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ग्रेड-पे: 75 KM पदयात्रा करेंगे दो शख्स, खटीमा में CM के घर देंगे ज्ञापन - Social Activist Onkar Singh Dhillon

पुलिसकर्मियों के ग्रेड-पे को लेकर रुद्रपुर के दो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीन दिवसीय पैदल यात्रा का शुभारंभ किया है. दोनों सामाजिक कार्यकर्ता 8 अगस्त को खटीमा स्थित मुख्यमंत्री के घर पहुंच कर ज्ञापन सौंपेंगे.

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Published : Aug 5, 2021, 4:42 PM IST

रुद्रपुर: पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड-पे देने की मांग को लेकर दो समाजसेवियों ने पैदल यात्रा शुरू कर दी है. सामाजिक कार्यकर्ता सुशील गाबा और ओंकार सिंह ढिल्लो को रुद्रपुर कोतवाली के मुख्य गेट से पूर्व कोतवाल राकेश थपलियाल ने तिरंगा सौंप कर रुद्रपुर से खटीमा मुख्यमंत्री निजी निवास तक 75 किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए रवाना किया.

पूर्व कोतवाल राकेश थपलियाल ने दोनों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि पुलिस बल बहुत ही अनुशासित बल होता है. इसलिए वह ना तो अपनी मांग को लेकर यूनियन बना सकता है और ना ही आंदोलन कर सकता है. ऐसे में इन दोनों नौजवानों द्वारा पुलिस परिवारों की पीड़ा को महसूस करते हुए उनके लिए संघर्ष किया जा रहा है, जो कि निश्चित रूप से बहुत ही सराहनीय है.

पढ़ें- 'प्यारी पहाड़न' रेस्टोरेंट में विवाद के बाद बढ़ी रौनक, प्रीति मंडोलिया बोलीं- थैंक्स

रुद्रपुर से लेकर पूरे उत्तराखंड के पुलिस कर्मचारियों के परिवार इन दोनों युवाओं से बहुत ही प्रेरित एवं प्रसन्न हैं. उत्तराखंड के हजारों पुलिस परिवारों को इन दोनों युवाओं के आंदोलन से ₹4600 ग्रेड पे लागू होने की आस जग गई है.

क्या है 4600 ग्रेड-पे मामला: सरकारी सेवा में पहले 10 वर्ष, 16 वर्ष और 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन दी जाती थी. प्रमोशन न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को उस पद का ग्रेड वेतन दिया जाता था. छठे वेतनमान के बाद अब 10 वर्ष, 20 वर्ष और 30 वर्ष में पदोन्नति देने का प्रविधान किया गया है. इसमें अंतर यह है कि अब प्रमोशन न होने पर अगले पद का वेतनमान नहीं बल्कि अगला ग्रेड वेतन दिया जाएगा. पुलिस के जवानों का पहला ग्रेड वेतन 2400 का है. प्रमोशन न होने की स्थिति में उन्हें अगला ग्रेड वेतन 2800 रुपए का मिलेगा, जो पहले 4600 रुपए था. ऐसे में पुलिसकर्मी इसी ग्रेड वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

रुद्रपुर: पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड-पे देने की मांग को लेकर दो समाजसेवियों ने पैदल यात्रा शुरू कर दी है. सामाजिक कार्यकर्ता सुशील गाबा और ओंकार सिंह ढिल्लो को रुद्रपुर कोतवाली के मुख्य गेट से पूर्व कोतवाल राकेश थपलियाल ने तिरंगा सौंप कर रुद्रपुर से खटीमा मुख्यमंत्री निजी निवास तक 75 किलोमीटर की पैदल यात्रा के लिए रवाना किया.

पूर्व कोतवाल राकेश थपलियाल ने दोनों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि पुलिस बल बहुत ही अनुशासित बल होता है. इसलिए वह ना तो अपनी मांग को लेकर यूनियन बना सकता है और ना ही आंदोलन कर सकता है. ऐसे में इन दोनों नौजवानों द्वारा पुलिस परिवारों की पीड़ा को महसूस करते हुए उनके लिए संघर्ष किया जा रहा है, जो कि निश्चित रूप से बहुत ही सराहनीय है.

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रुद्रपुर से लेकर पूरे उत्तराखंड के पुलिस कर्मचारियों के परिवार इन दोनों युवाओं से बहुत ही प्रेरित एवं प्रसन्न हैं. उत्तराखंड के हजारों पुलिस परिवारों को इन दोनों युवाओं के आंदोलन से ₹4600 ग्रेड पे लागू होने की आस जग गई है.

क्या है 4600 ग्रेड-पे मामला: सरकारी सेवा में पहले 10 वर्ष, 16 वर्ष और 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन दी जाती थी. प्रमोशन न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को उस पद का ग्रेड वेतन दिया जाता था. छठे वेतनमान के बाद अब 10 वर्ष, 20 वर्ष और 30 वर्ष में पदोन्नति देने का प्रविधान किया गया है. इसमें अंतर यह है कि अब प्रमोशन न होने पर अगले पद का वेतनमान नहीं बल्कि अगला ग्रेड वेतन दिया जाएगा. पुलिस के जवानों का पहला ग्रेड वेतन 2400 का है. प्रमोशन न होने की स्थिति में उन्हें अगला ग्रेड वेतन 2800 रुपए का मिलेगा, जो पहले 4600 रुपए था. ऐसे में पुलिसकर्मी इसी ग्रेड वेतन को दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

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