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पंचायत चुनाव में इस गांव के लोग नहीं करेंगे मतदान, सरकार और प्रशासन की बेरुखी के बाद लिया फैसला

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Published : Oct 1, 2019, 12:54 PM IST

काशीपुर के लालढांग नई बस्ती के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर दिया है.

ग्रामीणों ने किया रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद.

काशीपुर: प्रदेश में पंचायत चुनाव का शोर मचा हुआ है. जहां प्रत्याशी वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं कई जगहों पर जनता गांव का समुचित विकास न होने पर उम्मीदवारों और सरकार को सबक सिखाने के मूड में है. इसी के इतर काशीपुर के लालढांग नई बस्ती के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर दिया है. जिससे प्रत्याशी सकते में आ गए हैं.

गौर हो कि काशीपुर के ग्राम फिरोजपुर के लालढांग नई बस्ती के लोग लंबे समय से रोड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को शासन-प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. जिससे लोगों में खासा रोष है. वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2000 में रामनगर के पास लालढांग क्षेत्र में करीब 1500 परिवारों को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने विस्थापित किया था. जिसके बाद 90% परिवारों को रामनगर के पीरुमदारा के पास हिम्मतपुर ब्लॉक के हल्दुआ में वन भूमि की जमीन देकर बसा दिया गया था और बाकी 10% परिवारों को काशीपुर के फिरोजपुर के पास वन विभाग की जमीन पर बसाया गया.

ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव के बहिष्कार का एलान.

पढ़ें-ऋषिकेश: शिवपुरी के जंगल में फ्री में दी जा रही बिजली और विभाग को नहीं जानकारी

लोगों का कहना है कि वे आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं. बस्ती की सड़क नहीं बन पाने की वजह से बरसात के दिनों में उन्हें कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है. जिसमें वाहन तो दूर साइकिल चलाना भी मुश्किल है. सड़क की बदहाली से ग्रामीण इतने परेशान हैं कि उन्होंने पंचायत चुनाव में वोट न करने का फैसला लिया है. वहीं ग्रामीणों ने गांव में बैनर टांगकर इसका खुला एलान कर दिया है.

काशीपुर: प्रदेश में पंचायत चुनाव का शोर मचा हुआ है. जहां प्रत्याशी वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं कई जगहों पर जनता गांव का समुचित विकास न होने पर उम्मीदवारों और सरकार को सबक सिखाने के मूड में है. इसी के इतर काशीपुर के लालढांग नई बस्ती के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर दिया है. जिससे प्रत्याशी सकते में आ गए हैं.

गौर हो कि काशीपुर के ग्राम फिरोजपुर के लालढांग नई बस्ती के लोग लंबे समय से रोड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को शासन-प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया. जिससे लोगों में खासा रोष है. वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2000 में रामनगर के पास लालढांग क्षेत्र में करीब 1500 परिवारों को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने विस्थापित किया था. जिसके बाद 90% परिवारों को रामनगर के पीरुमदारा के पास हिम्मतपुर ब्लॉक के हल्दुआ में वन भूमि की जमीन देकर बसा दिया गया था और बाकी 10% परिवारों को काशीपुर के फिरोजपुर के पास वन विभाग की जमीन पर बसाया गया.

ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव के बहिष्कार का एलान.

पढ़ें-ऋषिकेश: शिवपुरी के जंगल में फ्री में दी जा रही बिजली और विभाग को नहीं जानकारी

लोगों का कहना है कि वे आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं. बस्ती की सड़क नहीं बन पाने की वजह से बरसात के दिनों में उन्हें कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है. जिसमें वाहन तो दूर साइकिल चलाना भी मुश्किल है. सड़क की बदहाली से ग्रामीण इतने परेशान हैं कि उन्होंने पंचायत चुनाव में वोट न करने का फैसला लिया है. वहीं ग्रामीणों ने गांव में बैनर टांगकर इसका खुला एलान कर दिया है.

Intro:


Summary- काशीपुर के ग्राम फिरोजपुर के पास लालढांग नई बस्ती के लोगों ने सड़क की मांग को लेकर रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ पंचायत चुनाव का विरोध कर दिया है।

एंकर- प्रदेश में चारों ओर पंचायत चुनाव का शोर मचा हुआ है चुनाव में खड़े उम्मीदवार घर पर जाकर अपने पक्ष में वोट करने की जनता से अपील कर रहे हैं तो वही आम जनता भी उम्मीदवारों को सबक सिखाने के लिए आ तो रहा है। इसी कड़ी में काशीपुर के ग्राम फिरोजपुर के पास लालढांग नई बस्ती के लोगों ने सड़क की मांग को लेकर रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ पंचायत चुनाव का विरोध कर दिया है।
Body:वीओ- सड़क की मांग को लेकर पंचायत चुनाव का बहिष्कार के नारे लगा रहे यह लोग काशीपुर के ग्राम फिरोजपुर के लालढांग नयी बस्ती के रहने वाले हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक सन 2000 में रामनगर के पास लालढांग स्थित करीब 1500 परिवारों को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने वन क्षेत्र बढ़ाने की नियत से इन परिवारों को विस्थापित कर दिया था। जिसके बाद 90% परिवारों को रामनगर के पीरुमदारा के पास हिम्मतपुर ब्लॉक के हल्दुआ में वन भूमि की जमीन देकर बसा दिया था और बाकी 10% परिवारों को काशीपुर के फिरोजपुर के पास वन विभाग की जमीन पर बसा दिया था। तब से लेकर आज तक यहां सरकार मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है। बस्ती की सड़क नहीं बन पाने की वजह से बरसात के दिनों में गाना कीचड़ से भरी इन सड़कों पर वाहनों से तो दूर बल्कि साइकिल और पैदल तक चलना मुश्किल हो जाता है। सड़क ऐसी मांग को लेकर यहां के लोगों ने इस पंचायत चुनाव में सड़क नहीं तो वोट नहीं का बैनर टांगकर पंचायत चुनाव का खुले तौर पर विरोध कर दिया है।
बाइट- उमेश, स्थानीय निवासी
बाइट- राम सिंह, स्थानीय निवासी
बाइट- दान सिंह, स्थानीय निवासी
बाइट- मंजू, स्थानीय निवासीConclusion:
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