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अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए काशीपुर के मुकेश, चार महीने बाद ही होने वाले थे रिटायर्ड - अरुणाचल प्रदेश में काशीपुर का लाल शहीद

मुकेश चार महीने बाद ही सेना से रिटायर्ड होने वाले थे. लेकिन, उससे पहले ही वे एक हादसे में वो शहीद हो गए. उनका परिवार काशीपुर में रहता है.

martyred Mukesh  news
शहीद की फाइल फोटो.
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Published : Dec 14, 2020, 11:01 PM IST

काशीपुर: कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत काशीपुर के रहने वाला जवान मुकेश ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में तैनात कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश कुमार के निधन की खबर जैसी ही परिजनों को मिली तो घर में कोहराम मच गया. जवान मुकेश का पार्थिव शरीर मंगलवार रात या बुधवार सुबह को काशीपुर उनके आवास पर लाया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, मुकेश मूल रूप से मुरादाबाद जिले के गक्खरपुर गांव के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले दस सालों से वे काशीपुर ग्राम नंदरामपुर में रह रहे थे. यहीं पर उन्होंने मकान भी बना लिया था. इसी गांव में उनकी ससुराल भी है. मुकेश 9 कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे, जो पिछले तीन साल से अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में तैनात थे. चार महीने बाद ही वे रिटायर्ड होने वाले थे.

पढ़ें- उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट बनाने की कवायद तेज, गृह सचिव के साथ डीजीपी ने की बैठक

जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर करीब तीन बजे यूनिट के अधिकारियों ने मुकेश के बड़े बेटे विशाल कुमार को सूचना दी कि तुम्हारे पिता की हालत गंभीर है. इसके करीब आधे घंटे बाद यूनिट से उन्हें पिता के निधन की खबर मिली. सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया.

मृतक के साले और प्रधान पति रोहित कुमार ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि हवलदार मुकेश का निधन कैसे हुआ इसके बारे में उन्हें कोई ज्यादा जानकारी नहीं है. फिलहाल, आग लगने के कारण उनका निधन हुआ है ये ही बताया जा रहा है.

शहीद के परिवार में पत्नी नीलम और दो बेटे विशाल (18) और ऋषभ (15) हैं. शहीद के भाई को रानीखेत में निजी व्यवसाय है, जबकि दोनों बहनें बबली और कविता विवाहित हैं. शहीद मुकेश के परिजनों के मुताबिक, चार अप्रैल 2021 को वे सेवानिवृत्त हो रहे थे. तीन साल पहले ही मुकेश के पिता का निधन हुआ है वे भी ने सेना से रिटायर्ड हुए थे.

काशीपुर: कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत काशीपुर के रहने वाला जवान मुकेश ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में तैनात कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश कुमार के निधन की खबर जैसी ही परिजनों को मिली तो घर में कोहराम मच गया. जवान मुकेश का पार्थिव शरीर मंगलवार रात या बुधवार सुबह को काशीपुर उनके आवास पर लाया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, मुकेश मूल रूप से मुरादाबाद जिले के गक्खरपुर गांव के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले दस सालों से वे काशीपुर ग्राम नंदरामपुर में रह रहे थे. यहीं पर उन्होंने मकान भी बना लिया था. इसी गांव में उनकी ससुराल भी है. मुकेश 9 कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे, जो पिछले तीन साल से अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में तैनात थे. चार महीने बाद ही वे रिटायर्ड होने वाले थे.

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जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर करीब तीन बजे यूनिट के अधिकारियों ने मुकेश के बड़े बेटे विशाल कुमार को सूचना दी कि तुम्हारे पिता की हालत गंभीर है. इसके करीब आधे घंटे बाद यूनिट से उन्हें पिता के निधन की खबर मिली. सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया.

मृतक के साले और प्रधान पति रोहित कुमार ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि हवलदार मुकेश का निधन कैसे हुआ इसके बारे में उन्हें कोई ज्यादा जानकारी नहीं है. फिलहाल, आग लगने के कारण उनका निधन हुआ है ये ही बताया जा रहा है.

शहीद के परिवार में पत्नी नीलम और दो बेटे विशाल (18) और ऋषभ (15) हैं. शहीद के भाई को रानीखेत में निजी व्यवसाय है, जबकि दोनों बहनें बबली और कविता विवाहित हैं. शहीद मुकेश के परिजनों के मुताबिक, चार अप्रैल 2021 को वे सेवानिवृत्त हो रहे थे. तीन साल पहले ही मुकेश के पिता का निधन हुआ है वे भी ने सेना से रिटायर्ड हुए थे.

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