काशीपुर: बीते दिनों भारी बरसात से हुए जलभराव को लेकर आज विधायक और पूर्व विधायक ने अपने कार्यालय में नगर निगम के पार्षदों के साथ बैठक की. इसी बीच जलभराव से निजात के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई. पार्षदों से कहा गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जलभराव वाले स्थान चिन्हित कर प्रस्ताव दें. वहीं, मीटिंग से महापौर ऊषा चौधरी नदारद दिखी.
पार्षदों ने बैठक में बताईं समस्याएं:पार्षद अनिल कुमार ने कहा कि वार्ड नंबर एक, दो और तीन का पानी बहल्ला नदी में जाता है. ऐसे में नाला निर्माण के लिए कई बार निगम और विधायक को पत्र दिया जा चुका है, लेकिन नाला निर्माण नहीं हो पाया है. मुरादाबाद रोड पर दो नाले हैं, जो बंद हैं. कई बार निगम से कहने के बाद भी उनकी सफाई नहीं हो पाई है. साथ ही लोगों ने स्लैब डालकर नालों में अतिक्रमण किया हुआ है. वहीं, पार्षद जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि जलभराव से निजात दिलाने के लिए बोर कराने की बात कही जा रही है. ऐसे में एक बार बोर कराकर देखा जाए. अगर वह सफल होता है, तो उसके बाद इस पर आगे कार्य किया जाएगा.
जलभराव को लेकर नगर निगम दोषी: पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने काशीपुर में जलभराव के लिए नगर निगम को दोषी दोषी ठहराते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस वर्ष बरसात बहुत ज्यादा हुई है. काशीपुर में जलभराव का एक कारण भारी बरसात ही नहीं, बल्कि नगर निगम द्वारा नालों की सफाई, पानी की निकासी के रास्तों की सफाई ना होना भी है. उन्होंने कहा कि निगम के पास इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे जलभराव को रोका जा सके.
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बैठक में नहीं पहुंची महापौर ऊषा चौधरी : वहीं, जब नगर निगम की महापौर ऊषा चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास विधायक के यहां से बैठक के संबंध में किसी भी तरह का कोई बुलावा नहीं आया है और आता भी तो वह नहीं जाती, क्योंकि शहर के गंभीर मुद्दे पर बैठक नगर निगम के सभागार में होनी चाहिए थी. जिसमें अधिकारी भी मौजूद रहते और जलभराव की समस्या का कुछ बेहतर समाधान निकल पाता.
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