांक्षा वर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी भेजा.

बता दें कि, वर्ष 1994 में पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो के कई परिवारों को कॉर्बेट रिजर्व की ओर से वन बंदोबस्त के तहत विस्थापित कर काशीपुर के मानपुर, प्रतापपुर और रामनगर के आमपोखरा में बसाया गया था. तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पैमाइश कर भूमि भी आवंटित कर दी गई थी. लेकिन 27 साल गुजरने के बाद भी उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल पाया है.

मालिकाना हक न मिलने खफा ग्रामीण.

जिसके चलते वह सभी अपने भू-स्वामित्व संबंधित अभिलेखों को काशीपुर तहसील में ऑनलाइन दर्ज करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके चलते विस्थापित परिवारों को सरकारी योजनाओं और यहां तक कि किसान सम्मान निधि और लोन आदि सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. लोगों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बाद भी सरकार उनकी जायज मांगों पर गौर नहीं कर रही है.

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आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि जमीन हमारी होने के बाद भी उनकी नहीं है. वहीं उपजिलाधिकारी आकांक्षा वर्मा ने कहा कि पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है. इस मामले में उच्चधिकारियों को संज्ञान लेना है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 9:49 AM IST
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