रुद्रपुर: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होते हुए तमाम दावेदार अपनी-अपनी विधानसभा सीटों में जनसंपर्क में जुट चुके हैं. इसी कड़ी में किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने एक प्रोग्राम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हरीश रावत द्वारा अपरिपक्व कहने पर रोष जताया.
साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को किच्छा विधानसभा सीट से करारी शिकस्त देने के बाद एक बार फिर भाजपा विधायक राजेश शुक्ला ने मिशन 2022 के लिए अपनी विधानसभा सीट में जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए किच्छा विधायक ने सबसे पहले हरीश रावत पर ही निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि, वो पूर्व मुख्यमंत्री को चैलेंज कर रहे हैं. वो जिन दो विधानसभा सीटों से वो हारे हैं, उन विधानसभा सीटों से वो भाग क्यों रहे हैं? उन विधानसभा सीटों से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे? दरअसल, सच्चाई ये है कि किच्छा विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस को उनके सामने खड़ा होने लायक कैंडिडेट ही नहीं मिल रहा है.
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मंत्री न बनाए जाने के सवाल पर किच्छा विधायक ने कहा कि, हरीश रावत को हराने के बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया इसका उन्हें मलाल नहीं है. वो तो सरकार के आभारी हैं जिन्होंने उनकी विधानसभा सीट में इतना विकास कार्य किया. उन्होंने कहा कि वो इस विधानसभा चुनाव में विकास को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं और जनता का प्यार भी उन्हें मिल रहा है.
अपने मुख्य कामों को गिनाते हुए राजेश शुक्ला ने बताया कि उन्होंने मॉडल डिग्री कॉलेज, हाईटेक बस अड्डा, शहर की पार्किंग समस्या हल करने के लिए कार्य, पंतनगर यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए प्रस्ताव पास करवाए हैं. राजेश शुक्ला ने कहा कि इस बार भी क्षेत्र की जनता उनके किए कार्यों की बदौलत उन्हें ही विधानसभा भेजेगी.
गौर हो कि पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत दो सीटों से चुनाव लड़े थे. गढ़वाल में हरिद्वार ग्रामीण और कुमाऊं में किच्छा सीट से. लेकिन वो दोनों ही सीट से हार गए थे. इसके बाद हरीश रावत की काफी किरकिरी हुई थी. विपक्ष 2022 के चुनावों में इस मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश में लगा है और ये प्रमाणित करना चाहता है कि हरीश रावत को जनता दोनों मंडलों से नकार चुकी है. किच्छा विधायक राजेश शुक्ला की सीधी चुनौती भी यही दर्शा रही है.