उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज खेती दम तोड़ती नजर आ रहा है. पहाड़ में सीमित संसाधनों और कम उपज के कारण पहाड़ के किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं. लेकिन कुमाऊं मंडल में आईजी रह चुके पूरन सिंह रावत ने उत्तराखंड की कृषि में जान फूंकने का काम किया है.
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दरअसल, आईजी पूरन सिंह रावत पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ किसानी में भी रुचि रखते हैं. रावत ने अपने आवास पर रसायन रहित जैविक तरल खाद तैयार की है. उन्होंने तैयार की गई खाद का पहले अपने ही गार्डन में परीक्षण किया और उसके बाद खेतों में, जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है.
आईजी पूरन सिंह रावत का कहना है कि विश्व स्तर पर लोगों का रासायनिक खेती से मोह भंग हो चुका है, क्योंकि रसायन के प्रयोग से हमारा पर्यावरण पूरी तरह प्रदूषित होता जा रहा है और इसकी कास्ट भी बढ़ती जा रही है.
पूरन सिंह रावत ने बताया कि खाद को बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि पहाड़ के किसानों को इसका फायदा मिले और किसान महंगी रसायनिक खाद की जगह कम कीमत की रसायन रहित खाद का प्रयोग कर सकें. बता दें, 2002 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत कुमाऊं मंडल के डीआईजी और आईजी रह चुके हैं. अभी देहरादून हेड ऑफिस में तैनात हैं.
कैसे बनाएं रसायन रहित खाद
100 लीटर तरल खाद बनाने के लिए
प्लास्टिक के ड्रम में सड़ी-गली पत्तियों के साथ ही जैविक कूड़े को डालें.
अब इसमें सौ लीटर पानी तथा दो किलो गुड़ मिलाकर घोल तैयार करें.
ड्रम में हल्का ढक्कन लगाकर उसे धूप में रख दें.
मिश्रण को समय-समय पर हिलाएं.
लगभग 40 दिन में यह घोल झाग छोड़कर हल्के पीले रंग में तब्दील होने लगता है. अब इसको खाद के तौर पर खेती में प्रयोग कर सकते हैं.